नई दिल्ली : पंजाब में 21 फ्लैट की बुकिंग कराने वाले कुछ लोगों के साथ बिल्डर ने धोखा किया. आठ करोड़ रुपये लेकर उन्हें दस्तावेज तो दिए गए लेकिन फ्लैट नहीं दिया. पीड़ित लोगों की शिकायत पर आर्थिक अपराध शाखा ने मामला दर्ज कर एक आरोपी बिल्डर को गिरफ्तार कर लिया. उसके दो पार्टनर की पुलिस तलाश कर रही है.
संयुक्त आयुक्त छाया शर्मा के अनुसार, शिकायतकर्ता ने आर्थिक अपराध शाखा को बताया कि उन्होंने एवं उनके परिवार के पांच सदस्यों ने 21 फ्लैट जीरकपुर पंजाब में बुक कराये थे. 8.28 करोड़ रुपए में यह बुकिंग हुई थी. मोना टाउनशिप प्राइवेट लिमिटेड नामक कंपनी इसे बना रही थी. इसका दफ्तर बहरा एनक्लेव पश्चिम विहार में था. इसके डायरेक्टर तेजिंदर पाल सिंह, सागर सेठिया और वारंगन कुमार थे. मई 2015 तक उन्होंने अधिकांश राशि कंपनी को दे दी थी और उन्हें कंपनी की तरफ से कई दस्तावेज भी दिए गए. दिसंबर 2015 में उन्हें फ्लैट का कब्जा देने की बात कही थी. लेकिन अब तक उन्हें फ्लैट नहीं मिले.
एक पीड़ित जतिंदर खेड़ा मौके पर जब मुआयना करने के लिए पहुंचा तो पता चला कि वहां पर पहले ही लोगों को फ्लैट दिए जा चुके हैं. उनके फ्लैट भी किसी अन्य शख्स को बेचे जा चुके हैं. उनके कुछ फ्लैट में दूसरे लोगों रह रहे थे. वहीं कुछ फ्लैट के बाहर दूसरे लोगों के नाम की प्लेट लगी हुई थी.
इस शिकायत पर वर्ष 2018 में एफआईआर दर्ज की गई थी. मामले की जांच एसीपी रमेश नारंग की देखरेख में शुरू की गई. पुलिस को जांच में पता चला कि पीड़ितों के साथ कंपनी के निदेशकों ने धोखा किया है. 21 फ्लैट की रकम उनसे ली गई लेकिन उन्हें फ्लैट नहीं दिए गए. उनकी जगह किसी अन्य शख्स को यह फ्लैट बेच दिए गए. इस मामले में पुलिस टीम ने छापा मारकर आरोपी तेजिंदर पाल सेतिया को पंजाब से गिरफ्तार कर लिया है.
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गिरफ्तार किया गया आरोपी तेजिंदर पाल सिरसा से ग्रेजुएट है. इसके बाद वह अपने जीजा के पास दिल्ली में आकर काम करने लगा जो प्रॉपर्टी का कारोबार करता था. वह पहले "सेतिया प्रॉपर्टीज" के नाम से प्रॉपर्टी की खरीद-फरोख्त का काम पश्चिम विहार में करते थे. 1987 से 2012 तक उन्होंने यह दफ्तर चलाया. इसके बाद वह बिल्डर का काम करने लगे और जीरकपुर पंजाब में फ्लैट बनाया. इस दौरान उन्होंने पीड़ित लोगों के साथ ठगी की है.