नई दिल्ली : दिल्ली की उपनगरी द्वारका को बहुत ही सुनियोजित तरीके से बसा कर विकसित किया गया था. ये दिल्ली के पॉश इलाकों में से एक है, लेकिन इस पॉश इलाके में आने वाले स्टूडियो अपार्टमेंट्स के फ्लैट्स अब खंडहर की तरह नजर आने लगे हैं. जिससे इनमें रहने वाले लोग हमेशा की किसी हादसे की संभावना से डरे रहते हैं. आप देख सकते हैं कि इन फ्लैट्स की दीवारें-बालकॉनी जर्जर होने लगी हैं. जगह-जगह दीवारों और छतों पर पेड़ उग आए हैं, जो दीवारों को और भी कमजोर करने का काम कर रही है.
यहां रहने वाले लोगों ने बताया कि जब ये अपार्टमेंट बना तो इसे सही तरीके से बनाया नहीं गया और उसके बाद से अब तक इसके मेंटेनेंस और मरम्मत का काम भी नहीं किया गया. जगह-जगह छत पर पानी जमा हो रहा है, जो दीवारों से रिस कर उनके घरों के अंदर तक पहुंच रहा है. दीवारें और बालकॉनी क्रैक हो चुकी हैं, जिसके बारिश में गिरने की संभावना बनी रहती है. ऊपर से पेड़ों के उग आने से दीवारें भी फटती जा रही हैं. इनमें पानी घुस कर फ्लैटों को और भी कमजोर और खतरनाक बना रहा है.
लोगों का कहना है कि कई बार इसकी शिकायत संबंधित डिपार्टमेंट्स से की गई, लेकिन किसी ने भी इस तरफ अब तक ध्यान देना जरूरी नहीं समझा है. दिन ब दिन ये फ्लैट्स जर्जर होते जा रहे हैं. इनमें रहने वाले लोग हमेशा ही डर के साये में इन फ्लैट्स में रहते हैं. इस सोसाइटी में कुल 1736 फ्लैट्स हैं, जिनमें हजारों लोग रहते हैं. लगभग हर फ्लैट में कोई न कोई दिक्कत आ ही चुकी है. खास तौर पर फ्लैट्स के पीछे वाले जिससे और बालकॉनी की हालत काफी जर्जर हो चुकी है, जिसे देख कर लगता है कि ये कभी भी गिर सकते हैं.
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लोगों का आरोप है कि जब चुनाव का समय आता है तो सारे जनप्रतिनिधि वोट मांगने यहां पहुंच जाते हैं, लेकिन जब उन्हीं जनप्रतिनिधियों को ये अपनी समस्या बता रहे हैं, तो उनके कानों पर जू तक नहीं रेंग रही है. लोगों की मांग है कि सरकार इनकी गंभीर हो रही समस्याओं को देखते हुए जल्द से जल्द संबंधित विभाग को इसे दुरुस्त करने के निर्देश दें, जिससे यहां रहने वाले लोगों के साथ किसी हादसे की संभावना ना रहे.
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