नई दिल्ली: लॉकडाउन के कारण पूरे देश में मजदूरों के लिए सबसे बड़ी समस्या खाने की हो गई है. इस बीच दिल्ली के घिटोरनी गांव के कुछ लोगों ने अपने इलाके में रहने वाले मजदूरों की मदद करने का बीड़ा उठाया है. इलाके के लगभग हर घर से 10-10 रोटी आती हैं और अपने इलाके के सभी मजदूरों में बांटी जाती है. शायद यही कारण है कि लॉकडाउन के दौरान यहां के मजदूर दिल्ली छोड़ कर अपने गांव नहीं गए.
बता दें कि घिटोरनी इलाके के चंद लोगों ने खाना बांटने की शुरुआत की थी, वे अपने घरों से खाना बनाकर आसपास के मजदूरों को खिला रहे थे और धीरे-धीरे यह कोशिश एक कारवां बनने लगा. अब घिटोरनी इलाके के लगभग हर घर से 10-10 रोटियां आती हैं और यह रोटियां इलाके के गरीब मजदूर में बांटी जाती है. इस नेक कार्य में कुछ विदेशी सैलानी भी इन लोगों की मदद कर रहे हैं. जो बेल्जियम की छात्रा हैं और उनका नाम मैक्सी है.
आरएसएस भी कर रही है मदद
घिटोरनी इलाके में चल रहे इस नेक कार्य में आरएसएस के लोग भी मदद कर रहे हैं. बता दें कि रोटियां तो घरों से आ जाती है लेकिन सब्जी यह सभी लोग आपस में मिलजुल कर बनाते हैं.वहीं सब्जी बनने के बाद इन खाने की चीजों को अपने इलाके में रहने वाले मजदूरों तक पहुंचाया जाता है. खाना बांटते वक्त सोशल डिस्टेंसिंग का पूरा ख्याल रखा जाता है. इस कार्य में जुड़े घिटोरनी गांव के लोगों का कहना है कि वह इस काम को आगे भी करते रहेंगे.
कोरोना बीमारी भले ही मौत बांटती है लेकिन लॉकडाउन में दिखा दिया कि आज के दौर में इंसानियत कितनी मजबूत है. घिटोरनी इलाके में इस नेक कार्य कुछ इस तरह अंजाम दिया जा रहा है. इससे साफ है कि 10 रोटी सैकड़ों लोगों की पेट भर रही है. यह नेक कार्य का एक अनोखा उदाहरण है. बता दें कि गांव के कुछ लोगों ने ये काम शुरू किया था और आज इनका साथ पूरा का पूरा गांव दे रहा है.