नई दिल्ली: कोरोना के दौरान हर्बल हुक्का के सार्वजनिक इस्तेमाल और बिक्री पर लगी रोक लगाने को लेकर दिल्ली उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार से दोबारा विचार करने के लिए कहा है. याचिका दिल्ली के हुक्का बार मालिकों ने दायर की है. याचिकाकर्ता की ओर से वकील नंदनी साहनी ने कहा कि नोटिफिकेशन के मुताबिक, ग्राहकों को व्यक्तिगत स्तर पर हुक्का उपलब्ध कराने की अनुमति है.
ग्राहकों को हुक्का किसी के साथ शेयर करने की अनुमति नहीं है. याचिका में कहा गया है कि जो गेस्ट होते हैं, उनमें से महज पांच फीसदी लोग ही हुक्का की मांग करते हैं. इसके अलावा ब्रीद एनालाइजर टेस्ट भी किया जाता है. ऐसे में हुक्का बार चलाने की अनुमति नहीं देना भेदभाव के समान है. याचिका में कहा गया है कि हुक्का बार पर रोक लगाने से इनमें काम करने वाले कर्मचारियों के रोजगार पर भी असर पड़ा है.
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सुनवाई के दौरान दिल्ली सरकार ने कहा कि जब हम अकेले कार चलाने वाले पर जुर्माना लगा सकते हैं, तब हुक्का को शेयर करने की अनुमति कैसे दे सकते हैं. बता दें कि 3 अगस्त 2020 को दिल्ली सरकार ने नोटिफिकेशन के जरिए हुक्का बार पर रोक लगा दिया था. ये रोक अभी भी जारी है.
क्या है हुक्का बार?
दरअसल, नशीले पदार्थ से बना हुआ एक बंद खोल हुक्का कहलाता है. यह एक पतली पाईप से जुड़ा होता है, जिसे किसी भी तरह घुमाकर आप इस्तेमाल कर सकते हैं. हुक्के के अंदर मौजूद नशीले पदार्थ में आग सुलगती रहती है. पाइप के माध्यम से पास बैठे लोग सिगरेट की तरह हुक्के के कश लेते हैं. इस प्रकार के हुक्कों से भरा हुआ एक स्थान या फिर कमरा, जहां हर एक टेबल के पास एक या उससे अधिक हुक्के रखे होते हैं, उसे हुक्का बार कहते हैं.