Delhi Pollution: NCR में लागू होगा ग्रैप, प्रदूषण बढ़ने पर लगेगी पाबंदी

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Published : Sep 21, 2022, 3:31 PM IST

NCR में लागू होगा ग्रैप, प्रदूषण बढ़ने पर लगेगी पाबंदी

दिल्ली एनसीआर में अक्टूबर महीने से प्रदूषण का ज़हर फैलना शुरू हो जाता है. ठंड बढ़ने के साथ प्रदूषण बढ़ने (increasing pollution) लगता है. एक अक्टूबर से दिल्ली में ग्रेड रिस्पांस एक्शन प्लान यानी कि ग्रेप लागू होगा. जानें कब क्या होगा.

नई दिल्ली: अक्टूबर का महीना शुरू होते ही दिल्ली एनसीआर की हवा में प्रदूषण का ज़हर घुलना शुरू हो जाता है. ठंड का मौसम नजदीक आते ही प्रदूषण का ग्राफ ऊपर (increasing pollution) चढ़ने लगता है. दिल्ली में प्रदूषण (pollution in delhi) की रोकथाम के लिए ग्रेड रिस्पांस एक्शन प्लान यानी कि ग्रेप लागू किया जाएगा. 1 अक्टूबर से ग्रेप लागू होने के बाद कई तरह की पाबंदियां लगाई जाएंगी.

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AQI 201 से 300 के बीच होने पर क्या होगी पाबंदियां : अगर आप दिल्ली में रहते हैं या फिर नोएडा और गाज़ियाबाद से हर दिन दिल्ली जाते हैं तो अपने वाहन का पीयूसी (पोलूशन अंडर कंट्रोल) सर्टिफिकेट बनवा लें. वहां सामान्य से अधिक धुआं छोड़ रहा है तो जल्द दुरुस्त करवा लें नहीं तो आपकी परेशानी बढ़ सकती है. दरअसल ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान के तहत दिल्ली में कई टीमें वाहनों की जांच करेंगी. दिल्ली एनसीआर में पावर सप्लाई पूरी तरह से डीजल पर न हो. यदि किसी सोसाइटी या औद्योगिक इकाई में ऐसा होता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. दिल्ली प्रदूषण कंट्रोल कमेटी के मुताबिक राजधानी में उद्योग पूरी तरह से पीएनजी पर शिफ्ट चुके हैं, लेकिन कई रिहाइशी सोसाइटी में और व्यावसायिक प्रतिष्ठानों में पावर सप्लाई अभी डीजल जेनरेटर से चल रही है.यदि आप किसी व्यवसायिक या फिर रिहायशी इलाके में निर्माण कार्य करा रहे हैं और उस निर्माण कार्य के कारण धूल फैल रही है तो ऐसे में धूल को नियंत्रित करने के लिए कदम उठाने जरूरी हैं. कंस्ट्रक्शन मैटेरियल यदि खुले में रखा हुआ है तो उसे भी ढंकने की व्यवस्था कर लें, ताकि आसपास धूल न फैले. यदि निर्माण कार्य के चलते आसपास धूल फैल रही होगी तो मुश्किलें बढ़ सकती हैं. कार्रवाई हो सकती है. इस दौरान पटाखों का बिल्कुल भी प्रयोग ना करें.

AQI 301 से 400 के बीच होने पर क्या होगी पाबंदियां : एनसीआर में एयर क्वालिटी इंडेक्स 301 से 400 के बीच पहुंचता है तो इस दौरान होटल और ढाबों में कोयले और लकड़ी का इस्तेमाल पर पूरी तरह से रोक रहेगी. हालांकि इस दौरान होटल संचालक अन्य विकल्प जैसे इलेक्ट्रिक या फिर एलपीजी, सीएनजी से चलने वाले उपकरणों का इस्तेमाल कर सकते हैं. इस दौरान नियमों की अनदेखी कर कोयले और लकड़ी का इस्तेमाल करने वाले होटल पर कार्रवाई की जाएगी.इस दौरान डीजल जनरेटर का प्रयोग केवल आपातकालीन स्थिति में किया जा सकेगा. आपातकालीन इस्तेमाल के दौरान अस्पताल, एयरपोर्ट, सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट, वॉटर पंपिंग स्टेशन, नेशनल सिक्योरिटी से जुड़ी गतिविधियां, रेलवे स्टेशन, डीएमआरसी आदि शामिल हैं.अगर आप अधिकतर निजी वाहनों का प्रयोग करते हैं तो आपको पार्किंग शुल्क अधिक देना पड़ सकता है क्योंकि इस दौरान पार्किंग शुल्क में भी इजाफा किया जाएगा.

AQI 401 से 450 के बीच होने पर क्या होगी पाबंदियां : एयर क्वालिटी इंडिया अंडर 400 के पार पहुंचता है तो निर्माण कार्य पूरी तरह से प्रतिबंधित रहेंगे. इस दौरान कुछ इमरजेंसी प्रोजेक्ट जैसे रेलवे, आईएसबीटी, अस्पताल, एयरपोर्ट, पुलिस स्टेशन आदि काम कर सकते हैं लेकिन इन तमाम इकाइयों को भी धूल फैलने से रोकने के लिए कदम उठाने होंगे. स्वच्छ इंधन जैसे पीएनजी आदि का उपयोग ना करने वाली औद्योगिक इकाइयां पूरी तरह से बंद रहेंगी. इस दौरान ईंट- भट्टे की पूरी तरह से बंद रहेंगे.

AQI 401 से 450 के बीच होने पर क्या होगी पाबंदियां : एकयूआई 400 के पार पहुंचने पर एनसीआर गैस चैंबर में तब्दील हो जाता है. ऐसी स्थिति में जरूरी सामानों के अलावा अन्य ट्रांसपोर्ट वाहनों (ट्रक आदि) की राजधानी में प्रवेश पर पूरी तरह से रोक रहेगी. हालांकि यह केवल डीजल और पेट्रोल वाहनों तक सीमित रहेगी.

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