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Delhi Court News: कोर्ट आज इन अलग-अलग मामलों पर करेगा सुनवाई

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Published : Oct 27, 2021, 8:20 AM IST

दिल्ली के कोर्ट गुरुवार को इन अलग-अलग मामलों पर सुनवाई करेगा, जिसमें बाबा रामदेव की कोरोनिल दवाई को लेकर कथित झूठे दावे पर रोक लगाने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई, आईएनएक्स मीडिया डील मामले के आरोपी पीटर मुखर्जी की जमानत याचिका पर सुनवाई, रेसलर सागर धनखड़ की हत्या मामले के आरोपियों के खिलाफ आरोप तय करने के मामले पर सुनवाई, 27 हिंदू और जैन मंदिरों को तोड़ कर कुतुब मीनार परिसर में बने कुव्वत-उल-इस्लाम मस्ज़िद पर दावा करनेवाली याचिका पर सुनवाई शामिल है.

DELHI COURT HEARING IN DIFFERENT CASES
कोर्ट आज इन अलग-अलग मामलों पर करेगा सुनवाई

नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट बाबा रामदेव की कोरोनिल दवाई को लेकर कथित झूठे दावे पर रोक लगाने की मांग वाली याचिका पर आज सुनवाई करेगा. जस्टिस सी हरिशंकर की बेंच इस मामले की सुनवाई करेगी.

25 अक्टूबर को कोर्ट ने कहा था कि लाभ कमाना ना तो अनुचित है और ना ही गैरकानूनी. सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ताओं की ओर से वकील अखिल सिब्बल ने कहा था कि बाबा रामदेव ने अपने व्यावसायिक फायदे के लिए कोरोनिल टैबलेट के बारे में प्रचार किया कि वह कोरोना की दवाई है. तब कोर्ट ने कहा था कि आप व्यावसायिक लाभ में मत जाइए. हर व्यक्ति लाभ कमाता है. आप यह बताइए कि गलत कहां हुआ है. व्यावसायिक लाभ कमाना न तो अनुचित है और न ही गैरकानूनी. तब अखिल सिब्बल ने कहा था कि व्यवसाय करने से कोई मना नहीं कर रहा है, लेकिन वह कह रहे हैं कि एलोपैथी आपको मार रहा है और उसका इलाज हमारे पास है. वह कहते हैं कि हमने 90 फीसदी लोगों को ठीक किया है. एलोपैथी से महज दस फीसदी लोग ठीक हुए हैं. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने भी कहा था कि बाबा रामदेव ऐसा बयान सार्वजनिक रुप से नहीं दे सकते हैं कि कोरोनिल को कोरोना की दवा के रुप में लाईसेंस मिला है. अपनी दलील के पक्ष में सिब्बल ने 12 जून 2020 का दिव्य फार्मेसी का एक दस्तावेज उद्धृत किया, जिसमें कोरोनिल टेबलेट समेत तीन चीजों के बारे में जानकारी दी गई है.

28 सितंबर को हाईकोर्ट ने कहा था कि बाबा रामदेव ने सरकार की कोरोना वैक्सीनेशन अभियान को बढ़ावा दिया. कोर्ट ने कहा था कि रामदेव ने कोरोनिल का प्रचार जरुर किया, लेकिन किसी को कोरोना की वैक्सीन अभियान से रोकने की कोशिश नहीं की.

सुनवाई के दौरान कोर्ट ने अखिल सिब्बल से कहा था कि बाबा रामदेव ने एलोपैथी को लेकर जो बयान दिया ये उनका मत हो सकता है. आप उसका पालन करें या नहीं यह आप पर निर्भर करता है. रामदेव ने यह कहा है कि आप उनकी दवाई लीजिएगा तो आपका ऑक्सीजन लेवल ठीक होगा. कोर्ट ने कहा था कि बाबा रामदेव ने किसी के अधिकारों का हनन नहीं किया है.

