नई दिल्ली: यूपी विधानसभा चुनाव में किस्मत आजमा रही ओवैसी की पार्टी अब दिल्ली के निगम चुनाम में भी उतरने को तैयार है. AIMIM द्वारा दिल्ली के सभी 272 सीटों पर सर्वे कराया गया है, जिसके बाद 70 सीटों पर चुनाव लड़ने जा रही है. विशेष तौर पर पुरानी दिल्ली और ईस्ट दिल्ली के क्षेत्र में AIMIM इस बार बड़ी संख्या में अपनी द्वार उतारकर चुनाव लड़ेगी. ईस्ट एमसीडी के क्षेत्र में AIMIM 30 उम्मीदवार उतारेगी. ऐसे में वह किंग मेकर की भूमिका में भी नजर आ सकती है.
AIMIM के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष ने बातचीत के दौरान दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के ऊपर ना सिर्फ जमकर हमला बोला, बल्कि अरविंद केजरीवाल को आरएसएस का छोटा रिचार्ज भी बताया.
राजधानी में आगामी कुछ महीनों में होने वाले दिल्ली नगर निगम के प्रमुख चुनाव में इस बार काफी ज्यादा दिलचस्प होने जा रहे हैं. दरअसल, इस बार के नगर निगम चुनावों में असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन यानी कि AIMIM निगम चुनाव में पूरी ताकत के साथ 70 सीटों पर चुनाव लड़ने जा रही है. इस बार के नगर निगम चुनावों को ध्यान में रखते हुए बाकायदा AIMIM ने ना सिर्फ बकायदा सर्वे करवाया है, बल्कि अपने संगठन को भी पिछले कुछ सालों के मुकाबले कई गुना तक दिल्ली में मजबूत किया है और इन सभी सीटों के ऊपर इस बार अधिक फोकस करके AIMIM चुनाव लड़ने जा रही है. पिछले नगर निगम चुनाव जो 2017 में हुआ था उसमें एआईएमआईएम को 9 सीटों पर चुनाव लड़ने के बावजूद एक भी सीट पर जीत हासिल नहीं हुई थी.
वहीं, बहुजन समाज पार्टी को 3 सीटें मिली थी. जबकि, इस बार भी बहुजन समाज पार्टी दिल्ली के निगम चुनाव में उतरने जा रही है. लेकिन इस बार सबका ध्यान असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM पर है जो दिल्ली नगर निगम की 70 सीटों पर चुनाव लड़ने जा रही है. जो जानकारी निकलकर सामने आ रही है उसके मुताबिक अप्रैल के अंदर दिल्ली के अंदर नगर निगम के प्रमुख चुनाव सभी 272 वार्ड के लिए होने हैं. जिसमें नॉर्थ और साउथ एमसीडी में 104- 104 वार्ड है.जबकि ईस्ट एमसीडी में 64 वार्ड हैं. असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी इस बार के निगम चुनाव में प्रमुख तौर पर ईस्ट एमसीडी के क्षेत्र में 64 में से 30 वार्ड पर चुनाव लड़ने जा रही है. जबकि साउथ और नॉर्थ एमसीडी में 20-20 वार्ड में असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM चुनाव लड़ेगी.
कलीमुल हफीज ने आगे बातचीत के दौरान बताया कि AIMIM ने नगर निगम चुनावों के मद्देनजर दिल्ली के सभी 272 वार्ड में सर्वे कराया है जिसके बाद निगम चुनाव में AIMIM ने 70 सीटों पर चुनाव लड़ने का फैसला किया है. दिल्ली नगर निगम के होने वाले प्रमुख चुनावों के मद्देनजर AIMIM के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष कलीमुल हफीज ने खास बातचीत के दौरान साफ तौर पर कहा कि वर्तमान समय में पूरे उत्तर भारत में AIMIM को जनता के द्वारा ना सिर्फ पसंद किया जा रहा है बल्कि हम लोग चुनाव जीतने के साथ लोगों की पसंद भी बन रहे हैं.जिसका स्पष्ट प्रमाण हाल ही में हुए बिहार विधानसभा चुनाव में भी देखने को मिला. जिसके बाद अब AIMIM उत्तर प्रदेश में भी चुनाव लड़ने जा रही है.
