नई दिल्ली: दिल्ली शराब घोटाले में गिरफ्तार पूर्व CEO विजय नायर को CBI ने राउस एवेन्यू कोर्ट में बुधवार को पेश किया. कोर्ट से 7 दिन की कस्टडी मांगी, लेकिन उसे 5 दिन की ही मिली. इससे पहले कोर्ट में नायर के वकील ने कहा कि वह आम आदमी पार्टी का मीडिया प्रबंधन संभालते हैं. इसी के चलते उन्हें गिरफ्तार किया गया.
बता दें, दिल्ली शराब घोटाले में CBI ने नायर के रूप में पहली गिरफ्तारी मंगलवार देर शाम की थी. वह एक एंटरटेनमेंट और इवेंट मीडिया कंपनी के पूर्व CEO हैं. ED ने इनके ठिकाने पर भी छापेमारी की थी.
19 अगस्त की सुबह गोवा, दमन दीव, हरियाणा, दिल्ली और यूपी सहित 7 राज्यों के 20 अन्य जगहों पर कई ब्यूरोक्रेट व कारोबारियों के यहां सीबीआई के छापे पड़े थे. इसमें दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया (Delhi Deputy Chief Minister Manish Sisodia) के घर पर भी छापेमारी ( CBI raid on Manish Sisodia House) हुई थी. जो करीब 14 घंटे तक चली थी.
रेड पूरी होने के बाद सीबीआई ने सिसोदिया का निजी मोबाइल फोन और कंप्यूटर को सीज (Mobile Phone and Computer seized by CBI) कर लिया था. बता दें, 17 अगस्त को सिसोदिया समेत 15 लोगों के खिलाफ सीबीआई ने FIR दर्ज की थी.
इनको किया गया था नामजदः डिप्टी CM मनीष सिसोदिया, आबकारी आयुक्त अर्व गोपी कृष्ण, आबकारी उपायुक्त आनंद तिवारी, सहायक आयुक्त पंकज भटनागर, विजय नईर (पूर्व सीईओ, मेसर्स ओनली मच लाउडर), मनोज राय (पूर्व कर्मचारी), अमनदीप ढल (निदेशक, मैसर्स ब्रिंडको सेल्स प्रा. लिमिटेड), समीर महेंद्रू (प्रबंध निदेशक, इंडोस्पिरिट ग्रुप), अमित अरोड़ा (निदेशक, मैसर्स बडी रिटेल प्राइवेट लिमिटेड), बुद्धि रिटेल प्रा. लि., दिनेश अरोड़ा, महादेव लिकर, सनी मारवाह, अरुण रामचंद्र पिल्लई और अर्जुन पांडेय को नामजद किया गया है.
जानें क्या है पूरा मामला
दिल्ली में पहले शराब की बिक्री सरकारी दुकानों में होती थी. निर्धारित रेट पर ही चुनिंदा जगहों पर खुली हुई दुकानों में ही शराब बेची जाती थी. यह वर्षों पुरानी बनाई गई नीति के तहत शराब की बिक्री होती थी. केजरीवाल सरकार ने गत वर्ष नवंबर में शराब की बिक्री के लिए नई आबकारी नीति को लागू किया. इसके तहत शराब की बिक्री की जिम्मेदारी निजी कंपनियों और दुकानदारों को दे दिया गया.
सरकार का कहना था कि इससे कंपटीशन होगा और कम कीमत पर शराब खरीद सकेंगे. इसके अलावा दुकान पर देसी विदेशी सभी ब्रांडों की शराब एक जगह मिलेगी. लेकिन नई आबकारी नीति के तहत नवंबर से दिल्ली में बिक रही शराब की दुकानों को अचानक बंद करने का सरकार ने फैसला लिया. जिससे शराब की बिक्री को लेकर अफरा-तफरी मच गई.
दिल्ली की नई आबकारी नीति 2021-2022 के तहत पूरी दिल्ली को 32 लिकर जोन में बांटा गया. 9 जोन ने पहले ही लाइसेंस सरेंडर कर दिया है. इसके तहत 849 दुकानें खुलीं. 31 जोन में 27 दुकानें मिली. एयरपोर्ट जोन को 10 दुकानें मिलीं. 639 दुकानें 9 मई को और 464 दुकानें 2 जून को खोली गईं.
जबकि इस 17 नवंबर 2021 को लागू होने से पहले दिल्ली में शराब की कुल 864 दुकानें थी. 475 दुकानें सरकार चला रही थी, जबकि 389 दुकानें प्राइवेट थीं. दिल्ली में नई आबकारी नीति को लागू करने के पीछे दिल्ली सरकार का सबसे बड़ा तर्क शराब माफिया को खत्म करने और शराब के समान वितरण का था. साथ ही शराब पीने की उम्र 25 से घटाकर 21 साल कर दी गई. इसके साथ ही ड्राइ डे भी घट गए.
इस नीति के लागू होने से दिल्ली पहली सरकार बनी जिसने शराब व्यवसाय से खुद को अलग कर लिया. पब्लिक प्लेस में स्टोर के आगे कोई शराब पीता है तो पुलिस नहीं बल्कि स्टोर वाला जिम्मेदार होगा. लोगों को स्टैंडर्ड लेवल की शराब पीने को मिलेगी.