पिछले 30 जुलाई को कोर्ट ने बाबा रामदेव को नोटिस जारी किया था. याचिका में कहा गया है कि बाबा रामदेव ने सार्वजनिक रुप से डॉक्टरों के अलावा विज्ञान को चुनौती दी है. उनके बयान से लोगों का नुकसान हो रहा है. वह मेडिकल सायंस को चुनौती दे रहे हैं. याचिका में कहा गया है कि कि बाबा रामदेव काफी प्रभावशाली व्यक्ति हैं और उनकी काफी लोगों तक पहुंच है. उनके बयान अपने प्रशंसकों को प्रभावित करते हैं.

बता दें कि बाबा रामदेव और एलोपैथी डॉक्टरों की संस्था आईएमए के बीच विवाद चल रहा है. बाबा रामदेव ने एलोपैथी को लेकर विवादास्पद बयान किया था, जिसके बाद आईएमए ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री को पत्र लिखकर बाबा के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की थी. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने भी बाबा रामदेव को अपना बयान वापस लेने को कहा था. आईएमए ने बाबा रामदेव के खिलाफ लीगल नोटिस भी भेजा था. पिछले 1 जून को देश भर के एलोपैथी डॉक्टरों ने बाबा रामदेव के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर काली पट्टी बांधकर काम किया था.

आईएनएक्स मीडिया डील मामले के आरोपी पीटर मुखर्जी की जमानत याचिका पर आज सुनवाई

दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट आईएनएक्स मीडिया डील मामले के आरोपी पीटर मुखर्जी की जमानत याचिका पर आज सुनवाई करेगा. स्पेशल जज एमके नागपाल इस मामले की सुनवाई करेंगे.


27 सितंबर को सुनवाई के दौरान पीटर मुखर्जी की ओर से पेश वकील ने जमानत याचिका पर फिजिकल सुनवाई करने की मांग की थी. 24 जुलाई को पी चिदंबरम और उनके पुत्र कार्ति चिदंबरम ने इस केस से जुड़े दस्तावेजों की प्रति देने की मांग की थी. पिछले 24 मार्च को कोर्ट ने ईडी की ओर से दाखिल चार्जशीट पर संज्ञान लेते हुए सभी आरोपियों को समन जारी किया था. कोर्ट ने मनी लाउंड्रिंग एक्ट की धारा 3 और 70 के तहत दायर चार्जशीट पर संज्ञान लिया था. इस मामले में सीबीआई ने 15 मई 2017 को एफआईआर दर्ज किया था. उसके बाद ईडी ने 18 मई 2017 को एफआईआर दर्ज किया था. सीबीआई ने भारतीय दंड संहिता की धारा 120बी, 420 और भ्रष्टाचार निरोधक कानून की धारा 8, 12(2) और 13(1)(डी) के तहत आरोप लगाए हैं. ये एफआईआर आईएनएक्स मीडिया की निदेशक इंद्राणी मुखर्जी और चीफ आपरेटिंग अफसर पीटर मुखर्जी की शिकायत पर दर्ज किया गया था. कार्ति चिदंबरम पर आरोप है कि उसने फॉरेन इन्वेस्टमेंट प्रोमोशन बोर्ड (एफआईपीबी) से अनुमति दिलवाने के लिए आईएनएक्स मीडिया से पैसे वसूले थे.

इस मामले में जिन लोगों को आरोपी बनाया गया है उनमें पी चिदंबरम, कार्ति चिदंबरम, सुब्रमण्यम भास्करन, मेसर्स एडवांटेज स्ट्रेटैजिक कंसल्टिंग सिंगापुर लिमिटेड, आईएनएक्स मीडिया प्राइवेट लिमिटेड एडवांटेज इस्ट्रेटेजिया इस्पोर्टिवा एसएलयू, मेसर्स क्रिया एफएमसीजी डिस्ट्रिब्युटर्स प्राईवेट लिमिटेड, मेसर्स नॉर्थ स्टार सॉफ्टवेयर साल्युशंस प्राईवेट लिमिटेड कंसल्टेंसी प्राईवेट लिमिटेड शामिल हैं.

