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कोविड का बढ़ा खतरा, कई जगह बनाए गए रैंडम टैस्टिंग प्वाइंट

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Published : Dec 10, 2021, 11:02 AM IST

कोरोना के नए वेरिएंट ओमीक्रोन को ध्यान में रखते हुए दिल्ली में टेस्टिंग प्वाइंट बढ़ा दिए गए हैं, आइए तकनीकी अधिकारी से जानें सैंपल कलेक्शन से लेकर रिपोर्ट भेजने तक की पूरी प्रक्रिया.

corona testing points increased in Delhi
corona testing points increased in Delhi

नई दिल्ली: कोरोना के नए मामले एक बार फिर बढ़ने लगे हैं, इस दौरान कोरोना के नए वेरिएंट ओमीक्रोन को लेकर भी सतर्कता बढ़ा दी गई है, लोगों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए सरकार ने रैंडम टेस्टिंग सेंटर भी बढ़ा दिए हैं. डीएम कार्यालय से एमसीडी के स्वास्थ्य कर्मियों के साथ मिलकर सिविल डिफेंस के जवानों के साथ 5-5 लोगों की कई टीमें बनाई गई है. जिन्हें एक निश्चित पॉइंट जारी किया गया है जहां से गुजरने वाले लोगों की रेंडम RTPCR टेस्ट की जा रही है.


संगम विहार के डीडीए पार्क के नजदीक इसी तरह का एक रेंडम टेस्टिंग सेंटर बनाया गया है, जहां से गुजरने वाले लोगों के आरटी पीसीआर टेस्ट के लिए सैंपल कलेक्ट किए जा रहे हैं. तकनीकी अधिकारी मोहम्मद इब्राहिम ने बताया कि वह सुबह नौ बजे से शाम चार बजे तक डीडीए पार्क संगम विहार में आरटी पीसीआर जांच के लिए सैंपल लेते हैं. शाम 4 बजे जितने सैंपल कलेक्ट हो पाते हैं, उन्हें अच्छे से सभी सुरक्षा मानकों को ध्यान में रखते हुए पैक कर देते हैं जिसे लैब की गाड़ी अपने साथ लैब ले जाती है. सभी सैंपल की जांच की जाती है. उसके बाद कंप्यूटर के माध्यम से इसकी रिपोर्ट तैयार की जाती है. हर जांच सैंपल पर मरीज के बारे में कोड के रूप में जानकारी दी जाती है. रिपोर्ट भी इसी कोड पर भेजा जाता है. रिपोर्ट तैयार होने के बाद ई-मेल के जरिए 24- 48 घंटे के भीतर आ जाती है.

कई जगह बने रैंडम टैस्टिंग प्वाइंट
ऑफिसर ने बताया कि हर दिन औसतन डेढ़ से 200 लोगों के सैंपल कलेक्ट किए जाते हैं. उन्होंने बताया कि लोगों को जांच के लिए तैयार करना थोड़ा मुश्किल होता है, क्योंकि कुछ लोग यह सोच कर चलते हैं कि उन्होंने कोरोना का वैक्सीन ले लिया है तो उसे कोरोना नहीं हो सकता है. इसलिए उन्हें जांच की भी जरूरत नहीं है, लेकिन ऐसे लोगों को समझाना पड़ता है कि कोरोना वैक्सीन आपको कोरोना संक्रमण होने से सुरक्षा देता है. इसका मतलब यह नहीं कि कोरोना संक्रमण नहीं होगा, लेकिन संक्रमण से कोई विशेष खतरा नहीं होगा.

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इब्राहिम ने बताया कि कोरोना जांच की रिपोर्ट 24 से 48 घंटे के भीतर उनके पास आ जाती है. कोई भी व्यक्ति फिजिकल फॉर्म में रिपोर्ट लेना चाहते हैं तो वह टेस्टिंग सेंटर पर आकर ले सकते हैं. इसके अलावा सभी लोगों के मोबाइल नंबर लिए जाते हैं, उन पर भी मैसेज के जरिए उन्हें रिपोर्ट भेज दी जाती है. जांच के लिए सैंपल हर दिन अलग-अलग लैब में भेजी जाती है.

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