नई दिल्ली : दिल्ली विधानसभा के पहले दिन की कार्यवाही हंगामे से भरी रही. सदन की कार्यवाही के पहले दिन ही आम आदमी पार्टी के विधायक ने दिल्ली के नए पुलिस कमिश्नर राकेश अस्थाना की नियुक्ति के खिलाफ विधानसभा में प्रस्ताव पेश किया. बीजेपी के विरोद के बावजूद इस प्रस्ताव को सदन में पास करा लिया गया. जिसके बाद सदन में हंगाम शुरू हो गया.
दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल ने विधानसभा की कार्यवाही की समाप्ति पर मीडिया से बातचीत में कहा कि मुझे लगता है कि राकेश अस्थाना की नियुक्ति सुप्रीम कोर्ट के आदेश के खिलाफ है. केंद्र सरकार का फर्ज बनता है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश को मानें और उसी हिसाब से नियुक्ति करे. सीएम केजरीवाल ने कहा कि सीबीआई डायरेक्टर के रूप में भी राकेश अस्थाना की नियुक्ति का विरोध हुआ था.
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राकेश अस्थाना को सीबीआई डायरेक्टर के पद पर नियुक्त करने वाली कमेटी ने उन्हें इस पद के योग्य नहीं माना था. इस कमेटी में प्रधानमंत्री, नेता प्रतिपक्ष और मुख्य न्यायाधीश जैसे लोग शामिल हैं. इसलिए दिल्ली के पुलिस कमिश्नर के पद के लिए भी राकेश अस्थाना योग्य व्यक्ति नहीं हैं. केंद्र सरकार को सभी कायदे कानून के हिसाब से ही नियुक्ति करनी चाहिए.आपको बता दें कि दिल्ली विधानसभा में विधायक संजीव झा ने राकेश अस्थाना की नियुक्ति के खिलाफ प्रस्ताव सदन के पटल पर रखा था. सत्ताधारी आम आदमी पार्टी के सभी विधायकों ने इस प्रस्ताव का समर्थन किया था. विधायक अखिलेशपति त्रिपाठी ने सदन में कहा कि राकेश अस्थाना को दिल्ली कमिश्नर के रूप में मिशन मर्डर, मिशन दंगा और मिशन फर्जी एनकाउंटर के लिए भेजा गया है.ये भी पढ़ें- विधानसभा कार्यवाही: मार्शल आउट हुए BJP विधायकों ने कहा- स्पीकर ने सदन में लगाई इमरजेंसी
नेता प्रतिपक्ष रामबीर सिंह बिधूड़ी ने राकेश अस्थाना की उपलब्धियों का सदन में बखान किया. उन्होंने कहा कि राकेश अस्थाना को पुलिस मेडल मिल चुका है. उन्हें राष्ट्रपति मेडल भी मिला है. राकेश अस्थाना के दिल्ली पुलिस कमिश्नर बनाए जाने के बाद दिल्ली में अपराध कम होगा. आतंकवादी जेल जाएंगे और भ्रष्टाचारी तिहाड़ जेल में होंगे.
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नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि दिल्ली विधानसभा को यह अधिकार ही नहीं है कि वे राकेश अस्थाना की नियुक्ति को खारिज करने का प्रस्ताव पास करे. ऐसे मामलों में उलझकर विधानसभा का समय व्यर्थ किया जा रहा है. जिस विधानसभा को बिजली, पानी, शिक्षा और स्वास्थ्य जैसे मुद्दों पर चर्चा करनी चाहिए, वो एक ऐसे मुद्दे पर चर्चा कर रही है, जिस पर कुछ करना उसके अधिकार में नहीं है.