नई दिल्ली: पूर्वांचलियों का अति महत्वपूर्ण त्योहार छठ पूजा का आज सुबह उगते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ ही समापन (chhath parva completion) हो गया. व्रती सुबह उठकर पूजा अर्चना में जुट गए और पानी मे खड़े होकर सूर्यदेव की उपासना की.
छठ पूजा का समापन आज चौथे दिन उगते हुए सूर्य की उपासना के साथ हो गया. व्रती सुबह तीन बजे जगकर पूजा की तैयारियों में जुट गए. व्रती बनाये गए छठ घाटों पर पहुंच गए. इसके बाद सूर्यदेव के उगने का इंतजार होने लगा. जैसे ही वक्त आया, व्रतियों ने पानी में खड़े होकर और हाथ उठाकर सूर्यदेव की. इसके बाद उगते सूर्यदेव को जल और दूध से अर्घ्य देकर पूजा अर्चना की.
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इस बार इस त्योहार पर कोरोना का खतरा मंडरा रहा था, लेकिन व्रती सावधानी बरतते हुए पूजा अर्चना करने में जुटे रहे. पहले छठ पर्व पर व्रती पार्कों में बने घाटों पर पूजा करते थे. इस बार लोगों ने मुहल्लों में बनाये गए कृत्रिम घाटों में पूजा की. कुछ लोग भीड़भाड़ से बचने और कोरोना के खतरे को देखते हुए घर के आसपस ही गड्ढा खोदकर और पानी भरकर सूर्य की उपासना की.
इस तरह चार दिन तक चलने वाले कठिन व्रत का उगते सूर्य की उपासना के साथ समाप्ति हुई. छठ पूजा ही एकमात्र ऐसा पर्व है, जिसमें ना सिर्फ उगते हुए सूर्य की पूजा करते हैं, बल्कि डूबते हुए सूर्य को भी अर्घ्य देकर पूजा की जाती है. प्रार्थना की जाती है कि सूर्य अस्त होने के बाद फिर से उदय होकर विश्व में रोशनी से अंधेरे को दूर करें और हर किसी के जीवन मे उजाला लाए.