नई दिल्ली: नॉर्थ एमसीडी में बीजेपी पार्षद ज्योति रछोया ने निगम में फैले कथित भ्रष्टाचार को लेकर पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा तक शिकायती पत्र पहुंचा दिया. जिसके बाद भाजपा बैकफुट पर आ गई है. एक तरफ अपनी ही पार्टी की पार्षद ने यूं प्रदेश के नेताओं को दरकिनार कर राष्ट्रीय अध्यक्ष तक मामला पहुंचा दिया है. वहीं दूसरी तरफ मामले को लेकर आम आदमी पार्टी भी हावी हो गई है. इसी बीच ज्योति रछोया का कहना है कि दलित होने के चलते उनकी सुनवाई कोई नहीं करता और अब उन्हें बड़े नेताओं से ही उम्मीद है.
'कोई अधिकारी मेरी नहीं सुनता'
बुधवार को ईटीवी भारत से खास बातचीत में ज्योति रछोया ने कहा कि बीते दिनों में उन्होंने अलग-अलग मुद्दों के समाधान के लिए तमाम अधिकारियों से बात की, लेकिन किसी से भी कोई समाधान नहीं हो पाया, कोई उनकी बात नहीं सुनता. समाधान तो दूर उनके द्वारा उठाए गए मुद्दों को आधिकारिक तौर पर दर्ज तक नहीं किया जाता. उन्होंने कहा कि उनके जोन में न तो कोई अधिकारी उनकी सुनता है और न ही खुद कमिश्नर.
'बिल्कुल गलत कह रही है AAP'
पार्षद रछोया ने कहा कि मजबूर होकर अब उन्होंने यह कदम उठाया है. उन्होंने कहा कि निगम में भ्रष्टाचार फैला हुआ है और कई अधिकारी इसमें शामिल हैं. पिछले दिनों प्रदेश अध्यक्ष आदेश गुप्ता से उन्होंने इसे लेकर शिकायत की थी जिसके बाद आदेश गुप्ता ने मामले को उपराज्यपाल तक पहुंचाया था. हालांकि उससे भी कोई असर नहीं हुआ. अब उन्हें राष्ट्रीय अध्यक्ष से ही उम्मीदें हैं.
इस सवाल पर कि आम आदमी पार्टी उनके शिकायत पत्र के बाद यह कह रही है कि निगम में पहले से भ्रष्टाचार है. इस सवाल के जवाब में ज्योति रछोया ने कहा कि आम आदमी पार्टी का कहना बिल्कुल गलत है. उन्होंने कहा कि मौजूदा समय में अपने नेता को शिकायत करने का मतलब यह बिल्कुल नहीं है कि बीजेपी भ्रष्टाचार कर रही है, बल्कि जो अधिकारी काम नहीं कर रहे उनसे काम के लिए ये शिकायत की है.
नड्डा लिखा शिकायती पत्र
बता दें कि नांगलोई से बीजेपी पार्षद ज्योति रछोया ने ही भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा को पत्र लिखकर निगम में भ्रष्टाचार की शिकायत की है. उन्होंने लिखा है कि वह भाजपा की दलित महिला हैं, लेकिन उनके वार्ड में कोई अधिकारी उनकी बात नहीं सुनता है. उनके किसी प्रस्ताव को स्वीकृति नहीं दी जाती है. उन्होंने अपने पत्र में कई मामले गिनाए हैं.