नई दिल्ली: भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने लखनऊ में जनसभा के दौरान संबोधन में इत्र का जिक्र कर समाजवादी पार्टी पर निशाना (bjp National President jp nadda statement) साधा था. सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव पर तंज कसते हुए कहा था कि भ्रष्टाचार का इत्र जितना भी लगा लो अखिलेश बाबू, बदबू खुशबू में नहीं बदलेगी. इस दौरान उन्होंने कांग्रेस की नेता प्रियंका गांधी के कैंपेन 'लड़की हूं लड़ सकती हूं' पर भी कटाक्ष किया (bjp National President jp nadda statement over priyanka gandhi) था. उन्होंने कहा था कि 70 साल से भारत की लड़कियां शौचालय से दूर थीं, तब कांग्रेस की सरकार क्या कर रही थी. अब अखिल भारतीय महिला कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष नेटा डिसूजा और अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की सदस्य डॉली शर्मा ने प्रेसवार्ता कर भाजपा पर निशाना (delhi congress press conference) साधा है.
नेटा डिसूजा ने कहा कि भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने 'लड़की हूं लड़ सकती हूं' जैसे सशक्त अभियान का उपहास उड़ाया, वह भाजपा के पहले नेता नहीं हैं, जिन्होंने ऐसा किया, पर आख़िर भाजपा ऐसा क्यों कर रही है. उनको लड़कियों के सशक्तिकरण से क्या दिक़्क़त है. बात साफ़ है वह इस अभियान पर हमला कर रहे हैं, क्योंकि वे नहीं चाहते कि महिलाएं स्वतंत्र हों, सशक्त हों. नारी शक्ति से भाजपा डरती है. महिलाएं सिर्फ कुरीतियों के ख़िलाफ़ या संकुचित मानसिकता के ख़िलाफ़ ही नहीं लड़ रही, वह सबसे बड़ी लड़ाई अपने हक़ की लड़ रही हैं, वह समानता की लड़ाई लड़ रही हैं, समान - शिक्षा और अवसरों की लड़ाई लड़ रही हैं और अब वह रुकने वाली नहीं हैं.
नेटा डिसूजा ने कहा कि दुर्भाग्य से भाजपा अध्यक्ष को लगता है कि महिलाएं केवल एक बाथरूम और एक गैस सिलेंडर के लायक हैं. बार-बार शौचालय और गैस सिलेंडर का हवाला देकर आख़िर भाजपा क्या सिद्ध करना चाहती है. शौचालय एक अधिकार है. एक सुविधा है. किसी भी सरकार की ज़िम्मेदारी है. यह महिलाओं के ऊपर कोई उपकार नहीं है. इसी मानसिकता को बदलने की प्रियंका गांधी ने ठानी है, वह लड़कियों के लिए एक सुरक्षित परिवेश की बात करती हैं, जहां वह उन्मुक्त हों, निडर हों और हौसले की ऊंची उड़ान भरें, प्रियंका गांधी ने लड़कियों के लिए नौकरी, शिक्षा, स्वावलंबन, सम्मान, सुरक्षा की क्रांति का आह्वान किया है. इसी बात से भाजपा परेशान है. भाजपा के नारी सशक्तिकरण की असलियत तो यह है कि 'बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ' अभियान की 80% राशि तो केंद्र सरकार ने विज्ञापन में ही उड़ा दी.
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डिसूज़ा ने कहा कि आज हम इस मंच से भाजपा अध्यक्ष से कुछ सवाल पूछना चाहते हैं. भाजपा अध्यक्ष 'लड़की हूं लड़ सकती हूं' अभियान पर हमला कर रहे हैं, क्योंकि उन्हें साफ़ दिख रहा है कि महिलाएं ज़बरदस्त तरीक़े से इस अभियान से जुड़ रही हैं, वह एकजुट हो एक ताक़त के रूप में उभर रहीं हैं. चाहे रैलियां हो या शक्ति संवाद, महिलाओं की इतनी बड़ी संख्या में आना इस बात का प्रमाण है कि वह एक शौचालय नहीं अपने सारे हक़ पाने के लिए लड़ने को तैयार हैं. डिसूज़ा ने सवाल करते हुए कहा क्या भाजपा उनको हक़ देने के लिए तैयार हैं.
उन्होंने कहा कि भाजपा इस देश की आधी आबादी को एक शौचालय देकर मुंह मोड़ना चाहती है. आज औरतें समानता और इज़्ज़त चाहती हैं. वह सिर्फ़ मां, बहन, बेटी बन कर सीमित नहीं रहना चाहती. भाजपा में हिम्मत है तो महिलाओं को दोयम दर्जा देना बंद कीजिए, हम हर चीज़ में भागीदार हैं. हमारे संविधान ने महिलाओं को पुरुषों की तरह ही समान अधिकार दिए हैं, अब आप हमारे वजूद को नकार नहीं सकते, क्योंकि लड़कियां पक्षपात सहने को तैयार नहीं हैं. आप शौचालय और एक मुफ्त गैस सिलेंडर मात्र से महिलाओं के वजूद को नकारना कब बंद करेंगे.
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AICC सदस्य डॉली शर्मा ने कहा कि कांग्रेस ने तो प्रतिज्ञा ली है कि महिलाओं की राजनैतिक भागीदारी को सुनिश्चित करने के लिए 40% टिकट महिलाओं को देंगे. 20 लाख सरकारी नौकरियों में 40% मतलब 8 लाख नौकरियां महिलाओं के लिए होंगी. पुलिस बल में 25% पदों पर लड़कियों की नियुक्ति होगी. हम लड़कियों को ना सिर्फ़ स्मार्ट फ़ोन और स्कूटी देंगे, हर जिले में उनके लिए दक्षता विद्यालय खोलेंगे. हम भाजपा की तरह आंगनवाड़ी और आशा बहुओं का तिरस्कार ना कर उनका मानदेय सुनिश्चित करेंगे. भाजपा राज में लड़कियों के ख़िलाफ़ रोंगटे खड़े करने वाले अपराध हुए, पीड़िता की सुनवाई तो दूर उन्हीं को डराया धमकाया गया. कांग्रेस यह सुनिश्चित करेगी कि रेप जैसे जघन्य अपराधों में तुरंत जांच ना होने पर संबंधित अधिकारियों के ख़िलाफ़ कार्रवाई का क़ानून बने.
डॉली शर्मा ने कहा कि यह सच है कि प्रियंका गांधी और कांग्रेस पार्टी ने देश की राजनीति में महिलाओं की अहम भूमिका को लेकर एक मुहिम शुरू कर दी है और अब भाजपा अध्यक्ष या कोई और महिलाओं को नजरअंदाज करने की हिम्मत नहीं कर सकता है.