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दिल्ली स्टार्टअप नीति को केजरीवाल कैबिनेट ने दी मंजूरी, सीएम ने कहा- युवाओं की करेंगे मदद

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Published : May 5, 2022, 5:17 PM IST

Updated : May 5, 2022, 8:50 PM IST

दिल्ली की केजरीवाल सरकार की कैबिनेट ने गुरुवार को बड़ा फैसला लिया है. दिल्ली कैबिनेट ने आज महत्वाकांक्षी 'दिल्ली स्टार्ट-अप नीति' को मंजूरी दी है. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि जो युवा अपना कारोबार शुरू करना चाहते हैं, दिल्ली सरकार उनकी मदद करेगी.

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सीएम अरविंद केजरीवाल

नई दिल्ली : राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली अब दुनिया में स्टार्टअप का हब बनेगी. केजरीवाल सरकार ने आज अपनी अनोखी स्टार्टअप पॉलिसी को लांच कर दिया. सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि बिजनेस ब्लास्टर्स प्रोग्राम और एंटरप्रिन्योरशिप क्लासेस अब कॉलेजों में भी शुरू की जाएंगी. कॉलेज की पढ़ाई करते हुए बच्चे बिजनेस आइडियाज तैयार कर सकेंगे और सरकार उनकी पूरी तरह से मदद करेगी. सरकार बिना गारंटी के को-लेटरल फ्री लोन दिलाने में मदद करेगी, जो एक साल के लिए ब्याज मुक्त होगा. चार्टर्ड अकाउंटेंट, वकीलों, विशेषज्ञओं आदि का पैनल बनाया जाएगा, जहां स्टार्टअप को मुफ्त मदद दी जाएगी. साथ ही सरकार कुछ शर्तों में ढील देकर स्टार्टअप का सामान भी खरीदेगी.

सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली सरकार के कॉलेजों में पढ़ने वाला कोई बच्चा अगर स्टार्टअप करना चाहता है, तो वो एक से दो साल तक की छुट्टी भी ले सकते हैं. एक टास्क फोर्स बनाई जाएगी, जहां स्टार्टअप पॉलिसी में रजिस्टर करने के लिए आवेदन करना होगा. दिल्ली के सीएम ने कहा कि मैं उम्मीद करता हूं कि आने वाले समय में दिल्ली के युवा एक यूनिकॉर्न बनाएंगे. दिल्ली से बड़ी-बड़ी कंपनियां निकलेंगी और खूब तरक्की करेंगे.

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की अध्यक्षता में आज सुबह दिल्ली सचिवालय में कैबिनेट की बैठक हुई. कैबिनेट में उद्योग विभाग ने दिल्ली स्टार्टअप पॉलिसी-2021 का प्रस्ताव रखा. कैबिनेट ने विचार-विमर्श के उपरांत प्रस्ताव को अपनी मंजूरी दे दी. सीएम अरविंद केजरीवाल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर दिल्ली स्टार्टअप पॉलिसी 2021 के संबंध में कैबिनेट के फैसले के बारे में जानकारी दी. सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि हमारे देश की उम्मीद और भविष्य हमारे युवा हैं। हमारे युवाओं में बहुत क्षमता है. हमारे युवा बहुत ही बुद्धिमान और मेहनती हैं. लेकिन हमारे देश की शिक्षा व्यवस्था और पूरा सिस्टम और राजनीति इस तरह की है कि हमारे देश का युवा आज बेरोजगार घूम रहा है और नौकरी ढूंढने के लिए दर-दर की ठोंकरें खा रहा है. दिल्ली के अंदर हमने बिजनेस का माहौल बनाने के लिए बहुत सारे कदम उठाए हैं. इस बार दिल्ली के बजट में दिल्ली के अंदर बिजनेस का माहौल बनाने और नई उर्जा पैदा करने के लिए बहुत सारे प्रावधान किए गए हैं. कई सारे मार्केट्स को विकसित किया जा रहा है. दिल्ली बाजार बनाया जा रहा है और दिल्ली शॉपिंग फेस्टिवल बनाया जाएगा. उसी तरह, दिल्ली के स्कूलों के अंदर एंटरप्रिन्योरशिप क्लासेज चालू की जा रही हैं. नौवीं से 12वीं क्लास तक के बच्चों को बिजनेस करना सिखाया जा रहा है. उन्हें छोटा सा सीड कैपिटल दिया जाता है, जिससे वो अपना छोटा सा बिजनेस करते हैं. इसके लिए बिजनेस ब्लास्टर प्रोग्राम किया जा रहा है. ढेरों बच्चे अलग-अलग छोटे-छोटे बिजनेस चालू करना शुरू कर रहे हैं.

