नई दिल्ली: दिल्ली में बकाबू होते कोरोना वायरस के बीच अस्पतालों में कोरोना संक्रमित मरीजों का इलाज करने वाले डाॅक्टरों पर उनकी स्वास्थ्य सुरक्षा का खतरा मंडरा रहा है. ऐसे में FAIMA इन डाॅक्टरों को क्वारंटाइन सुविधा दिए जाने की मांग कर रहा है.
कार्डियोलॉजिस्ट डॉक्टर नरेश त्रेहन का कहना है कि अगले एक सप्ताह में यह अपना विकराल रूप दिखा सकता है. ऐसे में अस्पतालों में कोरोना मरीजों का इलाज कर रहे डॉक्टर की सुरक्षा जरूरी है, ताकि डाॅक्टर बड़ी संख्या में मरीजों को इलाज करने के लिए तैयार रहें. डाॅक्टरों को क्वारंटाइन सुविधा देने से वह खुद को और दूसरों को भी कोरोना के संक्रमण से सुरक्षित रख सकते हैं.
फिलहाल सरकार केवल कोरोना के स्पष्ट लक्षण होने पर ही डाॅक्टरों को क्वारंटाइन की सुविधा दे रही है, लेकिन अगर डॉक्टरों को यह सुविधा नहीं दी जाएगी तो वे चलते-फिरते कोरोना के वाहक हो सकते हैं.
वहीं FAIMA के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉक्टर रोहन कृष्णन बताते हैं कि कोरोना मरीजों के इलाज के दौरान डॉक्टर एक्सपोज होते हैं. वह ना चाहते हुए भी कोरोना वायरस के संपर्क में आते हैं. उन्हें क्वारंटाइन का पूरा अधिकार है. अगर उन्हें यह सुविधा नहीं दी जाएगी तो बिना लक्षणों वाले कोरोना संक्रमण के साथ व दूसरे डॉक्टर और अन्य लोगों को भी संक्रमित कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि यह बड़ी चिंता की बात है कि कुछ अस्पतालों में क्वारंटाइन को छुट्टियों से जोड़कर देखा जा रहा है. छुट्टी से क्वारंटाइन का कुछ भी लेना-देना नहीं है. यह सुरक्षा के लिहाज से बहुत जरूरी है.
डॉक्टर रोहन ने एक सुझाव देते हुए कहा कि अगर ऐसा हो कि डॉक्टरों को टीम में विभाजित कर अलग अलग समय पर और अलग-अलग दिन में उनकी ड्यूटी लगाई जाए तो इससे डॉक्टर को भी आराम होगा और वह कोरोना संक्रमण से बचे रह सकते हैं. ऐसे में अगर एक टीम संक्रमित भी होती है तो उसकी जगह पर दूसरी टीम काम करने के लिए तैयार रहेगी. ऐसा उन्होंने पहले भी कुछ अस्पतालों में होते हुए देखा है. सरकार को इस पर भी विचार करना चाहिए.