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आजादी के 100 साल बाद दिल्ली की तस्वीर का खाका तैयार कर रही है दिल्ली सरकार

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Published : Nov 8, 2021, 7:54 PM IST

उपमुख्यमंत्री दिल्ली
उपमुख्यमंत्री दिल्ली

आजादी के 100 वें साल में दिल्ली कैसी दिखेगी, केजरीवाल सरकार इसका ब्लू प्रिंट तैयार कर रही है. इसके लिए सरकार अपने स्तर पर अभी से ही सारे प्रयास कर रही है.

नई दिल्ली: आजादी के 100वें साल में दिल्ली कैसी दिखेगी केजरीवाल सरकार इसका अभी से ही खाका तैयार करने में जुट गई है.लीडरशिप का काम केवल ये नहीं सोचना है कि आज क्या हो रहा है, बल्कि ये भी सोचना है कि आज से 25 साल बाद इन कामों से दिल्ली कैसी दिखेगी. आज हम आजादी के 75वीं साल में है और हमें ये सोचने की जरुरत है कि आजादी के 100वें साल में दिल्ली कैसी दिखेगी और दिल्ली सरकार इसका खाका तैयार कर रही है. उक्त बातें उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने सोमवार को एसोचेम इंडिया द्वारा आयोजित ई-कॉन्क्लेव ‘दिल्ली की सोच- सस्टेनेबल डेवलपमेंट फॉर दिल्ली मेगा सिटी: चैलेंजेस एंड इनोवेटिव सॉल्यूशंस’ में भाग लेते हुए कही

उन्होंने कहा कि औद्योगिक और पोलिटिकल लीडरशिप विज़नरी होनी चाहिए इसी से आम जनता के लाइफ स्टाइल को बेहतर बनाया जा सकता है. उन्होंने कहा कि विज़नरी औद्योगिक और पॉलिटिकल लीडरशिप के साथ मिलकर काम करने से लोगों की लाइफ स्टाइल में सकारात्मक बदलाव लाया जा सकता है.

उपमुख्यमंत्री ने कहा कि दिल्ली की श्रमशक्ति में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने व उनके लिए रोजगार के अवसर बढ़ाने के लिए केजरीवाल सरकार आँगनबाड़ियों को विकसित कर सहेली समन्वय केंद्र तैयार कर रही है, ताकि महिलाएं स्थानीय स्तर पर अपने लघु उद्योगों की शुरुआत भी कर सके. ईएमसी के अंतर्गत बिज़नेस ब्लास्टर्स प्रोग्राम के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि बिज़नेस ब्लास्टर्स प्रोग्राम के तहत सरकारी स्कूलों के 3 लाख बच्चों ने अबतक 51000 से ज्यादा स्टार्टअप शुरू किए है और उन्हें 60 करोड़ रुपयों की सीडमनी दी गई है.

उपमुख्यमंत्री ने साझा किया कि दिल्ली की प्रति व्यक्ति आय देश में किसी भी राज्य से सबसे ज्यादा है,लेकिन कोरोना के दौरान इसमें कमी आई. कोरोना के दौरान सरकार ने एक सर्वे करवाया और देखा कि दिल्ली में महिला श्रमशक्ति की हिस्सेदारी कम है. इसे देखते हुए केजरीवाल सरकार ने आंगनबाड़ियों को विकसित किया और सहेली समन्वय केन्द्रों की शुरुआत कर रही है, ताकि महिलाओं को रोजगार प्राप्त करने व लघु स्तर पर अपना व्यवसाय शुरू करने में मदद मिल सके.

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उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि हमारा उद्देश्य दिल्ली को न्यू ऐज बिज़नेस और एंटरप्रेन्योरशिप का हब बनाना है, जिसकी नीँव शिक्षा है. इसलिए दिल्ली सरकार के स्कूलों में कक्षा 9वीं से 12वीं तक के लिए एंटरप्रेन्योरशिप माइंडसेट करिकुलम की शुरुआत की है. इसका उद्देश्य बच्चों में एक एंत्रप्रेन्योर और ग्रोथ माइंडसेट का विकास करना है.

ईएमसी के अंतर्गत बिज़नेस ब्लास्टर्स प्रोग्राम के तहत 11वीं व 12वीं के 3 लाख से अधिक बच्चों को अपने बिज़नेस आईडिया डेवेलोप करने के लिए 2000-2000 रुपयों की सीडमनी दी जा रही है और अबतक 60 करोड़ से ज्यादा सीडमनी दी जा चुकी है. ये बेहद गर्व की बात है कि अबतक 51000 ग्रुप्स ने अपना बिज़नेस आईडिया डेवेलोप कर स्टार्टअप शुरू कर दिया है. इससे बच्चों में इतना कॉन्फिडेंस आया है कि एक 12वीं क्लास की बच्ची आईआईटी में जाने का सपना नहीं देख रही बल्कि ये सपना देख रही है कि वो भविष्य में अपनी कंपनी में आईआईटी से निकले लोगों को नौकरी देगी.

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