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सीएम अरविंद केजरीवाल

सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि बिजनेस ब्लास्टर्स प्रोग्राम और एंटरप्रिन्योरशिप क्लासेस अब कॉलेजों के अंदर भी शुरू की जाएंगी. कालेजों के अंदर भी बच्चों को डिग्री लेने के बाद नौकरी ढंढने के बजाय अपना बिजनेस करने के लिए उन्हें मानसिक तौर पर तैयार किया जाएगा और कॉलेज में पढ़ते-पढ़ते भी वो इस दिशा में अपने छोटे-छोटे बिजनेस आइडियाज को तैयार करना शुरू करेंगे. इसके लिए दिल्ली सरकार की तरफ से उन्हें पूरी तरह से सहायता की जाएगी.

सीएम अरविंद केजरीवाल ने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि आज दिल्ली कैबिनेट में दिल्ली स्टार्टअप पॉलिसी को पास कर दी है. हमने जो दिल्ली स्टार्टअप पॉलिसी बनाई है, उसके अंदर दुनिया भर की स्टार्टअप पॉलिसी के सभी अच्छे प्वाइंट्स डाले हैं. अगर दिल्ली के अंदर रहने वाले युवा दिल्ली में अपना कोई बिजनेस चालू करना चाहते हैं, तो उनको दिल्ली सरकार पूरी तरह से मदद करेगी. सरकार उनको पैसे से भी मदद करेगी और पैसे के अलावा भी कई तरह से मदद करेगी. दिल्ली सरकार कई सारी चीजों में पैसे से मदद करेगी. जैसे- कोई स्टार्टअप कहीं पर किराए पर कोई जगह लेते हैं, तो दिल्ली सरकार उसका आधा किराया तक दे सकती है. वह अपने कर्मचारियों को जो सैलरी देगा, उनमें भी कुछ हिस्सा वित्तीय मदद की जा सकती है. अगर वह पेटेंट, ट्रेडमार्क और कॉपीराइट के लिए आवेदन करता है, तो सरकार उसकी फीस को वापस कर सकती है. इंटरनेट शुल्क जो आता है, उसके अंदर भी सरकार मदद कर सकती है. दिल्ली के अंदर इन्क्यूबेशन सेंटर और फैब्रिकेशन लैब लगाने में मदद की जा सकती है. ऐसे सेंटर जहां पर बच्चे जाकर अपना स्टार्टअप शुरू कर सकते हैं, उसको इन्क्यूबेशन सेंटर कहते हैं. जो लोग इन्क्यूबेशन सेंटर स्थापित करेंगे, उनको तरह-तरह से वित्तीय सहायता दी जाएगी. बिना गारंटी के को-लेटरल फ्री लोन दिलाने में दिल्ली सरकार मदद करेगी और एक साल के लिए ब्याज मुक्त लोन होंगे. इस तरह की ढेर सारी सहायता दिल्ली सरकार देगी.

सीएम अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली स्टार्टअप पॉलिसी की जानकारी देते हुए कहा कि यह बड़ी बात है कि एक नौजवान युवा जब अपना नया बिजनेस शुरू करना चाहता है, तो वो 10 फ़ीसद समय तो अपने बिजनेस को देता है और 90 फ़ीसद समय वो इस पर देता है कि मेरे को जीएसटी के लिए आवेदन करना है, इनकम टैक्स विभाग जाना है और तमाम सरकारी विभागों में जाना है. वो 90 फीसद समय इन चीजों में व्यस्त रहता है. इसलिए हमने यह तय किया है और यह एक तरह से नई तरह की शुरुआत हो रही है कि हम ढेर सारी एजेंसियों और प्रोफेशनल को हायर करेंगे. उन सभी का एक-एक पैनल बना देंगे. जैसे- चार्टर्ड अकाउंटेंट, वकीलों और विशेषज्ञों का पैनल बना देंगे. एक स्टार्टअप वाला व्यक्ति उनमें से किसी के पास जाकर उनकी मदद ले सकता है और वह मदद बिल्कुल फ्री होगी.

