नई दिल्ली: दिल्ली की कड़कड़डूमा कोर्ट ने दिल्ली दंगों में साजिश रचने की आरोपी और यूएपीए के तहत जेल में बंद कांग्रेस की पूर्व पार्षद इशरत जहां की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी किया है. एडिशनल सेशंस जज अमिताभ रावत ने दिल्ली पुलिस को 2 अगस्त तक जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है.
पिछले 12 जुलाई को इशरत जहां की ओर से वकील प्रदीप तेवतिया ने पूछा था कि क्या राजनीतिक जुड़ाव होना गलत बात है. इशरत जहां ने क्या गलत किया. उन्होंने कहा था कि यूएपीए लगाने का मकसद आवाज को दबाना है. यूएपीए की समीक्षा होनी चाहिए.
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तेवतिया ने कहा था कि सह-आरोपी के साथ इशरत जहां का संबंध दिखाने के लिए कोई सबूत नहीं है और गवाह असली नहीं हैं. उन्होंने दिल्ली पुलिस की ओर से लगाए गए इन आरोपों पर आपत्ति जताई कि इशरत जहां ने विरोध प्रदर्शनों के लिए फंडिंग में मदद की. उन्होंने कहा कि अभियोजन की यह कहानी मनगढ़ंत है और हिंसा से पहले और उसके दौरान उनके खर्च के पैटर्न में कोई बदलाव नहीं हुआ है.
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कोर्ट ने 30 मई 2020 को इशरत जहां को शादी करने के लिए 10 दिनों की अंतरिम जमानत दी थी. इशरत जहां को 26 फरवरी 2020 को गिरफ्तार किया गया था. इशरत के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 109, 147, 148, 149, 186, 307, 332, 353 और 34 और आर्म्स एक्ट की धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज की गई है. पुलिस के मुताबिक इशरत जहां ने भीड़ को उकसाते हुए कहा कि हम चाहें मर जाएं, लेकिन हम यहां से नहीं हटेंगे. चाहे पुलिस कुछ भी कर ले हम आजादी लेकर रहेंगे. पुलिस के मुताबिक 26 फरवरी 2020 को जगतपुरी में न केवल पुलिस पर पथराव हुआ बल्कि गोलियां भी चलाई गई थीं.