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मेडिसिन के साथ-साथ योग से माइग्रेन का दर्द होता है कम: रिसर्च

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Published : Jun 21, 2020, 8:39 AM IST

AIIMS Research on Yoga and Migraine
योग और माइग्रेन पर AIIMS में रिसर्च

दिल्ली AIIMS में मॉडर्न मेडिसिन और योग को लेकर किए गए रिसर्च में ये सामने आया है कि मेडिसिन के साथ-साथ योग माइग्रेन पर कारगर असर डालता है.

नई दिल्ली: देश के सबसे बड़े अस्पताल AIIMS में मॉडर्न मेडिसिन और योग को लेकर स्टडी हुई. जिसमें ये सामने आया है कि मॉडर्न मेडिसिन के साथ अगर योग भी किया जाए तो आश्चर्यजनक परिणाम सामने आते हैं.

योग और माइग्रेन पर AIIMS में रिसर्च

दरअसल AIIMS न्यूरोलॉजी डिपार्टमेंट के प्रोफेसर डॉ. रोहित भाटिया और सेंटर फॉर इंटीग्रेटिव मेडिसिन एंड रिसर्च के हेड डॉ. गौतम शर्मा ने संयुक्त रूप से एक स्टडी कम रिसर्च की. न्यूरोलॉजी विभाग के सीनियर रेजिडेंट डॉक्टर आनंद कुमार ने भी इस स्टडी में अहम भूमिका निभाई.

सेंटर फॉर इंटीग्रेटिव मेडिसिन एंड रिसर्च विभाग के हेड डॉ. आनंद शर्मा ने बताया कि इसके लिए न्यूरोलॉजी विभाग में माइग्रेन का इलाज कराने आने वाले ओपीडी के 114 मरीजों का चयन किया गया. जिन्हें दो समूहों में बांट दिया गय. एक ग्रुप वाले मरीज को सिर्फ मॉडर्न मेडिसिन दी गई जबकि दूसरे ग्रुप वाले मरीजों को मॉडर्न मेडिसिन के साथ-साथ योग भी सिखाया.

डॉ. आनंद शर्मा ने बताया कि इसके लिए हमने योगा फिजिशियन के साथ मिलकर योग प्रोटोकॉल भी बनाया. सारी स्टडी हमारे सेंटर में ही हुई, एक महीने तक हमारे सेंटर में योग करने के बाद मरीजों ने हमारी देखरेख में घर से ही योग किया.

डॉ. रोहित भाटिया ने बताया कि हैडेक फ्रीक्वेंसी, हैडेक इंटेंसिटी, इंम्पैक्ट स्टोर और लाइफ स्टाइल इम्पैक्ट जैसे पैमाने पर तुलनात्मक अध्ययन किया. इम्पैक्ट स्कोर से ये पता चलता है कि माइग्रेन की वजह से मरीज के दैनिक जीवन पर क्या प्रभाव पड़ता है? प्रोफेशन और पर्सनल लाइफ कितना प्रभावित होता है?

वहीं सेंटर फॉर इंटीग्रेटिव मेडिसिन एंड रिसर्च के हेड डॉ. गौतम शर्मा ने बताया कि कई पैरामीटर्स पर जब तुलनात्मक अध्ययन किया तो दोनों ही ग्रुप के हैडेक फ्रीक्वेंसी में सुधार देखने को मिला. लेकिन जिस ग्रुप ने योग प्रोटोकॉल का पालन किया उसमें ज्यादा सुधार देखने को मिला.

हैडेक फ्रीक्वेंसी के लिए योगा ग्रुप वाले मरीजों को औसतन हर महीने 9.1 हैडक़ंपर्टी हुए. स्टडी के बाद देखा गया कि इनकी हैडेक की फ्रीक्वेंसी घटकर 4.7 तक पहुंच गई. मतलब उनके सिरदर्द की फ्रीक्वेंसी 48 फीसदी घट गई. जबकि सिर्फ मेडिसिन वाले ग्रुप की शुरू में औसतन हैडेक फ्रीक्वेंसी 7.7 थी जिसमें तीन महीने बाद सिर्फ 1 फीसदी मामूली बदलाव दिखा. इनके सिरदर्द की फ्रीक्वेंसी में सिर्फ 12 फीसदी की कमी देखी गई. जिससे ये पता चलता है कि योग से इलाज का खर्च भी काफी हद तक कम किया जा सकता है.

बड़ी बात ये है कि ये स्टडी दुनिया के सबसे प्रतिष्ठित साइंस जनर्ल्स में से एक अमेरिका अकादमी ऑफ न्यूरोलॉजी जिसे न्यूरोलॉजी जर्नल कहा जाता है, उसमें भी प्रकाशित हुई है. साथ ही इसे एडिटर्स च्वाइस के लिए भी चयनित किया गया है.

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