नई दिल्ली: आमतौर पर रेलवे गाड़ियों के आने-जाने (अप-डाउन) के लिए अलग-अलग ट्रैक का इस्तेमाल करती है. इसके लिए जिस सिग्नलिंग सिस्टम का इस्तेमाल होता है, उसमें ऑपरेशन एक दिशा की गाड़ियों के लिए ही लाइन को निर्धारित रखता है. हालांकि, दिल्ली के दो सेक्शनों पर अब बाई-डायरेक्शनल सिग्नलिंग सिस्टम का इस्तेमाल होगा. यानि एक ही लाइन से दोनों तरफ (आने-जाने) के लिए गाड़ियों को भेजा जा सकेगा. इसका सीधा फायदा रेलयात्रियों को मिलेगा.
हाल ही में रेलवे बोर्ड ने नई दिल्ली से साहिबाबाद और हज़रत निज़ामुद्दीन से तिलक ब्रिज सेक्शन पर इसकी मंजूरी दी है. दोनों ही सेक्शन डिवीजन के सबसे व्यस्त सेक्शन माने जाते हैं. प्रणाली के तैयार हो जाने पर न सिर्फ एक ही दिशा में गाड़ियों को चलाया जा सकेगा, बल्कि ये सुरक्षित भी होगा.
दरअसल, इस प्रणाली में एक ही लाइन पर दोनों तरफ सिग्नल लगाए जाते हैं. कई बार एक तरफ से गाड़ियों का रश ज्यादा होता है. ऐसे ही समय में अतिरिक्त लाइन की ज़रूरत होती है, जो हर बार मुमकिन नहीं होती. बाई-डिरेक्शनल सिग्नलिंग सिस्टम की मदद से ऑपरेशन के पास इन लाइनों का इस्तेमाल करने का विकल्प होगा. कई बार आपातकाल की स्थिति में किसी एक लाइन के बाधित होने के चलते दूसरे लाइन का इस्तेमाल नहीं हो पाता है. ऐसे समय में भी एक ही लाइन के भरोसे दोनों तरफ का ट्रैफिक हासिल किया जा सकेगा.
ये भी पढ़ें-दिवाली-छठ की भीड़ के लिए रेलवे के फुल-प्रूफ प्लान! DRM बोले- हर स्तर पर होंगे दुरुस्त इंतजाम
मिली जानकारी के मुताबिक, नई दिल्ली से साहिबाबाद तक का सेक्शन 22 किलोमीटर लंबा है, तो वहीं तिलक ब्रिज से हजरत निजामुद्दीन सात किलोमीटर लंबा है. अप्रूवल मिलने के बाद इस पर काम शुरू हो गया है. जल्दी ही इसकी टेंडर प्रक्रिया होगी और अगर सब कुछ ठीक रहा तो 2022 तक ये तैयार हो जाएगा.
ये भी पढ़ें-...इस रूट पर हर रोज हजारों यात्री करते हैं मौत का सफर
दिल्ली मंडल रेल प्रबंधक डिम्पी गर्ग कहते हैं कि ये 100% सेफ प्रणाली है. इसके बाद ऑपरेशन के पास गाड़ियों को अपने हिसाब से लेने और भेजने के लिए थोड़ी और आज़ादी होगी. उन्होंने कहा कि इस पर काम शुरू हो गया है. दोनों ही सेक्शन व्यस्त रहते हैं.
बताते चलें कि प्रगति मैदान के पास यमुना ब्रिज से तिलक ब्रिज और हजरत निजामुद्दीन के बीच रेलवे लाइन का एक त्रिकोण बनता है. ट्रैक पर नई दिल्ली से साहिबाबाद जाने वाली ट्रेन कम संख्या में हैं. जबकि, सुबह 12 बजे तक यहां बिहार, उत्तर प्रदेश और बंगाल की ओर से आने वाली रेलगाड़ी की संख्या अधिक है. इससे गाड़ियों की भीड़ बढ़ जाने पर आउटर पर नहीं रोकना पड़ेगा.