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दिल्ली में प्रॉपर्टी की कीमत में उछाल से बढ़े अवैध कब्जे के मामले, आसान नहीं कानूनी लड़ाई

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Published : Mar 12, 2021, 6:31 PM IST

Updated : Mar 12, 2021, 9:08 PM IST

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दिल्ली में जमीन विवाद

दिल्ली के कई इलाकों में पिछले दो दशक में जमीन की कीमतों में उछाल देखने के बाद अपराध को बढ़ावा मिला है जिसके कारण कई इलाकों में गैंगस्टर भी पनपे हैं. इस विकराल समस्या के पीछे कारणों पर रोशनी डाल रहे हैं दिल्ली पुलिस के सेवानिवृत्त एसीपी वेदभूषण

नई दिल्ली : राजधानी के कई इलाकों में पिछले दो दशक में जमीन की कीमतों में काफी उछाल देखने को मिला है. कीमतों में उछाल आने से एक तरफ जहां लोगों के लिए अपने सपनों का घर बनाना मुश्किल हो गया वहीं इससे अपराध को भी बढ़ावा मिला है.

दिल्ली में जमीन विवाद

खासतौर से जमीन कब्जाने के मामलों में बढ़ोतरी होने से कई इलाकों में गैंगस्टर भी पनपे हैं ऐसे में लंबी अदालती लड़ाई और पुलिस हस्तक्षेप के बीच आम लोगों से जुड़े जमीन विवाद हर दूसरे दिन सामने आते रहते हैं.

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इस विकराल समस्या पर दिल्ली पुलिस के सेवानिवृत्त एसीपी वेदभूषण कहते हैं कि राजधानी में जमीन का एक बड़ा हिस्सा अनाधिकृत कॉलोनियों का है जिसका रिकॉर्ड सरकार की किसी एजेंसी के पास नहीं होता है.

उन्होंने कहा दिल्ली के कई इलाकों में पड़ी ऐसी ही खाली जमीन पर अपराधी कब्जा कर लेते हैं. आगे वह जोड़ते हैं कि अपराधी यह जानते हैं कि जमीन के मालिकाना हक को तय करने का अधिकार पुलिस के पास नहीं होता है और अदालत में कानूनी लड़ाई में बहुत साल लग जाते हैं. तंत्र की यह खामियां हर किसी को खाली जमीन कब्जा करन आसान बना देता है.

हर दिन बढ़ता जमीन पर कब्जे का धंधा

वहीं पूर्व एसीपी वेदभूषण बताते हैं कि जमीन की कीमतों में उछाल आने से जमीन पर अवैध कब्जे के मामले भी बढ़े हैं. वहीं कई मामलों में बदमाश जमीन पर कब्जा कर मोटी रकम वसूलते हैं.

वह आगे बताते हैं कि कुछ मामलों में बदमाश किसी जमीन के दो से तीन दावेदार बनकर अदालत में पेश हो जाते हैं जिसके बाद लंबी अदालती प्रक्रियाओं में दस्तावेजों के आधार पर वह खुद को जमीन का मालिक घोषित कर देते हैं. उनके मुताबिक दिल्ली में कई नामी गैंगस्टर वर्तमान में यही काम कर रहे हैं.

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मध्यस्थता के लिए बननी चाहिए कोई संस्था

वहीं इस पर अधिवक्ता दीपक चौधरी बताते हैं कि जमीन विवाद में सिविल डिस्प्यूट के चलते पुलिस हस्तक्षेप करने से इनकार करती है. इसके अलावा अदालतों में पहले से ही सिविल मामलों की भरमार है.

वह आगे बताते हैं कि अदालतों में सुनवाई में लगने वाला खर्च को देखते हुए कुछ लोग कानूनी लड़ाई नहीं लड़ पाते हैं ऐसे में जमीन कब्जा करने के मामले बढ़ जाते हैं. वह सरकार से मांग करते हुए कहते हैं कि ऐसे मामलों के निपटारे के लिए सरकार को किसी मध्यस्थता संस्था की स्थापना करनी चाहिए.

Last Updated :Mar 12, 2021, 9:08 PM IST
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