नई दिल्ली: राऊज एवेन्यू कोर्ट पुराना नांगल रेप ममले में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के खिलाफ POCSO एक्ट के तहत FIR दर्ज करने की मांग पर आज सुनवाई करेगा. एडिशनल चीफ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट धर्मेंद्र सिंह इस मामले की सुनवाई करेंगे.
नौ अक्टूबर को सुनवाई के दौरान न तो शिकायतकर्ता और बीजेपी नेता नवीन कुमार जिंदल कोर्ट में पेश हुए थे और न ही उनका वकील. डीसीपी क्राइम ब्रांच इस मामले में स्टेटस रिपोर्ट दाखिल किया था, लेकिन शिकायतकर्ता के पेश नहीं होने की वजह से सुनवाई लिए टाल दी गई थी. पांच अक्टूबर को कोर्ट ने मामले में रिपोर्ट दाखिल नहीं करने पर डीसीपी क्राईम ब्रांच के खिलाफ वारंट जारी किया था. कोर्ट ने डीसीपी क्राईम ब्रांच को कोर्ट में पेश होने का आदेश दिया था. 29 सितंबर को सुनवाई के दौरान बाराखंभा रोड थाने के एसएचओ ने कहा था कि उसने शिकायत की प्रति डीसीपी, क्राईम को आगे की जरुरी कार्रवाई के लिए भेज दिया है. उसके बाद कोर्ट ने डीसीपी, क्राईम से रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया था.
पिछले 22 सितंबर को कोर्ट ने दिल्ली पुलिस से एक्शन टेकन रिपोर्ट तलब किया था. याचिका दिल्ली बीजेपी के मीडिया प्रमुख नवीन कुमार जिंदल ने दायर किया है. याचिका में मांग की गई है कि राहुल गांधी के खिलाफ दिल्ली कैंट के मामले में पीडित परिवार की पहचान जाहिर करने के लिए एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया जाए. नवीन जिंदल का आरोप है कि राहुल गांधी ने नाबालिग पीड़िता के माता-पिता की पहचान को उजागर किया. याचिका में पॉक्सो एक्ट के तहत एफआईआर दर्ज करने की मांग की गई है.
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पिछले दिनों पुराना नांगल के एक श्मशान घाट पर वाटर कूलर से पानी पीने पहुंची नौ साल की दलित बच्ची के रेप कर हत्या कर दी गई. इस घटना के बाद राहुल गांधी उसके परिवार वालों से मिलने पहुंचे थे. उन्होंने अपने ट्विटर अकाउंट से पीड़ित बच्ची के माता-पिता से मिलने वाली तस्वीर डाली. इस मामले पर राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने संज्ञान लेते हुए पिछले 4 अगस्त को राहुल गांधी का ट्वीट हटाने का आदेश दिया था. इस आदेश के बाद ट्विटर ने राहुल गांधी का ट्विटर अकाउंट सस्पेंड कर दिया था.
दिल्ली सरकार की नई आबकारी नीति के खिलाफ दायर याचिकाओं पर आज सुनवाई
दिल्ली हाईकोर्ट दिल्ली सरकार की नई आबकारी नीति के खिलाफ दायर याचिकाओं पर आज सुनवाई करेगा. चीफ जस्टिस डीएन पटेल की अध्यक्षता वाली बेंच इस मामले की सुनवाई करेगी.
29 सितंबर को कोर्ट ने पुरानी आबकारी नीति के तहत एल 7 लाईसेंसधारक खुदरा दुकानों को 30 सितंबर से बंद करने के दिल्ली सरकार के फैसले पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था. कोर्ट ने कहा था कि दिल्ली सरकार को नई आबकारी नीति को जारी करने का अधिकार है. दिल्ली सरकार की नई आबकारी नीति के अलग-अलग प्रावधानों के खिलाफ हाईकोर्ट याचिकाएं दायर की गई हैं. याचिकाओं में कहा गया है कि दिल्ली सरकार की नई आबकारी नीति के तहत दिल्ली को 32 जोनों में विभाजित किया गया है, जबकि इन 32 जोनों में केवल 16 लाइसेंस धारक ही होंगे जिनके द्वारा संचालन किया जा सकेगा. याचिका में कहा गया है कि इससे कुछ खास लोगो का ही इस व्यवसाय पर एकाधिकार हो जाएगा.
दिल्ली कंज्यूमर कोऑपरेटिव होलसेल स्टोर कर्मचारी युनियन ने नई आबकारी नीति में सरकार की अधिगृहीत कंपनी या सोसायटी को शराब के खुदरा व्यापार का लाईसेंस नहीं देने के प्रावधान को चुनौती दी है. इस याचिका पर हाईकोर्ट नोटिस जारी कर चुका है.
पिछले 28 जुलाई को कोर्ट ने नई आबकारी नीति में शराब पीने की न्यूनतम उम्र 25 वर्ष से घटाकर 21 वर्ष करने के प्रावधान को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए दिल्ली सरकार को नोटिस जारी किया था. याचिकाओं में दिल्ली सरकार की ओर से पिछले 28 जून को जारी ई-टेंडर नोटिस को वापस लेने की भी मांग की गई है. दिल्ली सरकार का कहना है कि नई आबकारी नीति भ्रष्टाचार को कम करने की कोशिश की गई है.
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