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दिल्ली: ब्लैक फंगस के मामलों में गिरावट, दवाइयों और इंजेक्शन का स्टॉक पर्याप्त

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Published : Jul 1, 2021, 5:35 AM IST

दिल्ली में कोरोना संक्रमण में कमी के साथ ही ब्लैक फंगस में भी भारी कमी देखने को मिल रही है. साथ ही दिल्ली के विभिन्न अस्पतालों में भी दवाइयां और इंजेक्शन पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है.

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दिल्ली में कम हो रहे ब्लैक फंगस के मामले

नई दिल्ली: कोरोना की दूसरी लहर के साथ ही राजधानी दिल्ली में ब्लैक फंगस का प्रकोप भी देखने को मिल रहा था. एक समय दिल्ली में ब्लैक फंगस की स्थिति इतनी विकट हो गई थी कि प्रतिदिन 100 से भी ज्यादा मरीज दिल्ली के विभिन्न सरकारी एवं निजी अस्पतालों में भर्ती हो रहे थे, लेकिन अभी के समय स्थिति ठीक होती दिख रही है और पिछले कुछ दिनों से ब्लैक फंगस के मामलों में भी भारी कमी देखने को मिल रही है.


मामलों में आ रही है कमी

ब्लैक फंगस के इलाज के लिए दिल्ली सरकार ने तीन अस्पताल राजीव गांधी, जीटीबी और लोक नायक अस्पताल का चयन किया था. ब्लैक फंगस की मौजूदा स्थिति को लेकर ईटीवी भारत ने इन तीनों अस्पताल के मेडिकल डायरेक्टरों से बातचीत की और जाना कि अभी के समय दिल्ली में ब्लैक फंगस की क्या कुछ स्थिति है.

दिल्ली में कम हो रहे ब्लैक फंगस के मामले

लोकनायक जयप्रकाश अस्पताल (LNJP) के मेडिकल डायरेक्टर डॉ. सुरेश कुमार ने बताया कि ब्लैक फंगस के मामलों में कमी देखने को मिल रही है. अभी के समय एलएनजेपी अस्पताल में 100 के करीब मरीज भर्ती हैं, जिनमें से ज्यादातर मरीजों की सर्जरी की जा चुकी है. उन्होंने कहा कि ब्लैक फंगस के इलाज में 6 से 8 हफ्ते का समय लगता है और यह लंबा चलने वाला इलाज होता है. उन्होंने बताया कि पिछले कुछ दिनों से ब्लैक फंगस के मरीजों की संख्या में भारी कमी देखने को मिल रही है और दिल्ली के सभी अस्पतालों में प्रतिदिन मात्र तीन से चार मरीजों को भर्ती कराया जा रहा है.


8 मरीजों का चल रहा इलाज

राजीव गांधी और जीटीबी अस्पताल के मेडिकल डायरेक्टर डॉक्टर बीएल शेरवाल ने बताया कि अभी के समय राजीव गांधी सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में ब्लैक फंगस से ग्रसित 8 मरीजों का इलाज चल रहा है. उन्होंने कहा कि राजीव गांधी अस्पताल में ब्लैक फंगस के कारण किसी भी मरीज की मौत नहीं हुई है.

ब्लैक फंगस मुख्यतः स्ट्राइड के ओवरडोज के कारण होता है. कोरोना की दूसरी लहर के दौरान लोगों ने काफी मात्रा में स्ट्राइड का सेवन किया था, जिस कारण ब्लैक फंगस की समस्या देखने को मिल रही थी, लेकिन अभी के समय स्थिति पूरी तरह से नियंत्रण में है और प्रतिदिन मात्र तीन से चार मरीज ब्लैक फंगस के इलाज के लिए दिल्ली के अस्पतालों में भर्ती हो रहे हैं.

पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है दवाइयां

लोकनायक और राजीव गांधी अस्पताल के मेडिकल डायरेक्टर ने बताया कि ब्लैक फंगस के मामलों में मृत्यु दर बहुत ज्यादा है. अगर समय से इलाज शुरू नहीं होता है तो मरीज की मौत निश्चित है. उन्होंने बताया कि मरीजों को प्रतिदिन इंजेक्शन की जरूरत होती है और दिल्ली सरकार रोजाना मरीजों के लिए इंजेक्शन मुहैया करा रही है.

अस्पताल से मरीजों की सूची दिल्ली सरकार को भेजी जाती है और उसी हिसाब से हमें इंजेक्शन का आवंटन होता है. इंजेक्शन के अलावा ब्लैक फंगस के इलाज के लिए ओरल मेडिकेशन का भी सहारा लिया जा रहा है. ब्लैक फंगस के शुरुआती दिनों में इंजेक्शन की कमी थी, लेकिन अभी के समय दिल्ली सरकार द्वारा चयनित तीनों अस्पताल में ब्लैक फंगस के इलाज के लिए पर्याप्त मात्रा में दवाइयां और इंजेक्शन उपलब्ध है.

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