नई दिल्ली : राजधानी के एक हिस्से में बीते मंगलवार से आग ने विकराल रूप धारण किया हुआ है. आग का गुबार और उससे उठने वाला धुआं 10-12 किलोमीटर दूर से ही देखा जा सकता है. भलस्वा लैंडफिल साइट में लगी आग से लोगों का जीना दुश्वार हो गया है. दिल्ली नगर निगम और केजरीवाल सरकार अभी तक इस साइट को लेकर कोई बड़ा निर्णय नहीं कर पाई है. बुधवार को दोबारा आग लगने से लोगों में दहशत का माहौल है. लोग सरकार और सिस्टम को कोस रहे हैं.
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ईटीवी भारत की टीम ने भलस्वा लैंडफिल साइट में लगी आग के बाद स्थानीय लोगों से बात की. लोगों का कहना है कि कूड़े की वजह से इलाके में लोगों का रहना मुश्किल हो रहा है. कभी धूल भरी आंधियां लोगों का जीवन प्रभावित करती हैं, तो कभी गर्मी के मौसम में इससे निकलने वाली जहरीली गैस. लोगों ने बताया कि इलाके में कई कॉलोनियां बसी हुई हैं, जिसमें हजारों मकान बने हुए हैं. इस आग के धुएं की वजह से लोगों का जनजीवन अस्त-व्यस्त हो रहा है.
कई किलोमीटर दूर से दिख रहा धुआं
आग का धुआं कई किलोमीटर दूर से ही देखा जा सकता है. इसकी वजह से इलाके का तापमान भी बढ़ गया है. आसपास के लोगों को घर में खाना बनाने में भी डर लग रहा है. इलाके में बीमार लोग भी रहते हैं, जिन्हें अस्थमा की बीमारी है. हवा में फैले धुएं की वजह से लोगों को सांस लेने में समस्या हो रही है.
मैदानी भाग की तरफ बढ़ रही आग
धीरे-धीरे आग नीचे की ओर बढ़ रही है. यदि आग इसी तरह बढ़ती रही तो लोगों को काफी नुकसान उठाना पड़ सकता है. लोग रात भर सो नहीं पा रहे हैं. आग को बुझाने के लिए लोग खुद सामने आ रहे हैं. घर से पानी ले जाकर आग बुझा रहे हैं. आग का फैलाव इतना लंबा है कि सफलता नहीं मिल पा रही है.
एमसीडी और केजरीवाल सरकार पर सवाल
दिल्ली सरकार और नगर निगम की ओर से भलस्वा लैंडफिल साइट के निस्तारण की बात पिछले कई सालों से कहीं जाती रही है, परंतु जमीनी हकीकत आज भी सामने हैं. बहरहाल अब देखना होगा कि इस समस्या से लोगों को कब तक निजात मिलती है, क्योकि भलस्वा की इस भारी समस्या ने हजारों जिंदगियां दांव पर लगा दी हैं.
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