नई दिल्ली : पूर्वी दिल्ली नगर निगम के बजट सत्र की विशेष बैठकों का दौर जारी है. रविवार को भी वर्चुअल बैठक हुई. इस विशेष बजट बैठक में पक्ष व विपक्ष के 16 पार्षदों ने अपने-अपने विचार साझा किए.
बिपिन बिहारी सिंह ने कहा कि दिल्ली सरकार जब आयी थी तो हेल्पलाईन के माध्यम से दिल्ली के नागरिकों की समस्या को दूर करने का वादा किया था. लेकिन ऐसा नहीं हुआ. पूर्वी दिल्ली के महापौर ने हेल्पलाइन द्वारा लोगों की समस्याअें को दूर करने का प्रयास किया. यह काफी सराहनीय है. लेकिन नेता विपक्ष ने इसे हतोत्साहित करने का प्रयास किया है. जबकि उन्हें प्रोत्साहित करना चाहिए था.
बिहारी सिंह ने कहा कि अगर दिल्ली सरकार निगमों का बकाया फंड दे देती है तो पूर्वी दिल्ली नगर निगम भी कोरोना योद्धाओं को प्रोत्साहन राशि दे सकती है. नेता विपक्ष ने एक बार भी निगमों का बकाया राशि देने के बारे में कोई बात नहीं कही है, जिससे हम कर्मचारियों को हक दिला सकें. केन्द्र सरकार द्वारा दिये गये राशन गोदामों के अंदर ही सड़ गये जिससे गरीबों में नहीं बांटे जा सके.
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अजय शर्मा ने कहा कि धारा 273 के अन्तर्गत स्थानीय निकायों के पोषण का दायित्व राज्य सरकार पर होता है. कुल आय का 12.5 प्रतिषत निगमों को देना होता है. सभी वार्डों से संपत्ति कर की वसूली की जानी चाहिए. जबकि विपक्ष के वार्ड से संपत्ति कर आ ही नहीं रहा है. दिल्ली जल बोर्ड जगह-जगह सीवर के नाम पर रोड कटिंग करती है. इसके लिए उन पर भारी जुर्माना लगाया जाना चाहिए.
पुनीत शर्मा ने कहा कि कोविड-19 के दौरान तीनों बार विपक्ष के पार्षद गुम हो गये. लेकिन भाजपा कार्यकर्ता जमीनी स्तर पर काम करता है. आज बिजली, पानी, स्वास्थ्य सभी मुद्दों पर दिल्ली सरकार फेल हो गई है. यह विपक्ष के सदस्य भी मानते हैं कि केंद्र सरकार द्वारा जीएसटी लागू करने के बाद दिल्ली सरकार की आय दो गुणा बढ़ गयी तो कुछ हिस्सा निगम को भी देना चाहिए. पूर्वी दिल्ली क्षेत्र में जो भूमि खाली पड़ी है वहां पार्किंग आवंटित करके और विज्ञापनों पर नियंत्रण करके राजस्व बढ़ाया जा सकता है.
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नीता बिष्ठ ने कहा कि पूर्वी दिल्ली नगर निगम की बजट व्यवस्था काफी हद तक राज्य सरकार पर निर्भर करती है. दिल्ली सरकार निगम को होने वाली आय को ही खत्म करना चाह रही है. दूसरी तरफ हमें वेतन का पैसा भी समय पर नहीं देती है. दिल्ली सरकार केवल 10 हफ्ते 10 बजे 10 मिनट जैसे विज्ञापनों पर अरबों रूपये खर्च कर देती है. वहीं पूर्वी दिल्ली नगर निगम को वेतन के लिए पैसे देने से मना कर देती है. मैं विपक्ष के सभी पार्षदों और नेता विपक्ष से आग्रह करती हूं कि आपकी पार्टी की सरकार दिल्ली में है. उनसे आग्रह करके पूर्वी दिल्ली नगर निगम को बकाया राशि दिलवायें, जिससे निगम के कर्मचारियों को समय पर वेतन दे सकें.