रेसलर सागर धनखड़ की हत्या मामले के आरोपियों के खिलाफ आरोप तय करने के मामले पर आज सुनवाई

दिल्ली की रोहिणी कोर्ट रेसलर सागर धनखड़ की हत्या मामले के आरोपियों के खिलाफ आरोप तय करने के मामले पर आज सुनवाई करेगा. एडिशनल सेशंस शिवाजी आनंद इस मामले की सुनवाई करेंगे.

5 सितंबर को कोर्ट ने इस मामले के मुख्य आरोपी सुशील कुमार की जमानत याचिका खारिज कर दिया था. पिछले 29 सितंबर को कोर्ट ने इस मामले के एक और आरोपी अनिरुद्ध दहिया की जमानत याचिका खारिज कर दिया था. पिछले 4 अक्टूबर को दिल्ली पुलिस ने कोर्ट को सूचित किया था कि क्राईम ब्रांच जल्द ही पूरक चार्जशीट दाखिल करेगी. 6 अगस्त को कोर्ट ने दिल्ली पुलिस की क्राईम ब्रांच की ओर से दाखिल पहली चार्जशीट पर संज्ञान लिया था. कोर्ट ने इस मामले के मुख्य आरोपी सुशील कुमार समेत 13 लोगों को आरोपी बनाया है. पिछले 2 अगस्त को दिल्ली पुलिस की क्राईम ब्रांच ने इस मामले में पहली चार्जशीट दाखिल किया था. पहली चार्जशीट में सुशील कुमार को मुख्य आरोपी बनाया गया है. क्राईम ब्रांच ने 170 पन्नों की चार्जशीट दाखिल किया है.

बता दें कि पिछले 23 मई को सुबह दिल्ली पुलिस ने पहलवान सुशील कुमार को मुंडका से गिरफ्तार किया था. रोहिणी कोर्ट ने पिछले 15 मई को सुशील पहलवान समेत नौ आरोपियों के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया था. दिल्ली पुलिस ने सुशील पहलवान पर एक लाख रुपये के इनाम की घोषणा की थी.

आरोप है कि सुशील कुमार और दहिया ने कुछ अन्य लोगों के साथ मिलकर संपत्ति विवाद में 4 और 5 मई की दरम्यानी रात को सागर धनखड़ और उसके दोस्तों की कथित तौर पर पिटाई की थी. चार्जशीट में कहा गया है कि अनिरुद्ध दहिया एक अंतरराष्ट्रीय पहलवान है और उसके पिता भी पहलवान थे. दहिया को 10 जून को गिरफ्तार किया गया था.

27 हिंदू और जैन मंदिरों को तोड़ कर कुतुब मीनार परिसर में बने कुव्वत-उल-इस्लाम मस्ज़िद पर दावा करनेवाली याचिका पर सुनवाई

दिल्ली की साकेत कोर्ट 27 हिंदू और जैन मंदिरों को तोड़ कर कुतुब मीनार परिसर में बने कुव्वत-उल-इस्लाम मस्ज़िद पर दावा करनेवाली याचिका पर आज सुनवाई करेगा. सिविल जज नेहा शर्मा मामले की सुनवाई करेंगी.

24 दिसंबर 2020 को कोर्ट ने याचिकाकर्ता को ये बताने का निर्देश दिया था कि भक्त की हैसियत से याचिका दाखिल करने का क्या औचित्य है. कोर्ट पूछा था कि ये बताइए कि क्या कोर्ट ट्रस्ट के गठन का आदेश दे सकता है. सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता वकील हरिशंकर जैन ने कोर्ट से कहा था कि इस मामले में इस बात को लेकर कोई विवाद नहीं है कि मंदिरो को ध्वस्त किया गया था, लिहाजा इसको साबित करने की ज़रूरत नहीं. पिछले आठ सौ से ज़्यादा सालों से हम पीड़ित हैं. अब पूजा का अधिकार मांग रहे हैं, जो कि हमारा मूल अधिकार है. जैन ने कहा था कि वहां पिछले आठ सौ साल से नमाज़ नही पढ़ी गई है. मस्जिद के तौर पर इसका इस्तेमाल ही नहीं हुआ. हरिशंकर जैन ने अपनी दलीलो के समर्थन में वहाँ मौजूद लौह स्तम्भ, भगवान विष्णु, और दूसरे आराध्य देवी देवताओं की खण्डित मूर्तियों का हवाला दिया था.

