नई दिल्लीः सरकारी स्कूल में पढ़ रहे बच्चे अगर यूपीएससी का सपना देख रहे हैं, तो उनके लिए एक कार्यक्रम शुरू किया गया है. इसके तहत युवा आईएएस व आईपीएस अधिकारी हर महीने विद्यार्थियों के साथ संवाद करेंगे. इस दौरान अधिकारी यूपीएससी की पढ़ाई और तैयारी से जुड़े अनुभव साझा करेंगे. इसी कड़ी दिल्ली के शिक्षा निदेशक उदित प्रकाश ने विद्यार्थियों के साथ यूपीएससी की तैयारी साझा की. इस दौरान 9वीं से लेकर 12वीं क्लास के लगभग 60 बच्चों उपस्थित रहे. कार्यक्रम को बड़ी संख्या में विद्याथियों ने यूट्यूब पर भी देखा. इस दौरान दिल्ली के उपमुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया भी उपस्थित रहे.
वहीं उपमुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि जो विद्यार्थी आईएएस या आईपीएस बनने का सपना देखते हैं, उन्हें इससे भी आगे का बड़ा सपना देखना चाहिए. विद्यार्थियों को यह तय करना चाहिए कि वह आईएएस या आईपीएस बन कर क्या करना चाहते हैं. सिविल सर्विस की तैयारी करने के लिए नौवीं और दसवीं के समय से ही स्टडी प्लान करना चाहिए. सिसोदिया ने कहा कि वह चाहते हैं कि युवा आईएएस और आईपीएस अधिकारी हर महीने बच्चों से पढ़ाई से लेकर अनुभव साझा करें.
धैर्य, मेहनत और लगन से लक्ष्य होगा हासिल
शिक्षा निदेशक उदित प्रकाश ने कहा कि दसवीं के बाद ही आईएस बनने का लक्ष्य बना लिया था. साधारण विद्यार्थी भी आईएएस और आईपीएस बन सकता है. बस धैर्य, मेहनत और लगन जरूरी है. दिल्ली के सरकारी स्कूलों के बच्चों में कुछ कर दिखाने की क्षमता है. सिविल सर्विस में सफल होने के सभी गुण मौजूद हैं. सिविल सर्विस की परीक्षा में किसी भी डिग्री के अंकों का कोई महत्व नहीं होता है. किसी भी विषय में स्नातक के बाद विद्यार्थी परीक्षा दे सकते हैं. यह पूरे व्यक्तित्व और चरित्र की परीक्षा होती है.