नई दिल्ली : राजनीति में भी योग होना चाहिए और राजनीति में राजयोग है इसका नाम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह,रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, मंत्री पीयूष गोयल,मंत्री नितिन गडकरी, मंत्री अर्जुन राम मेघवाल है. योग में राजनीति नहीं होनी चाहिए. अग्निपथ के अग्निवीर योग करते तो आग नहीं लगते वहां भी योग करते. यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह को सत्ता से हटाना चाहते हैं. लेकिन यह हटने वाले नहीं है. यह बात योग गुरु बाबा रामदेव ने दिल्ली विश्वविद्यालय में आयोजित योग उत्सव कार्यक्रम के दौरान कही.
दिल्ली विश्वविद्यालय में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मानवता के लिए योग कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि पहुंचे स्वामी रामदेव ने छात्रों, युवाओं, शिक्षकों और केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल के साथ योगाभ्यास किया. इस दौरान उन्होंने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि राजनीति में भी योग होना चाहिए. राजनीति में राजयोग है.
योग गुरु रामदेव ने कहा कि योग शिक्षा, मेडिकल, सेना हर जगह होना चाहिए. देशभर में केंद्र सरकार के द्वारा लाई गई अग्निपथ योजना को लेकर हो रहे विरोध प्रदर्शन को लेकर स्वामी रामदेव ने टिप्पणी करते हुए कहा कि अग्निपथ के अग्निवीर भी अगर योग करते तो वह आग नहीं लगते वहां भी योग करते. उन्होंने कहा कि बखेड़ा अग्निपथ का नहीं है. कुछ लोगों ने एजेंडा चला रखा है देश में इतनी अराजकता बढ़ाओ और इतनी अराजकता बढ़ाओ की मोदी और अमित शाह को सत्ता से हटना पड़े. लेकिन यह लोग इतनी आसानी से सत्ता से हटाने वाले नहीं हैं. इसके अलावा उन्होंने वामपंथ पर कटाक्ष किया और कहा कि बौद्धिक दिवालियापन का शिकार और बौद्धिक बीमार लोगों को कम्युनिस्ट कहते हैं.
रामदेव ने कहा कि योग सर्वव्यापी है, राजनीति में भी योग होना चाहिए जिससे नरेंद्र मोदी जैसे व्यक्तित्व खड़े होंगे. उन्होने कहा कि योग शिक्षा में भी होना चाहिए और चिकित्सा व आर्मी में भी योग होना चाहिए. उन्होने अंत में कहा कि जिंदगी में अगर कामयाबी चाहिए तो जुबान के सच्चे और अच्छे बनो, जो बात का सच्चा और लंगोट का पक्का हो उसे दुनिया में कोई नहीं हरा सकता.
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इस कार्यक्रम में बतौर विशिष्ट अतिथि पहुंचे केंद्रीय संस्कृति एवं संसदीय कार्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने इस योग शिविर के आयोजन के लिए डीयू को बधाई दी. उन्होने कहा कि योग और बाबा रामदेव पर्यायवाची बन चुके हैं. आजादी के अमृत काल में हमें विश्लेषण करना है कि पिछले 75 वर्ष में हम कैसे चले और आगे 2047 तक जब देश आजादी का शताब्दी वर्ष मना रहा होगा तब हम कहां पहुंचेंगे. इसके लिए रोड़ मैप तैयार करना है और इस रोड़ मैप के लिए जहां अनेकों लोग लगे हैं वहीं विश्वविद्यालय भी अपना काम कर रहे हैं.
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राम मेघवाल ने कहा कि योग से नकारात्मक विचार खत्म होते हैं और श्रेष्ठता आती है. योग का अर्थ मन, बुद्धि और आत्मा को जोड़ना है. जब ये जोड़ पूरा होता है तभी भारतीय पद्धति के अनुसार योग होता है. वहीं दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर योगेश सिंह ने कहा कि स्वामी रामदेव ने योग को बहुत सहज और सरल बनाया है. उन्होंने कहा कि तन और मन में संतुलन बनाने का नाम ही योग है.
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