नई दिल्ली : दिल्ली महिला आयोग (Delhi Commission for Women) ने चाइल्ड पोर्नोग्राफी मामले में दिल्ली पुलिस और ट्विटर को दोबारा समन (Twitter summons again) जारी किया है. इससे पहले जारी किए गए समन के जवाब में मंगलवार को ट्विटर इंडिया पॉलिसी हेड समीरन गुप्ता और ट्विटर इंक के अनुपालन अधिकारी विनय प्रकाश आयोग के समक्ष उपस्थित हुए.
उन्होंने बताया कि आयोग की ओर से चिह्नित किए गए सभी खातों को निष्क्रिय कर दिया गया है. हालांकि, उन्होंने आधा अधूरा जवाब दिया. उनकी ओर से विस्तृत जवाब देने के लिए आयोग से समय मांगा गया तो आयोग ने ट्विटर को विस्तृत बिंदुवार जवाब देने के लिए 30 सितंबर तक का समय दिया है.
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बच्चों और महिलाओं के साथ सोते समय आपत्तिजनक स्थिति को दिखाया था: दिल्ली महिला आयोग ने दिल्ली पुलिस और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'ट्विटर' को ट्विटर पर कई चाइल्ड पोर्नाग्राफी से सम्बन्धित ट्वीट्स एवं उनसे सम्बन्धित एकाउंट्स को लेकर सम्मन जारी किया था. ये ट्वीट खुले तौर पर बच्चों से जुड़े यौन कृत्यों के वीडियो और तस्वीरों को प्रदर्शित कर रहे थे. लगभग सभी ट्वीट्स में बच्चों को नग्न दिखाया गया था और उनमें से कई में बच्चों और महिलाओं के साथ क्रूर तरीके से बलात्कार और अन्य गैर-सहमति वाली यौन गतिविधियों को भी दर्शाया गया था.
चौंकाने वाली बात है कि इनमें से कुछ वीडियो में बच्चों और महिलाओं के साथ सोते समय आपत्तिजनक स्थिति को भी दिखाया गया है. इन आपराधिक कृत्यों में लिप्त कुछ ट्विटर अकाउंट रैकेट चलाते हुए दिखाई दिए, जिसमें वे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के अन्य उपयोगकर्ताओं से बच्चों और महिलाओं के अश्लील और बलात्कार से सम्बन्धित वीडियो उपलब्ध कराने के लिए पैसे मांग रहे थे.
आयोग ने अपने सम्मन में ट्विटर से कहा था कि वह इस तरह की गैरकानूनी और पूरी तरह से आपराधिक कृत्यों को अपने माध्यम से प्रचारित करने से रोकने के लिए उठाए जा रहे कदमों का विवरण आयोग के समक्ष पेश करें. साथ ही यह भी जानकारी मांगी गई थी कि ट्विटर प्लेटफॉर्म के वर्तमान सिस्टम के बारे में भी अवगत कराएं. जिसके माध्यम से ऐसे गैर आधिकारिक ट्विटर एकाउंट की जानकरी तत्काल रूप से कानून प्रवर्तन एजेंसियों तक पहुंच सके. आयोग ने टि्वटर से कारण बताने को कहा था कि क्यों अभी तक ऐसे ट्वीटस को न तो प्लेटफार्म से हटाया गया और न ही रिपोर्ट किया गया.
आयोग ने ट्विटर पर वर्तमान में उपलब्ध ऐसे ट्वीट्स की संख्या के बारे में भी जानकारी मांगी थी. इसके अलावा, पिछले 4 वर्षों में ट्विटर की चिन्हित किए गए, हटाए गए और रिपोर्ट किए गए चाइल्ड पोर्नोग्राफी और बलात्कार को दर्शाने वाले ट्वीट्स की संख्या भी मांगी गयी थी.
ऐसी सामग्री को हटाने के बारे में ट्विटर से मांगी थी जानकारी : आयोग ने ट्विटर की ओर से ऐसी सामग्री को हटाने और रिपोर्ट करने के लिए अनुसरण किए जा रहे संबंधित जानकरी भी मांगी थी. आयोग ने यह सुनिश्चित करने की कोशिश की थी कि क्या महिलाओं और बच्चों के खिलाफ दुर्व्यवहार को दिखाने वाले ट्वीट्स को स्वचालित रूप से पहचानने और हटाने के लिए ट्विटर की ओर से AI (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) और मशीन लर्निंग टूल्स का उपयोग किया जा रहा है ?
इसके अलावा, दिल्ली पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी भी आयोग के समक्ष उपस्थित हुए और बताया कि इस मामले में सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 67/67A/67B के तहत दिनांक 20 सितंबर 2022 को ही प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है. हालांकि, उन्होंने कहा कि इस मामले में ट्विटर से जवाब न मिलने के कारण वे अभी तक कोई गिरफ्तारी करने में असमर्थ रहे हैं.
आयोग ने इस पर कड़ा संज्ञान लिया और ट्विटर इंडिया से कहा कि वह जांच में सहायता करे और मामले में दिल्ली पुलिस की ओर से मांगी गई सभी जानकारी प्रदान करें. अभी तक इस मामले में दिल्ली पुलिस सम्पूर्ण जानकारी देने में विफल रही है इसलिए दिल्ली पुलिस को दिनांक 30 सितंबर को फिर से आयोग के समक्ष उपस्थित होने का निर्देश दिया गया है.
खुलेआम बिक रहे चाइल्ड पोर्नोग्राफी और रेप वीडियो : दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने कहा कि ट्विटर एक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म है, जहां देश के आमजन से लेकर खास तक के अकाउंट्स हैं. ऐसे प्लेटफॉर्म पर खुलेआम चाइल्ड पोर्नोग्राफी और रेप वीडियो बिक रहे हैं. यह अत्यन्त स्तब्ध और परेशान करने वाली बात है कि दिल्ली पुलिस ने अभी तक इस मामले में किसी को गिरफ्तार नहीं किया है और न ही पीड़ितों तक पहुंच सकी है.
इसके अलावा, ट्विटर को उनकी प्रक्रिया में सुधार करना चाहिए. जिनके माध्यम से यह सुनिश्चित हो कि इस तरह के आपत्तिजनक वीडियो अब ट्विटर प्लेटफॉर्म पर अपलोड न हों और जो इस तरह के अवैध वीडियो मौजूद हैं उन्हें हटा दिया जाए. ट्विटर को देश के लोगों के प्रति जवाबदेह होना चाहिए और अपने प्लेटफॉर्म पर अवैध कृत्यों को नहीं होने देना चाहिए.
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