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आईएनएक्स मीडिया डील मामले में आरोपियों को दस्तावेज देने का ट्रायल कोर्ट का फैसला सही-हाईकोर्ट

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Published : Nov 10, 2021, 11:10 AM IST

आईएनएक्स मीडिया डील
आईएनएक्स मीडिया डील

आईएनएक्स मीडिया डील मामले में दिल्ली हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. कोर्ट ने मामले में मालखाने में रखे गए दस्तावेजों को आरोपियों को देखने के ट्रायल कोर्ट के फैसले के खिलाफ सीबीआई की ओर से दायर याचिका खारिज कर दी है.

नई दिल्लीः दिल्ली हाईकोर्ट ने आईएनएक्स मीडिया डील मामले में मालखाने में रखे गए दस्तावेजों को आरोपियों को देखने के ट्रायल कोर्ट के फैसले के खिलाफ सीबीआई की ओर से दायर याचिका खारिज कर दी है. जस्टिस मुक्ता गुप्ता की बेंच ने ये फैसला सुनाया.




27 अगस्त को कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था. नौ अगस्त को कोर्ट ने सीबीआई से कहा था कि इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने साफ कर दिया है कि जब चार्जशीट दाखिल किया जाता है, उसके बाद जांच एजेंसी को उन सभी दस्तावेजों की सूची बनाएगी, जिन पर वह भरोसा करती है. आरोपी चाहे तो आवेदन देकर, उन दस्तावेजों का परीक्षण कर सकता है.

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सुनवाई के दौरान सीबीआई की ओर से वकील अनुपम एस शर्मा और प्रकर्ष ऐरन ने पिछले पांच मार्च के स्पेशल सीबीआई जज एमके नागपाल के आदेश पर रोक लगाने की मांग की थी. उन्होंने कहा था कि ट्रायल कोर्ट ने अपने क्षेत्राधिकार का उल्लंघन किया और सीबीआई को निर्देश दिया था कि वो जांच के दौरान मिले सभी दस्तावेजों और बयानों को कोर्ट में पेश करें और उनकी प्रति आरोपियों को दें. उन्होंने कहा था कि कोर्ट ने ये भी जानने की कोशिश नहीं की कि सीबीआई उन दस्तावेजों को आधार बना रही है कि नहीं. उन्होंने कहा था कि अपराध प्रक्रिया संहिता में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है कि कोर्ट जांच एजेंसी को निर्देश दें कि वो उन दस्तावेजों को सौंपने का निर्देश दें जिस पर वो भरोसा नहीं भी कर रही है.

राऊज एवेन्यू कोर्ट ने 24 मार्च को ईडी की ओर से दाखिल चार्जशीट पर संज्ञान लिया था. कोर्ट ने मनी लाउंड्रिंग एक्ट की धारा 3 और 70 के तहत दायर चार्जशीट पर संज्ञान लिया था. इस मामले में सीबीआई ने 15 मई 2017 को एफआईआर दर्ज की थी. इसके बाद ईडी ने 18 मई 2017 को एफआईआर दर्ज किया था. सीबीआई ने भारतीय दंड संहिता की धारा 120बी, 420 और भ्रष्टाचार निरोधक कानून की धारा 8, 12(2) और 13(1)(डी) के तहत आरोप लगाए हैं. ये एफआईआर आईएनएक्स मीडिया की निदेशक इंद्राणी मुखर्जी और चीफ आपरेटिंग अफसर पीटर मुखर्जी की शिकायत पर दर्ज किया गया था. कार्ति चिदंबरम पर आरोप है कि उसने फॉरेन इन्वेस्टमेंट प्रोमोशन बोर्ड (एफआईपीबी) से अनुमति दिलवाने के लिए आईएनएक्स मीडिया से पैसे वसूले थे.



इस मामले में जिन लोगों को आरोपी बनाया गया है, उनमें पी चिदंबरम, कार्ति चिदंबरम, सुब्रमण्यम भास्करन, मेसर्स एडवांटेज स्ट्रेटैजिक कंसल्टिंग सिंगापुर लिमिटेड, आईएनएक्स मीडिया प्राइवेट लिमिटेड एडवांटेज इस्ट्रेटेजिया इस्पोर्टिवा एसएलयू, मेसर्स क्रिया एफएमसीजी डिस्ट्रिब्युटर्स प्राईवेट लिमिटेड, मेसर्स नॉर्थ स्टार सॉफ्टवेयर साल्युशंस प्राईवेट लिमिटेड कंसल्टेंसी प्राईवेट लिमिटेड शामिल हैं.

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