नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट के रेलवे लाइन के आसपास बनी 48 000 झुग्गियां को हटाए जाने के फैसले के बाद दिल्ली सरकार ने ऐलान किया है कि वह झुग्गी बस्ती वालों को घर देगी. इसको लेकर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि फ्लैट तैयार हैं. जहां पर झुग्गी बस्ती वालों के लिए पुनर्वास का इंतजाम किया जाएगा. इसको लेकर ईटीवी भारत ने दिल्ली शहरी आश्रय सुधार बोर्ड (DUSIB) से बात की और जाना कि आखिर झुग्गी बस्ती वालों के पुनर्वास को लेकर उनके पास क्या इंतजाम हैं.
कुल मिलाकर 40 से 42000 फ्लैट डुसिब के पास
डुसिब के मेंबर विपिन कुमार राय ने बताया कि मौजूदा समय में करीब 29000 फ्लैट तैयार हैं, जहां पर थोड़ा बहुत रेनोवेशन आदि का काम होना है. इसके अलावा 16000 फ्लैट अंडर कंस्ट्रक्शन है. इसको मिलाकर कुल 40 से 42 हजार घर दिल्ली शहरी आश्रय सुधार बोर्ड के पास हैं, जो दिल्ली में अलग-अलग लोकेशन पर हैं. इसमें भलस्वा, द्वारका, बप्रोला आदि जगह हैं. यहां पर इन 48000 झुग्गी बस्ती वालों का पुनर्वासित किया जा सकता है. इसके लिए रेलवे को एक पत्र भी भेजा गया है.
रेलवे ने मांगा है 4 हफ्तों का समय
अधिकारी ने कहा कि 48000 झुग्गी बस्तियों को पुनर्वासित किया जाना है. इसमें करीब 3 से 4 लाख लोग हैं. यह एक बड़ा काम है. ऐसे में इसके लिए एक कमेटी गठित की जानी चाहिए. इसमें राज्य और केंद्र सरकार दोनों मिलकर ये सुनिश्चित करें कि कैसे और कहां इन लोगों का पुनर्वास किया जाएगा. इसी के लिए रेल मंत्रालय को चिट्ठी लिखी है. इसके लिए 4 हफ्तों का समय उनकी तरफ से मांगा गया है, लेकिन अभी तक कोई जवाब उनकी तरफ से नहीं आया है.
बिना पुनर्वास के झुग्गी बस्तियों को नहीं हटाया जा सकता
अधिकारी ने जानकारी दी कि दिल्ली सरकार के कानून के मुताबिक 1 जनवरी 2006 से पहले बनी झुग्गी बस्तियों को बिना रीलोकेशन और पुनर्वास के हटाया नहीं जा सकता है. इसी के अंतर्गत इन झुग्गी बस्तियों को स्थानांतरित किया जाना है. इसके लिए DUSIB पूरी तरीके से तैयार है, लेकिन हम रेलवे और सेंट्रल गवर्नमेंट के जवाब का इंतजार कर रहे हैं.
झुग्गी बस्ती वालों को देने होंगे एक लाख 12 हजार रुपए
अधिकारी विपिन कुमार ने जानकारी दी कि इस योजना के लिए उन बस्ती वालों को फ्लैट के लिए केवल 1 लाख 12 हजार रुपये और 30 हजार रखरखाव के लिए जमा कराने होंगे. इसके अलावा बाकी रकम 10 से 12 लाख रेलवे को देनी होगी. इसके लिए रेलवे कोई चर्चा करने के लिए सामने नहीं आ रहा.