नई दिल्ली : पूर्वी दिल्ली नगर निगम अपने सार्वजनिक शौचालयों में फीकल ट्रीटमेंट प्लांट स्थापित कर रहा है. ताकि शौचालय से निकलने वाले मल और पानी को रिसाइकिल करके उसे उपयोग में लाया जा सके. इस विधि से न ही गंदगी फैलती है और न ही इससे भू-जल दूषित होता है.
पूर्वी दिल्ली नगर निगम के कृष्णा नगर वार्ड अंतर्गत सब्जी मंडी के शौचालय में फीकल ट्रीटमेंट प्लांट का शिलान्यास मेयर श्याम सुंदर अग्रवाल ने किया. इस मौके पर निर्माण समिति के अध्यक्ष गोविंद अग्रवाल, शाहदरा साउथ जोन की चेयर पर्सन हिमांशी पांडे व बीजेपी नेता अनिल गोयल मौजूद रहे. कार्यक्रम की अध्यक्षता स्थानीय निगम पार्षद संदीप कपूर ने की.
इस मौके पर श्याम सुंदर अग्रवाल ने कहा कि पूर्वी दिल्ली नगर निगम कूड़े और गंदगी के निस्तारण के लिए आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल कर रहा है. इसी के तहत सार्वजनिक शौचालयों में फीकल ट्रीटमेंट प्लांट स्थापित किए जा रहे हैं, ताकि शौचालयों को जीरो वेस्ट बनाया जा सके. संदीप कपूर ने बताया कि केंद्र सरकार की पर्यावरण सुधार अमृत योजना के तहत निगम के सार्वजनिक शौचालयों को जीरो वेस्ट करने के मकसद से फीकल ट्रीटमेंट प्लांट स्थापित किया जा रहा है. इस पर 14 करोड़ रुपए खर्च किए जा रहे हैं. जिसमें 5 साल का मेंटिनेंस भी शामिल है.
फीकल स्लज ट्रीटमेंट प्लांट के माध्यम से शौचालयों के सेप्टिक टैंकों से निकलने वाले मल को यांत्रिक उपकरणों के जरिए टैंकर में एकत्र करके ट्रीटमेंट प्लांट में लाया जाता है. इस प्लांट में वैज्ञानिक विधि से निर्मित बैंड/टॉर्क में मल-कीचड़ को रखा जाता है.
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इसमें कुछ दिनों तक रखने के बाद स्लज/कीचड से पानी एवं ठोस अलग-अलग हो जाता है. निकले हुए पानी को और अधिक साफ करने के लिए पेड़ की जड़ों से प्रवाहित किया जाता है. निकले हुए इस पानी का उपयोग पेड़ पौधों हेतु किया जा रहा है. बचे हुए ठोस केक के रूप होता है. जिसे निकालकर कम्पोस्ट खाद के साथ मिलाया जाता है. यह पौधों के लिए बहुत उपयोगी है. इसके साथ ही टैंक से निकलने वाली मीथेन गैस को इकट्ठा करके उससे जनरेटर चलाकर बिजली बनाई जाएगी.