मान लीजिए कि हमने एक चार्टर्ड अकाउंटेंट का पैनल बनाया. जो स्टार्टअप शुरू कर रहा है, वो उनमें से किसी भी चार्टर्ड अकाउंटेंट के पास जा सकता है और उनसे मदद ले सकता है. चाटर्ड अकाउंटेंट उसको जो भी मदद देगा, वो फ्री होगी, दिल्ली सरकार उस चार्टर्ड अकाउंटेंट को पैसा देगी. स्टार्ट करने वालों को मार्केटिंग करने में मदद दी जाएगी. सोशल मीडिया में भी मदद दी जाएगी. पेटेंड या ट्रेडमार्क कैसे फाइल करने हैं, उसमें मदद दी जाएगी. जीएसटी कैसे भरना है, उसमें मदद की जाएगी. निवेशक ढूंढने में भी मदद दी जाएगी. लोन दिलाने के लिए मदद की जाएगी. अलग-अलग सरकारी विभागों से कैसे अप्रूवल लेनी है, इन सारी चीजों में स्टार्टअप करने वाले को दिल्ली सरकार फ्री में अलग-अलग तरह से मदद उपलब्ध कराएगी और सारी एजेंसी उनको फ्री में मदद देंगी.

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सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि एक और बड़ी मदद की जाएगी कि सरकार जो सामान खरीदती है, उसमें भी स्टार्टअप के लिए अलग से सुविधा दी जाएगी. मसलन, अगर हम कोई सामान खरीदते हैं, तो कहते हैं कि इतने साल का अनुभव होना चाहिए, इतनी साल पुरानी कंपनी होनी चाहिए आदि. इन सब चीजों में हम स्टार्टअप के लिए ढीलाई कर देंगे, लेकिन माल की क्वालिटी में कोई समझौता नहीं होगा. जो बच्चे दिल्ली सरकार के कॉलेज में पढ़ रहे हैं और वो कोई स्टार्टअप करना चाहता है. उसने पढ़ते-पढ़ते कोई प्रोडक्ट बनाया है, तो सरकार उसको अपनी पढ़ाई में दो साल तक की छुट्टी भी देने के लिए तैयार है. वह दो साल की छुट्टी ले सकता है, ताकि वो अपने प्रोडक्ट पर ध्यान दे सके. इसके बाद वापस आकर वो अपना कोर्स पूरा करके अपनी डिग्री ले जाए. पढ़ते-पढ़ते कॉलेज के बच्चों को भी एक से दो साल की छुट्टी लेने की इजाजत दी जाएगी. इसका प्रक्रिया यह होगी कि इसके लिए 20 लोगों की एक टास्क फोर्स बनाई जा रही है. इसमें केवल एक सरकारी अधिकारी होगा, जबकि 10 फीसद लोग एकेडमी के होंगे और 85 फीसद लोग प्राइवेट इंडस्ट्री के होंगे. अगर कोई भी दिल्ली सरकार के स्टार्टअप पॉलिसी में रजिस्टर करना चाहता है, तो वो टास्क फोर्स में आवेदन करेगा. इसके बाद टास्क फोर्स यह तय करेगी कि हमें इन्हें रजिस्टर करना है या नहीं करना है. मुझे लगता है कि स्टार्टअप पॉलिसी के बाद बहुत बड़े स्तर पर दिल्ली में स्टार्टअप का बूम आएगा. मैं उम्मीद करता हूं कि आने वाले समय में हमारे दिल्ली के युवा यूनिकॉर्न बनाएंगे और यहां से बहुत बड़ी-बड़ी कंपनियां निकलेंगी और खूब तरक्की करेंगे.

दिल्ली स्टार्टअप पॉलिसी-2021 का उद्देश्य

दिल्ली सरकार की दिल्ली स्टार्टअप पॉलिसी-2021 का मुख्य मकसद 2030 तक दिल्ली को ग्लोबल इनोवेशन हब बनाना और स्टार्टअप के लिए सबसे पसंदीदा जगह के रूप में विकसित करना है. ताकि एक मजबूत तंत्र के माध्यम से इनोवेशन आधारित अर्थव्यवस्था और उद्यमशीलता को बढ़ावा दिया जा सके. साथ ही 2030 तक 15 हजार स्टार्टअप को मदद देकर उन्हें प्रोत्साहित करना है. इसके अलावा, एंटरप्रिंन्योरशिप के नए रास्ते पैदा कर युवाओं को रोजगार उपलब्ध करना है. प्रारंभिकशिक्षा से ही सीखने के लिए अनुकूल वातावरण, फंडिंग, नवीन विचारों को बढ़ावा देना, प्रो-एक्टिव एंगेजमेंट, अकादमिक और उद्योग, अत्याधुनिक इन्क्यूबेशन की स्थापना के अलावा स्टार्टअप को यूनिकॉर्न बनाना है.