इसे भी पढ़े: पूर्वी दिल्ली में बड़ी संख्या में कांग्रेस के नेता बीजेपी में हुए शामिल
दिल्ली नगर निगम के प्रमुख चुनावों पर बात करते हुए कलीमूल हफीज ने कहा कि दिल्ली के निगम चुनावों के मद्देनजर हमने विभिन्न क्षेत्रों में सर्वे कराया है. जिसके बाद 70 ऐसी सीटें निकल कर सामने आई हैं जो कि मुस्लिम और दलित आबादी के बहुल इलाकों की है.जहां पर AIMIM इस बार चुनाव लड़ने जा रहे है. पिछली बार के निगम चुनावों के मुकाबले AIMIM ने ना सिर्फ अपने संगठन को राजधानी दिल्ली में मजबूत किया है बल्कि पहले के मुकाबले हमारा जनाधार भी बड़ा है. इस बार के चुनाव में AIMIM ना सिर्फ जीत दर्ज करेगी बल्कि ईस्ट एमसीडी के अंदर जहां हम 30 सीटों पर चुनाव लड़ रहे हैं. वहां निश्चित तौर पर बड़ी भूमिका निभाते नजर आएंगे.
AIMIM की बात की जाए तो यह संगठन प्रमुख रूप से आंध्र प्रदेश, तेलंगाना ओर हैदराबाद में सक्रिय है. बीते कुछ सालों में असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM को महाराष्ट्र गुजरात कर्नाटक के लोकल बॉडीज के चुनाव में भी अपार सफलता मिली है. इसके बाद अब दिल्ली में भी AIMIM अपने पैर पसारने को देख रही है. कलीमूल हफीज़ ने बातचीत के दौरान यह भी कहा कि AIMIM का दिल्ली के अंदर प्रमुख वोटर अनऑथराइज्ड इलाकों में रहने वाला मतदाता है जो कि झुग्गी और क्लस्टर के क्षेत्र में रहता है. जैसे चुनाव जीतने के बाद आम आदमी पार्टी की दिल्ली सरकार भूल गई है.
वहीं, पुरानी दिल्ली के क्षेत्र में मुस्लिम बहुल इलाकों और दलित बहुल इलाकों के अंदर AIMIM का वोट बैंक पिछली बार के चुनाव के मुकाबले काफी मजबूत हुआ है. जहां AIMIM उम्मीद कर रही है कि इस बार के चुनाव में उसे सफलता मिलेगी और वह जीत दर्ज करेगी. इन सभी इलाकों के अंदर आम आदमी पार्टी की दिल्ली सरकार ने तमाम वादे तो किए थे काम करने के लेकिन किसी प्रकार का ना तो काम किया ना ही लोगों तक कोई सहूलियत पहुंचाई.
जिसको लेकर भी आम लोगों में इन क्षेत्रों के अंदर आम आदमी पार्टी की दिल्ली सरकार को लेकर गुस्से का माहौल है. वहीं पिछले 15 साल से बीजेपी जो नगर निगम में शासित है उसने भी जनता को सुविधाएं पहुंचाने के लिए कोई काम नहीं करा है. ऊपर से निगम में बीते 15 सालों में कई गुना तक भ्रष्टाचार बढ़ा है. जिसको लेकर पहले से ही लोग बीजेपी के खिलाफ मतदान करने का मन बना चुके हैं.
नॉर्थ ईस्ट दिल्ली में हुए दंगों के बाद पूरे क्षेत्रों का माहौल पूरी तरीके से बदल चुका है और लोग आम आदमी पार्टी के खिलाफ अपना मतदान करने का मन बना चुके हैं.जिस तरह से दिल्ली सरकार के द्वारा मुस्लिम और दलित लोगों के लिए कोई काम नहीं किया गया. उसकी वैसे भी लोगों में गुस्से का माहौल है.साथ ही साथ कोरोना के समय में तबलीगी जमात के लोगो और मुस्लिमों के खिलाफ मुख्यमंत्री द्वारा दिए गए बयान बाजी भी लोगों के अभी भी ध्यान में है.ऐसे में इस बार के दिल्ली नगर निगम चुनाव में ए आई एम आई एम लोगों के लिए बाकी राजनीतिक दलों के मुकाबले अच्छा ऑप्शन बनकर उभरा है.