नई दिल्लीः दिल्ली सरकार के वन विभाग ने निर्माण कार्य के दौरान पेड़ों को प्रत्यारोपित करने के लिए प्राइवेट एजेंसियों से आवेदन मांगे हैं. वृक्ष प्रत्यारोपित नीति 2020 की अधिसूचना के मुताबिक, विकास कार्यो के दौरान अब पेड़ों को काटा नहीं जायेगा, बल्कि प्रत्यारोपित किया जाएगा.
500 से अधिक पेड़ों के प्रत्यारोपण का अनुभव
वन विभाग के मुताबिक, पेड़ों को प्रत्यारोपित करने के लिए, जो विशेषज्ञ चुने जाएंगे, उनके पास करीब 3 साल का अनुभव होना आवश्यक है. इसके साथ ही 500 से अधिक अलग-अलग प्रजाति के वृक्षों को प्रत्यारोपित किया गया हो. इन 500 वृक्षों में से 50 फीसदी 150 सेंटीमीटर ऊंचे और 10 साल की आयु वाले होने चाहिए.
साथ ही इन प्राइवेट एजेंसियों के पास प्रमाण पत्र और कम से कम 50 लाख रुपये का काम एजेंसी पहले कर चुकी हो. यह तमाम योग्यताएं वन विभाग की तरफ से आवेदन में मांगे गए हैं. आवेदन से जुड़ी तमाम जानकारी वन विभाग की आधिकारिक वेबसाइट पर भी उपलब्ध कराई गई है.
ये भी पढ़ेंः 'कन्वर्जन चार्ज को लेकर व्यापारियों की समस्या हल होगी, निगम बनाएगी नई नीति'
चयनित एजेंसी को पैनल में किया जाएगा शामिल
विभाग ने जानकारी दी है कि जो एजेंसियां चयनित की जाएंगी, उन्हें 2 साल के लिए पैनल में शामिल किया जाएगा. प्रदर्शन के आधार पर उन्हें कॉन्ट्रैक्ट दिया जाएगा. एजेंसी वन विभाग की अलग-अलग परियोजनाओं पर राय देगा. वृक्षों को प्रत्यारोपित किए जाने को लेकर काम करेगा.
हाल ही में दिल्ली सरकार ने वृक्ष प्रत्यारोपण नीति 2020 की अधिसूचना जारी की है. इसके मुताबिक, राजधानी में कोई भी निर्माण कार्य के दौरान पेड़ों की कटाई नहीं होगी. करीब 80 फ़ीसदी पेड़ों का प्रत्यारोपण करना अनिवार्य होगा. यदि किसी एक पेड़ को नुकसान पहुंचाया जाता है, तो उसके बदले 10 जगह पौधें लगाने होंगे.