नई दिल्ली: दिल्ली की साकेत कोर्ट ने जामिया यूनिवर्सिटी कैंपस में पुलिस कार्रवाई के खिलाफ यूनिवर्सिटी प्रशासन की ओर से दिल्ली पुलिस के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के लिए दायर याचिका खारिज कर दिया है. मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट रजत गोयल ने कहा कि दिल्ली पुलिस की कार्रवाई भले ही सवालों के घेरे में है, लेकिन पुलिस के खिलाफ FIR दर्ज करने के लिए जरूरी अनुमति नहीं ली गई है.
पुलिसकर्मियों पर एफआईआर दर्ज करने की मांग
जामिया यूनिवर्सिटी ने अपनी याचिका में दिल्ली पुलिस पर बिना यूनिवर्सिटी प्रशासन की अनुमति के कैंपस के अंदर घुसकर लाठीचार्ज करने और आंसू गैस का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया गया था. याचिका में पुलिसकर्मियों पर एफआईआर दर्ज करने की मांग की गई थी. याचिका में मांग की गई थी कि कोर्ट पुलिस को निर्देश दे कि वह संबंधित पुलिसकर्मियों पर भारतीय दंड संहिता की धारा 268, 295, 295ए, 296,297,298, 307, 323, 325, 338, 341, 342, 352, 427, 435, 447 और 120(बी) के तहत एफआईआर दर्ज कर जांच करने का आदेश दे. दिल्ली पुलिस पर आरोप है कि 15 दिसंबर 2019 को जामिया के कैंपस में घुसकर छात्रों की पिटाई की थी और आंसू गैस के गोले छोड़े थे। इस घटना में जामिया यूनिवर्सिटी के कई छात्र घायल हुए थे.
पुलिस अधिकारियों से की थी शिकायत
जामिया यूनिवर्सिटी प्रशासन ने 16 दिसंबर 2019 को जामिया नगर थाने में इसकी शिकायत दी थी. यूनिवर्सिटी प्रशासन ने संबंधित एसीपी और डीसीपी से भी शिकायत की थी लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई. उसके बाद यूनिवर्सिटी प्रशासन ने साकेत कोर्ट में अपराध प्रक्रिया संहिता की धारा 156(3) के तहत एफआईआर दर्ज करने की मांग करते हुए याचिका दायर किया था.