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दिल्ली: ऑडिट पैनल ने उठाए हैं सवाल, पढ़िए ऑक्सीजन-पॉलिटिक्स की पूरी कहानी

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Published : Jun 25, 2021, 12:01 PM IST

Updated : Jun 25, 2021, 2:05 PM IST

सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित ऑक्सीजन ऑडिट पैनल (Oxygen Audit Panel report) ने दिल्ली सरकार पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं. पैनल की रिपोर्ट में कहा गया है कि कोरोना की दूसरी लहर के दौरान दिल्ली सरकार (delhi government oxygen audit report) ने अपनी जरूरत की तुलना में 4 गुना ज्यादा ऑक्सीजन की मांग की. लेकिन दिल्ली सरकार के सूत्रों का कहना है कि यह मामला कोर्ट में है और ऐसी कोई रिपोर्ट सामने नहीं आई है.

oxygen  politics on panel audit report
ऑडिट पैनल ने उठाए हैं सवाल

नई दिल्ली: कोरोना की दूसरी लहर के दौरान दिल्ली उन राज्यों में शामिल है, जो सबसे ज्यादा प्रभावित हुई. हर दिन आने वाले नए मामले 28 हजार को पार कर गए, वहीं मौत के आंकड़े दक दिन में 450 के करीब पहुंच गए.

इस दौरान ऑक्सीजन की काफी किल्लत दिखी और कई अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी के कारण मौत भी हुई. लेकिन सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित एक पैनल की रिपोर्ट में यह बात सामने आई है कि दिल्ली सरकार ने अपनी जरूरत की तुलना में 4 गुना ज्यादा ऑक्सीजन की मांग जारी रखी थी.

ऑडिट पैनल ने उठाए हैं गम्भीर सवाल

सुप्रीम कोर्ट ने ऑक्सीजन ऑडिट (supreme court oxygen audit panel report) के लिए एम्स के डायरेक्टर रणदीप गुलेरिया की अध्यक्षता में एक पैनल का गठन किया था इस पैनल ने अब अपनी रिपोर्ट सौंपी है और यह भी कहा है कि दिल्ली द्वारा की जा रही मांग के कारण 12 राज्यों में ऑक्सीजन सप्लाई पर असर पड़ा था.

इस रिपोर्ट के आधार पर दिल्ली सरकार पर गंभीर सवाल खड़े किए जा रहे हैं. लेकिन इस मामले में दिल्ली सरकार के सूत्र आरोपों को नकारते हैं. उनका कहना है कि ऐसी कोई रिपोर्ट ही नहीं आई है, यह शरारत भरी कोशिश है.

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केंद्र ने बढ़ाया दिल्ली का ऑक्सीजन कोटा

आपको बता दें कि दिल्ली सरकार, दूसरी लहर के दौरान लगातार दिल्ली के लिए हर दिन 700 मीट्रिक टन ऑक्सीजन (oxygen demand delhi) की मांग करती रही. 21 अप्रैल को केंद्र सरकार ने दिल्ली का ऑक्सीजन कोटा (delhi oxygen quota) सामान्य दिनों के 378 मीट्रिक टन से बढ़ाकर 480 मीट्रिक टन कर दिया था. लेकिन दिल्ली सरकार के अनुसार, इसके बावजूद किल्लत जारी रही.

सीएम केजरीवाल और उपमुख्यमंत्री (cm arvind kejriwal oxygen audit panel report) ने तब केंद्र पर कड़े आरोप भी लगाए थे. यहां तक कहा गया था कि उत्तर प्रदेश और हरियाणा जैसे राज्य दिल्ली की ऑक्सीजन सप्लाई को रोक रहे हैं. सीएम केजरीवाल ने पीएम मोदी के साथ बैठक में भी यह सवाल उठाया था.

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पीएम के साथ मीटिंग में सीएम ने उठाया था सवाल

23 अप्रैल को मुख्यमंत्रियों के साथ हो रही प्रधानमंत्री मोदी की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग मीटिंग में ऑक्सीजन की कमी को लेकर सीएम केजरीवाल द्वारा किए गए सवाल और सप्लाई की मांग ने तब खूब सुर्खियां बटोरी थी.

इससे 2 दिन पहले 21 अप्रैल को अरविंद केजरीवाल ने डिजिटल प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा था कि दिल्ली की जरूरत हर दिन 700 मीट्रिक टन की है और उसे बहाल रखा जाना चाहिए. इसी बीच केंद्र की तरफ से दिल्ली का ऑक्सीजन कोटा 480 मीट्रिक टन से बढ़ाकर 490 मीट्रिक टन किया गया और फिर 1 मई को यह 590 मीट्रिक टन हो गया.

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सिर्फ एक दिन मिली 700 टन से ज्यादा सप्लाई

लेकिन इस बीच हर दिन दिल्ली सरकार इसे लेकर सवाल उठाती रही कि केंद्र की तरफ से कोटा के अनुरूप भी सप्लाई नहीं मिल रही है. इस दौरान दिल्ली जल बोर्ड के उपाध्यक्ष राघव चड्ढा हर दिन दिल्ली सरकार की तरफ से ऑक्सीजन बुलेटिन (Delhi oxygen bulletin) जारी कर रहे थे.

राघव ने हर दिन केंद्र सरकार पर कम सप्लाई को लेकर सवाल उठाया. इस दौरान सिर्फ एक दिन ऐसा रहा, जब दिल्ली को 700 मीट्रिक टन से ज्यादा की सप्लाई मिली. हालांकि इसके बाद दिल्ली सरकार ने फिर अपनी मांग बढ़ा दी और कहा गया कि अब हर दिन 976 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की जरूरत है.

पिक डिमांड के बीच दिल्ली को मिली ऑक्सीजन सप्लाई:

तारीखऑक्सीजन सप्लाई
8 मई499 MT
7 मई487 MT
6 मई577 MT
5 मई 730 MT
4 मई555 MT

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सिसोदिया ने कहा था अब कम हो गई जरूरत

मई के पहले हफ्ते के बाद दिल्ली में कोरोना की रफ्तार धीमी होने लगी थी. इसी बीच 11 मई को उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने आगे आकर कहा कि अब दिल्ली की हर दिन की ऑक्सीजन जरूरत काफी कम हो गई है, इसलिए दिल्ली को की जाने वाली सप्लाई का कुछ हिस्सा दूसरे जरूरतमंद राज्यों को ट्रांसफर किया जाए.

सिसोदिया ने कहा था कि दिल्ली में मरीजों की संख्या घट रही है और इसके कारण अब हर दिन की जरूरत 700 मीट्रिक टन से घटकर 582 मीट्रिक टन हो गई है. अब 24 घंटों में बमुश्किल 1-2 कॉल आती है, जहां तुरंत ऑक्सीजन पहुंचा दी जाती है.

Last Updated : Jun 25, 2021, 2:05 PM IST
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