नई दिल्ली : दिल्ली सरकार के स्कूल टीन शेड में चल रहे हैं. हर चुनाव से पहले मुख्यमंत्री केजरीवाल और मनीष सिसोदिया राजनीतिक ड्रामा रचते हैं. ऐसा कहना है दिल्ली बीजेपी के मीडिया सह प्रभारी हरिहर रघुवंशी का. दरअसल दिल्ली उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने गुजरात के मुख्यमंत्री को दिल्ली सरकार के सरकारी स्कूल और शिक्षा माॅडल देखने के लिए आमंत्रित किया है, जिसके बाद दिल्ली में दोनों पार्टियों के नेताओं के बीच बयानबाजी का दौर जारी है.
दरअसल, कुछ दिन पूर्व दिल्ली के शिक्षा मंत्री और उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया द्वारा गुजरात के स्कूलों का दौरा किया गया था, जिसके बाद मनीष सिसोदिया ने गुजरात के स्कूलों के खराब हालात के लिए वहां की सरकार को जिम्मेदार ठहराया था. इस बीच अब मनीष सिसोदिया ने गुजरात के मुख्यमंत्री को दिल्ली सरकार के स्कूलों के औचक निरीक्षण का निमंत्रण दिया है, जिसमें कहा गया है कि गुजरात के मुख्यमंत्री राजधानी दिल्ली आए और देखे यहां के सरकारी स्कूलों का स्तर किस तरह से बेहतर हुआ है. साथ ही वह स्कूलों में पढ़ा रहे शिक्षकों के साथ-साथ पढ़ रहे बच्चों से भी बातचीत कर जाने कि आखिर दिल्ली सरकार के सभी स्कूलों के अंदर शिक्षा का स्तर किस तरह से बेहतर हुआ है.
इस पूरे मामले पर अब दिल्ली बीजेपी की तरफ से भी रिएक्शन सामने आया है. दिल्ली बीजेपी के मीडिया सह प्रभारी हरिहर रघुवंशी ने कहा है कि गुजरात में आगामी समय में चुनाव होने जा रहे हैं. जब भी किसी राज्य में चुनाव होते हैं तो वहां पर दिल्ली के मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री जाकर अपनी शिक्षा मॉडल का न सिर्फ ढिंढोरा पीटते हैं, बल्कि ड्रामा भी करते हैं. दिल्ली में वर्ल्ड क्लास शिक्षा व्यवस्था को लेकर राजनीति करना बहुत ही घटिया बात है. निश्चित तौर पर हर जगह बच्चों को बेहतर और अच्छी शिक्षा मिलनी चाहिए, जिसका भारतीय जनता पार्टी समर्थन करती है, लेकिन जिस तरह से अरविंद केजरीवाल की सरकार शिक्षा का राजनीतिकरण करती जा रही है और राजनीति में बच्चों का प्रयोग कर रही है. अभिभावकों का इस्तेमाल राजनीति में कर रही है वह पूरी तरह से गलत है. ऐसा किसी को नहीं करना चाहिए.
दूसरी बात आम आदमी पार्टी लगातार कहती है आप आकर दिल्ली सरकार के स्कूल देखिए. बीते दिनों हमारे पार्टी के सांसद दिल्ली सरकार के स्कूल गए थे. जहां की वीडियो ना सिर्फ सोशल मीडिया पर शेयर की गई है, बल्कि दिल्ली सरकार के सरकारी स्कूलों की बदहाली की तस्वीरें सबको दिखाई गई है. आज बड़ी संख्या में दिल्ली सरकार के स्कूलों में प्रिंसिपल नहीं है, वाइस प्रिंसिपल से काम चलाया जा रहा है. शिक्षकों की भारी कमी है. आपकी दिल्ली सरकार दिल्ली में बीजेपी के नेताओं और सांसदों को स्कूलों के दौरे का निमंत्रण ना देकर, बाहर के राज्यों के बीजेपी के नेताओं को दिल्ली के स्कूलों के दौरे के निमंत्रण देकर बुलाती है, जिन्हें दिल्ली के बारे में पूरी जानकारी नहीं है, जो आपकी दिल्ली सरकार की चालाकी है.
दिल्ली सरकार के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कुछ दिन पहले राजधानी दिल्ली में स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी बनाने की घोषणा की थी, जिसमें वाइस चांसलर तक की घोषणा कर दी गई, लेकिन अभी तक यह पता नहीं कि दिल्ली के अंदर स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी कहां है. बच्चे कहां जाकर एडमिशन ले पढ़ाई करें और अपने खेल के हुनर को तराशे.
दिल्ली सरकार ने अपने कुछ स्कूलों में इंफ्रास्ट्रक्चर खड़े करने के नाम पर बस कुछ कमरे बनाए हैं, जिनकी लागत 20 से ₹2500000 आई है, जिसका खुलासा आरटीआई के लगाने के बाद सबके सामने आया है. जबकि इन कमरों को बनाने का खर्चा महज दो से ढाई लाख रुपये है. ऐसे में आप अंदाजा लगा सकते कि कितने बड़े स्तर पर इन कमरों को बनाने में भ्रष्टाचार हुआ होगा. दिल्ली के अंदर बड़ी संख्या में आज भी दिल्ली सरकार के स्कूल टीन शेड में चल रहे हैं. उदाहरण के तौर पर मुस्तफाबाद में दिल्ली सरकार का स्कूल है, जिसमें 6000 बच्चे आज भी टीन शेड वाले स्कूल में पढ़ाई करने को मजबूर हैं.