नई दिल्लीः दिल्ली सरकार द्वारा आरटीआई का जवाब पारदर्शी तरीके से न दिए जाने को लेकर राजधानी दिल्ली में एक और नए विवाद ने जन्म ले लिया है. केंद्र सरकार के सूचना विभाग के सचिव द्वारा लिखे गए पत्र के बाद इस पूरे मामले ने तूल पकड़ लिया है. बकायदा इस पूरे मामले पर दिल्ली बीजेपी के अध्यक्ष आदेश गुप्ता (Delhi BJP President Adesh Gupta) ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Chief Minister Arvind Kejriwal) पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं. वहीं सांसद रमेश बिधूड़ी ने पूरे मामले पर दिल्ली सरकार को जमकर घेरा और कहा कि जनप्रतिनिधि द्वारा आरटीआई के माध्यम से पूछे गए सवालों का जवाब पारदर्शी तरीके से नहीं दिया जाता है. जबकि घुमा-फिरा कर जवाब दिया जाता है.
गुप्ता ने कहा कि दिल्ली सरकार की नाकामियों को लेकर लगातार बीजेपी आवाज उठाती रही है. उसे जनता के बीच में रखा जाता रहा है. इस बीच एक बेहद महत्वपूर्ण मामला केंद्र सरकार के सूचना विभाग द्वारा उठाया गया है, जिसमें स्पष्ट तौर पर कहा गया है कि RTI यानि की सूचना के अधिकार के तहत सूचनाएं मांगी जाती है, उन सूचनाओं को दिल्ली सरकार पारदर्शी तरीके से नहीं देती है. सूचनाओं को गलत तरीके से दिया जाता है और अधूरी जानकारी दी जाती है.
उन्होंने कहा कि यह अरविंद केजरीवाल सरकार के ऊपर से आरोप ही नहीं सबूत भी है. केजरीवाल मुख्यमंत्री बनने से पहले खुद को आरटीआई एक्टिविस्ट कहते थे और उस समय की सरकार के बारे में कई बड़े-बड़े खुलासे हुए आरटीआई के माध्यम से हुए, जिसने कई बड़े आंदोलन को जन्म दिए थे. जो खुद आरटीआई आंदोलन की उपज है, वह किस तरह से सरकार में आने के बाद खुद बदल जाते हैं और अपनी कार्यपद्धति को भी बदल देते हैं.
दिल्ली वाले आरटीआई के माध्यम से जो जवाब मांगते हैं, उसे देरी से दिया जाता है. उन्हें पारदर्शी तरीके से जवाब नहीं दिया जाता है. यह आरोप भारत सरकार के सूचना आयोग के सचिव द्वारा लिखी गई चिट्ठी से स्पष्ट होता है.
दिल्ली के सांसद रमेश बिधूड़ी ने भी दिल्ली सरकार और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर गंभीर आरोप लगाए. उन्होंने कहा कि उनके द्वारा पूछे गए सवालों का जवाब भी एक-एक महीने की देरी के बाद दिया गया है और कुछ सवाल तो ऐसे हैं, जिनका जवाब आज कई महीने हो जाने के बावजूद उन्हें नहीं मिला है.
आरटीआई के सवालों का जवाब पारदर्शी तरीके से नहीं दिया जा रहा है और घुमा फिरा कर जवाब दिया जा रहा हैं. वह खुद एक जनप्रतिनिधि हैं और ऐसे में अगर उनके सवालों का जवाब नहीं मिल रहा है. एक आम व्यक्ति द्वारा लगाई गई आरटीआई का जवाब उसे किस तरह से दिया जाता होगा. इसका अनुमान लगा सकते हैं.