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दिल्ली की सीमाओं पर चल रहा किसान आंदोलन खत्म, सिंघु बॉर्डर से टेंट हटना शुरू

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Published : Dec 9, 2021, 2:27 PM IST

Updated : Dec 9, 2021, 4:05 PM IST

बीते एक साल से चल रहा किसान आंदोलन खत्म हो गया है. संयुक्त किसान मोर्चा ने इसका औपचारिक एलान कर दिया है. दरअसल सरकार के प्रस्ताव के बाद किसानों ने यह फैसला लिया है.

Farmers start removing tents from their protest site in Singhu on Delhi-Haryana
Farmers start removing tents from their protest site in Singhu on Delhi-Haryana

नई दिल्ली: संयुक्त किसान मोर्चा के नेताओं ने आंदोलन खत्म करने का एलान कर दिया है. दिल्ली की अलग-अलग सीमाओं पर आंदोलन कर रहे किसान 11 दिसंबर से अपने घरों के लिए रवाना होंगे. किसान मोर्चा के नेताओं ने गुरुवार को बैठक में काफी मंथन करने के बाद यह फैसला लिया है. हालांकि इस दौरान सरकार की ओर से भी किसान मोर्चा के लिए एक पत्र आया था, जिसमें सरकार ने आंदोलन कर रहे किसानों की सभी मांगें मांगने का जिक्र किया है.

दिल्ली की सीमाओं पर डटे किसानों ने भी आंदोलन से जाने की तैयारी कर दी है. सिंघु-कुंडली बॉर्डर पर पिछले एक साल से डटे किसान अब वापस होने लगे हैं. उनका कहना है कि अब सरकार ने उनकी सभी मांगें मान ली हैं, इसलिए अब वो घर जाएंगे. किसानों ने टेंट को उखाड़ना भी शुरू कर दिया है. तिरपाल, बिस्तरों को ट्रक और ट्रैक्टर में रख रहे हैं.

Farmers start removing tents from their protest site in Singhu on Delhi-Haryana
केंद्र सरकार का किसानों को पत्र.

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संयुक्त किसान मोर्चा को सरकार की ओर से भेजे गए प्रस्ताव में कहा गया है कि किसानों की सबसे बड़ी मांग MSP पर कमेटी बनाई जाएगी. आंदोलन के दौरान किसानों पर दर्ज हुए मुकदमों को भी वापस ले लिया जाएगा. आंदोलन के दौरान जान गंवाने वाले किसानों को भी मुआवजा दिए जाने की मांग पर मांग ली है. उसके अलावा बिजली और पराली पर किसानों की मांग भी मान लगी गई है.

दिल्ली-हरियाणा स्थित सिंघु बॉर्डर से टेंट हटाते किसान.

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कृषि बिल के विरोध में किसान आंदोलन 9 अगस्त 2020 से शुरू हुआ. सितंबर 2020 में बिल के संसद की स्वीकृति के बाद आंदोलन गरमाया. नवंबर में किसान दिल्ली के बॉर्डर पर जम गए. उस समय किसानों ने तीनों कृषि बिल को निरस्त करने, एमएसपी सुनिश्चित करने के लिए कानून बनाने, पराली जलाने पर दर्ज मुकदमों को वापस लेने, बिजली अध्यादेश 2020 को निरस्त करने, आंदोलन के दौरान मारे गए किसान के परिवार को मुआवजा देने और किसान नेताओं पर से दर्ज मुकदमे वापस लेने की मांग की थी. सरकार ने उनकी सारी मांगें मान लीं.

Last Updated : Dec 9, 2021, 4:05 PM IST
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