सुनवाई के दौरान वकील विष्णु जैन ने कहा था कि ये राष्ट्रीय शर्म का विषय है. देशी विदेशी तमाम लोग वहां पहुचते हैं, देखते हैं कि कैसे खण्डित मूर्तियां वहां पर हैं. हमारा मकसद अब वहां किसी विध्वंस के लिए कोर्ट को आश्वस्त करना नहीं है. हम सिर्फ अपना पूजा का अधिकार चाहते हैं. तब जज नेहा शर्मा ने पूछा था कि आप पूजा का अधिकार मांग रहे हैं. अभी जगह एएसआई के कब्ज़े में है. तो एक दूसरे तरीके से आप ज़मीन पर कब्ज़ा मांग रहे हैं. तब हरिशंकर जैन ने कहा था कि हम ज़मीन पर अपना मालिकाना हक़ नहीं मांग रहे हैं. बिना मालिकाना हक़ दिए भी पूजा का अधिकार दिया जा सकता है.

सुनवाई के दौरान कोर्ट ने पूछा था कि आपके इस याचिका को दायर करने का क्या औचित्य है. किस हक़ से आप याचिका दायर कर रहे हैं. तब याचिकाकर्ता ने कहा था हमने देवता और भक्त, दोनों ओर से याचिका दायर की है. एक भक्त के याचिका दायर करने के अधिकार को सुप्रीम कोर्ट ने भी मान्यता दी है. आप मेरे अधिकार को खारिज नहीं कर सकते हैं.

याचिका पहले जैन तीर्थंकर भगवान ऋषभ देव, भगवान विष्णु की ओर से हरिशंकर जैन, रंजना अग्निहोत्री और जीतेंद्र सिंह बिसेन ने दायर किया है. याचिका में कहा गया है कि मुगल बादशाह कुतुबद्दीन ऐबक ने 27 हिंदू और जैन मंदिरों की जगह कुव्वत-उल-इस्लाम मस्जिद बना दिया. ऐबक मंदिरों को पूरे तरीके से नष्ट नहीं कर सका और मंदिरों के मलबे से ही मस्जिद का निर्माण किया गया. याचिका में कहा गया है कि कुतुब मीनार परिसर के दीवालों, खंभों और छतों पर हिन्दू औज जैन देवी-देवताओं के चित्र बने हुए हैं. इन पर भगवान गणेश, विष्णु, यक्ष, यक्षिणी, द्वारपाल, भगवान पार्श्वनाथ, भगवान महावीर, नटराज के चित्रों के अलावा मंगल कलश, शंख, गदा, कमल, श्रीयंत्र, मंदिरों के घंटे इत्यादि के चिह्न मौजूद हैं. ये सभी बताते हैं कि कुतुब मीनार परिसर हिंदू और जैन मंदिर थे. याचिका में कुतुब मीनार को ध्रुव स्तंभ बताया गया है.

याचिका में आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया(एएसआई) के उस संक्षिप्त इतिहास का जिक्र किया गया है, जिसमें कहा गया है कि 27 मंदिरों को गिराकर उनके ही मलबे से कुव्वत-उल-इस्लाम मस्जिद का निर्माण किया गया. याचिका में मांग की गई है कि इन 27 मंदिरों क पुनर्स्थापित करने का आदेश दिया जाए और कुतुब मीनार परिसर में हिंदू रीति-रिवाज से पूजा करने की इजाजत दी जाए.

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