नई दिल्ली: मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शुक्रवार को दिल्ली के लिए नई इलेक्ट्रिक व्हीकल पॉलिसी को मंजूरी दी. इसके अंतर्गत अगले पांच साल में कम से कम 25 फीसदी इलेक्ट्रिक वाहनों के दिल्ली में रजिस्ट्रेशन का लक्ष्य रखा गया है. दिल्ली वालों को इलेक्ट्रिक वाहनों के प्रति आकर्षित करने के लिए सरकार तमाम तरह के इंसेंटिव भी दे रही है. लेकिन सवाल यह है कि क्या दिल्ली व्यवस्था के नजरिए से इसके लिए तैयार है.
एक साल में 200 चार्जिंग स्टेशन
इलेक्ट्रिक वाहनों के साथ सबसे बड़ी समस्या होती है कि उन्हें चार्ज करने के लिए चार्जिंग स्टेशन्स की उपलब्धता होनी चाहिए. हालांकि मुख्यमंत्री ने ईवी पॉलिसी की घोषणा के समय कहा कि सरकार एक साल के भीतर पूरी दिल्ली में 200 चार्जिंग स्टेशन बनाएगी. लेकिन वर्तमान समय में भी दिल्ली में कई चार्जिंग स्टेशन हैं. वे अभी किस हाल में हैं और क्या लोग उनका फायदा ले रहे हैं. इसे लेकर ईटीवी भारत ने पड़ताल की.
सूना पड़ा है नवनिर्मित चार्जिंग स्टेशन
पूर्वी दिल्ली के पटपड़गंज में पिछले ही महीने उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने एक प्लग-इन ईवी चार्जिंग स्टेशन का उद्धाटन किया था. उस दिन वहां चार्जिंग के लिए कई गाड़ियों की कतार थी, लेकिन आज यह चार्जिंग स्टेशन सूना पड़ा है. इस चार्जिंग स्टेशन की देखरेख के काम से जुड़े असलम ने बताया कि कल शाम में एक गाड़ी चार्जिंग के लिए आई थी, लेकिन आज एक भी गाड़ी नहीं आई है. हर दिन बमुश्किल एक गाड़ी आ पाती है.
प्रभावी हो सकती है ईवी पॉलिसी
बता दें कि यह पूरी तरह से डिजिटल ईवी चार्जिंग स्टेशन है. इसके अलावा भी दिल्ली के अलग अलग इलाकों में अलग अलग चार्जिंग स्टेशनों का यही हाल है. हालांकि अच्छी बात यह है कि दिल्ली में इलेक्ट्रिक गाड़ियों के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार दिख रहा. अभी उतनी बड़ी संख्या में दिल्ली की सड़कों पर इलेक्ट्रिक गाड़ियां नहीं हैं, लेकिन आगामी दिनों में सरकार की नीति से प्रभावित होकर लोग इस तरफ आकर्षित हो सकते हैं.