दिल्ली स्टार्टअप पॉलिसी-2021 का फोकस एरिया

दिल्ली सरकार की स्टार्टअप पॉलिसी-2021 के तहत कई क्षेत्रों पर अपना फोकस करेगी. जिसमें एजुकेशन और एजुकेश टेक्नॉलॉजी, हेल्थ केयर और हेल्थ टेक्नॉलॉजी, टूरिज्म और हॉस्पिटैलिटी, परिवहन, मोटर वाहन, व्यापार और नागरिकों को जोड़ने के लिए के लिए ई-गवर्नेंस, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, मशीन लर्निंग, इंटरनेट ऑफ थिंग्स (आईओटी) सर्विस के रूप में सॉफ्टवेयर, फिनटेक, ई-कचरा प्रबंधन, रोबोटिक्स और ओटोमेशन, ग्रीन टेक्नॉलॉजी, बायो-फार्मा और मेडिकल डिवाइस, आईटी और आईटीईएस क्षेत्र शामिल हैं.

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पॉलिसी गवर्नेंस मैकेनिज्म के लिए गठित की जाएगी कमेटी

पॉलिसी गवर्नेंस मैकेनिज्म के लिए तीन कमेटियों का गठन किया जाएगा. इसमें स्टार्टअप पॉलिसी मॉनिटरिंग समिति, स्टार्टअप टास्क फोर्स औऱ नोडल एजेंसी शामिल हैं. दिल्ली स्टार्टअप पॉलिसी की निगरानी के लिए स्टार्टअप पॉलिसी मॉनिटरिंग समिति बनाई जाएगी. इसकी अध्यक्षता दिल्ली सरकार के वित्त मंत्री करेंगे. इसमें दिल्ली सरकार के उद्योग मंत्री और दूसरे राज्य विभाग के वरिष्ठ प्रतिनिधि सदस्य शामिल होंगे. इसके अलावा, स्टार्टअप टास्क फोर्स की अध्यक्षता के लिए दिल्ली सरकार के उद्योग मंत्री द्वारा एक अधिकारी नियुक्त किया जाएगा. कमेटी में 5 फीसद सरकारी प्रतिनिधि, 10 फीसद शैक्षणिक संस्थान और 85 फीसद निजी क्षेत्र से लोग शामिल होंगे. कमेटी का मुख्य कार्य मान्यता प्राप्त उद्यमी, स्टार्टअप और इन्क्यूबेटर्स के आवेदनों का मूल्यांकन और अनुमोदन करना होगा. नोडल एजेंसी में उद्योग विभाग की निगरानी में एक सेल स्टार्टअप पॉलिसी को लागू करने के लिए होगा. इसका स्टार्टअप और हितधारकों से सीधा संपर्क होगा.

दिल्ली स्टार्टअप पॉलिसी 2021 के तहत मिलने वाला प्रोत्साहन

दिल्ली सरकार लीज रेंटल पर 50 फीसद तक रीइंबर्समेंट देगी, जो अधिकतम 5 लाख रुपए तक प्रति वर्ष हो सकता है. पेटेंट, ट्रेडमार्क, कॉपीराइट, औद्योगिक डिजाइन करने के लिए एक लाख रुपए तक (भारत में) और तीन लाख रुपए तक (विदेश में) प्रतिपूर्ति अनुदान दिया जाएगा। महिलाओं, वंचित वर्ग या विकलांग व्यक्तियों को 100 फीसद और अन्य के लिए 50 फीसद से 5 लाख रुपए तक साल में एक बार प्रदर्शनी स्टाल या किराए की लागत की प्रतिपूर्ति दी जा सकती है. एक वर्ष तक परिचालन या कर्मचारी के लिए मासिक भत्ता के तौर पर 30 हजार रुपए प्रतिमाह दी जा सकती है. साथ ही, प्रतिस्पर्धी कार्यक्रमों के विजेता और चयनित लोगों को टोकन पुरस्कार दिया जाएगा. विजेता छात्रों के शैक्षिक शुल्क के लिए छात्रवृत्ति, फैब्रिकेशन लैब और को-वर्किंग स्पेस के लिए वित्तीय सहायता, इंटरनेट का चार्ज भी दिया जा सकता है, जो 50 फीसद से अधिकतम 2.5 लाख रुपए तक प्रतिवर्ष हो सकता है और यह सुविधा तीन साल के लिए होगी.

Last Updated : May 5, 2022, 8:50 PM IST
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