नई दिल्ली: दिल्ली में मौसम का तापमान बेशक कम हो रहा हो लेकिन राजनीतिक तापमान अपने उफान पर है. दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी ने केजरीवाल सरकार पर दिल्ली के अनुसूचित जाति के छात्र-छात्राओं की अनदेखी का आरोप लगाते हुए सात सवाल पूछे हैं और आगाह भी किया है कि यदि अगले सात दिनों में इन सवालों के जवाब नहीं दिए गए, तो अनुसूचित जाति के छात्र-छात्राओं के साथ मिलकर भाजपा केजरीवाल सरकार के खिलाफ बड़ा आंदोलन छेड़ेगी.
केंद्र की योजना की तारीफ
भाजपा के प्रदेश कार्यालय में आयोजित एक प्रेस वार्ता के दौरान बिधूड़ी ने केंद्र की मोदी सरकार द्वारा घोषित पोस्ट-मैट्रिक स्कॉलरशिप योजना की जम कर तारीफ की. उन्होंने बताया कि इस योजना के तहत देश भर के करीब चार करोड़ अनुसूचित जाति के छात्र-छात्राओं को उच्च शिक्षा के लिए छात्रवृत्ति दी जाएगी जिसका उपयोग ट्यूशन फीस चुकाने से लेकर रहन-सहन और टाइपिंग आदि पर होने वाले खर्च के लिए किया जा सकेगा. इस पर 59,000 करोड़ रुपए खर्च होंगे.
केजरीवाल सरकार से सवाल
इसके साथ ही नेता प्रतिपक्ष ने दिल्ली सरकार द्वारा घोषित योजनाओं में लाभार्थियों की जानकारी भी मांगी. उन्होंने केजरीवाल सरकार से सवाल किया कि डॉ. अम्बेडकर फेलोशिप योजना के तहत अनुसूचित जाति के 100 छात्र-छात्राओं को प्रतिवर्ष पीएचडी, मास्टर डिग्री आदि के लिए विदेश भेजने की घोषणा की थी. इसमें अब तक कितने छात्रों को विदेश भेजा गया। इसी प्रकार जय भीम मुख्यमंत्री प्रतिभा विकास योजना के तहत अब तक कितने छात्रों को आईएएस व आईपीएस बनाने की कोचिंग दी गई और इनमें से कितनों को ढाई हजार रुपये प्रतिमाह की आर्थिक मदद दी गई.
साथ ही सीबीएसई परीक्षा देने वाले कितने छात्रों की फीस भरी गई, व 80 प्रतिशत अंक लाने वाले कितने अनुसूचित जाति के छात्र-छात्राओं को लैपटॉप व टेबलेट दिये गए और कितने छात्रों को अंग्रेजी बोलने की ट्रेनिंग दी गई. उन्होंने केजरीवाल सरकार से यह भी जानना चाहा कि उसकी स्नातक कोर्स फीस माफी योजना के तहत कितने छात्रों की फीस माफ की गई इसकी जानकारी उनको देनी चाहिए. उन्होंने कहा कि यदि केजरीवाल सरकार की शिक्षा व्यवस्था इतनी ही मजबूत है, तो 10वीं कक्षा में ड्राप आउट छात्रों की संख्या में वृद्धि क्यों हो रही है.