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प्रदूषण के खिलाफ लड़ाई में दिल्ली आगे लेकिन पड़ोसी राज्य गंभीर नहीं: गोपाल राय

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Published : Oct 9, 2020, 9:23 PM IST

delhi environment minister gopal rai
दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय

दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा है कि प्रदूषण के खिलाफ लड़ाई में दिल्ली आगे है लेकिन पड़ोसी राज्य गंभीर नहीं है. एक न्यूज एजेंसी को दिए साक्षात्कार में उन्होंने कहा कि हम भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, पूसा के साथ काम कर रहे हैं, हमने पहल की है. हम अग्रणी भूमिका निभाना चाहते हैं और दूसरे राज्यों के लिए मिसाल पेश करना चाहते हैं.

नई दिल्ली: केजरीवाल सरकार में पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि आम आदमी पार्टी की सरकार दिल्ली-राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में वायु प्रदूषण के खिलाफ लड़ाई में अग्रणी भूमिका निभा रही है, लेकिन पड़ोसी राज्य इस बारे में अब भी गंभीर नहीं हैं जबकि कोविड-19 महामारी के कारण प्रदूषण और खतरनाक है. बता दें कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इसी सप्ताह वायु प्रदूषण रोधी अभियान ‘युद्ध, प्रदूषण के विरुद्ध’ की शुरुआत की थी.

गोपाल राय ने कहा कि आप सरकार वायु प्रदूषण के मुद्दे पर अन्य राज्यों के साथ सहयोग चाहती है, टकराव नहीं. उन्होंने कहा कि भूमि राज्यों में बंट गयी है लेकिन आकाश एक ही है. राय ने कहा कि पराली जलाने के समाधान के तौर पर ‘पूसा बायो-डिकंपोजर’ पहल हरियाणा और पंजाब को और फायदा पहुंचाएगी और दिल्ली को यह लाभ मिलेगा कि यह खेतों से निकलने वाले उस धुएं से छुटकारा पा जाएगी जो हर साल शहर को गैस चैंबर बना देता है. गौरतलब है कि हरियाणा और पंजाब में पराली जलाना शुरू हो गया है जिससे दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में प्रदूषण का स्तर तेजी से बढ़ रहा है.

न्यूज एजेंसी के साथ साक्षात्कार में गोपाल राय ने कहा कि केवल हमारी सरकार है जो इस बारे में गंभीर है. हम इस पर मिशन मोड में काम कर रहे हैं. भारत में अनेक राज्य गंभीर वायु प्रदूषण से जूझ रहे हैं, लेकिन वे खासतौर पर कोरोना वायरस संक्रमण के समय बड़ी चुनौती के बावजूद बहुत सक्रिय नहीं लग रहे. हम अपने 13 अति प्रभावित क्षेत्रों को लेकर बहुत चिंतित हैं और वहां प्रदूषण स्तर कम करने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं लेकिन दूसरे राज्यों में भी अति प्रभावित क्षेत्र हैं. वे पर्याप्त प्रयास नहीं कर रहे हैं. दिल्ली सरकार धूल उड़ने, जैविक कचरा जलाने, पराली जलाने और वाहनों से प्रदूषण के खिलाफ कार्रवाई कर रही है.

'सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के बावजूद जलाई जा रही पराली'

गोपाल राय ने ये भी कहा कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के बावजूद भी पराली जलाना बंद नहीं हुआ. हम जो कर सकते हैं, कर रहे हैं लेकिन जब दूसरे क्षेत्रों से उपजा प्रदूषण दिल्ली की आबोहवा को खराब करता है तो हम असहाय हो जाते हैं. मुद्दा पंजाब और हरियाणा से जुड़ा है, लेकिन दिल्ली इस पर ज्यादा काम कर रही है। दिल्ली में सबसे कम पराली जलाने के मामले आते हैं, फिर भी हम इससे निपटने की दिशा में काम कर रहे हैं. हम भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, पूसा के साथ काम कर रहे हैं, हमने पहल की है. हम अग्रणी भूमिका निभाना चाहते हैं और दूसरे राज्यों के लिए मिसाल पेश करना चाहते हैं.

पर्यावरण मंत्री ने इन बातों के साथ-साथ केंद्र सरकार से ये भी पूछा कि सरकार दिल्ली के 300 किलोमीटर के दायरे में चल रहे 11 कोयला आधारित विद्युत संयंत्रों के खिलाफ कोई कार्रवाई क्यों नहीं कर रही जो नये उत्सर्जन नियमों को पूरा करने की दो समयसीमा निकाल चुके हैं. उन्होंने कहा कि आसपास के क्षेत्रों में पुरानी तकनीक से चल रहे ईंट भट्टों पर कोई कार्रवाई क्यों नहीं होती. अगर सरकारें कुछ करना चाहें तो रातों रात कार्रवाई हो सकती है, लेकिन वे गंभीर नहीं हैं. वहीं स्मॉग टॉवर के विषय पर उन्होंने कहा कि वायु प्रदूषण की समस्या का कोई निश्चित समाधान नहीं है. जितने भी विकल्प उपलब्ध हैं, सभी को अपनाना होगा. दो स्मॉग टॉवर (कनॉट प्लेस और आनंद विहार में) लगाये जा रहे हैं. हम परिणामों का विश्लेषण करेंगे और फिर आगे के बारे में फैसला लेंगे.

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