नई दिल्लीः उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की अध्यक्षता में राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) की गवर्निंग काउंसिल ने देशभक्ति पाठ्यक्रम के फ्रेमवर्क को अडॉप्ट कर लिया है. दरअसल मनीष सिसोदिया ने दिल्ली सरकार के स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के बीच राष्ट्रीयता की भावना पैदा करने के लिए इस पाठ्यक्रम को शुरू करने की घोषणा की थी.
एससीईआरटी दिल्ली के निदेशक रजनीश कुमार सिंह ने देशभक्ति करिकुलम कमिटी की सिफारिशों के आधार पर पाठ्यक्रम के फ्रेमवर्क को प्रस्तुत किया है. डॉ. रेणु भाटिया, प्राचार्य, सर्वोदय कन्या विद्यालय मोती बाग और शारदा कुमारी, पूर्व प्राचार्य, डाइट आरके पुरम की अध्यक्षता में कमिटी ने परामर्श और व्यापक साहित्य समीक्षा के आधार पर सिफारिशें पेश की.
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पाठ्यक्रम के उद्देश्य और इसके शिक्षण शैली को एससीईआरटी दिल्ली के गवर्निंग काउंसिल के सदस्यों के साथ-साथ शिक्षा सचिव एच राजेश प्रसाद, शिक्षा निदेशक उदित प्रकाश राय, शिक्षा सलाहकार शैलेंद्र शर्मा सहित एनयूईपीए और स्थानीय निकायों के प्रतिनिधि के समक्ष प्रस्तुत किया गया.
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करिकुलम के विजन पर चर्चा करते हुए उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि यह जरूरी है कि हम वैल्यू और एक्शन के बीच के गैप को खत्म करें. यह सुनिश्चित करें कि समानता, बंधुत्व और न्याय के संवैधानिक आदर्शों को बच्चे अपने दैनिक जीवन में भी अपनाएं. ये फ्रेमवर्क तीन प्राथमिक लक्ष्यों पर काम करेगा. यह करिकुलम छात्रों के बीच- देश के लिए प्यार और गर्व, अपनी जिम्मेदारियों और कर्तव्यों के बारे में जागरूक बनना और देश के लिए सर्वश्व देने की प्रतिबद्धता को बढ़ावा देगा.
करिकुलम कमिटी के अध्यक्ष ने कहा, पाठ्यक्रम का उद्देश्य मौलिक कर्तव्यों और संवैधानिक मूल्यों के प्रति सम्मान की गहरी भावना विकसित करना और अपने देश के प्रति भूमिकाओं और जिम्मेदारियों के लिए जागरूकता विकसित करना है. करिकुलम के पठन-पाठन के तौर तरीके राष्ट्रीय पाठ्यचर्या रूपरेखा (NCF) 2005 के गाइडिंग प्रिंसिपल्स पर आधारित है. जो चाइल्ड- सेंटर्ड के साथ-साथ महत्वपूर्ण शिक्षाशास्त्र का पालन करता है.