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दिल्ली एम्स में आंखों से जुड़ी बीमारियों को लेकर जागरुकता के लिए कार्यक्रम

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Published : Oct 12, 2022, 11:02 PM IST

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आंखों से जुड़ी बीमारियों को लेकर जागरूकता

विश्व दृष्टि दिवस के एक दिन पहले दिल्ली एम्स में नेत्र विभाग की तरफ से जेएलएन ऑडिटोरियम में कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इसके तहत आंखों का किस तरह से ख्याल रखा जा सकता है, कैसे बचाव किया जा सकता है डॉक्टरों ने अपने-अपने विचार और जानकारी लोगों को दी.

नई दिल्ली : हर साल 13 अक्टूबर को विश्व दृष्टि दिवस (वर्ल्‍ड साइट डे) के रूप में मनाया जाता है. इसका मुख्य उद्देश्य लोगों को आंखों की सेहत के बारे में बताना और जागरूक करना होता है. सुरक्षात्मक कदम उठाने, नियमित जांच, उपचार और जरूरी परहेज से आंखें लंबे समय तक स्वस्थ रह सकती हैं. आजकल लोगों की दिनचर्या ऐसी हो चुकी है कि उनका पूरा दिन लैपटॉप और फोन पर गुजरता है और ये आंखों के सेहत के लिए सबसे बड़ा खतरा बन रहा है. इससे होने वाली समस्याएं बड़ों में ही नहीं उन बच्चों में भी दिखाई दे रही हैं, जो फोन का बहुत ज्यादा इस्तेमाल कर रहे हैं. अगर आपके आंखों में भी इस तरह की प्रॉब्लम हो, तो बिना देर किए डॉक्टर से संपर्क करें और उनके बताए गए उपायों का पालन करें.

विश्व दृष्टि दिवस से एक दिन पहले यानी 12 अक्टूबर को दिल्ली के एम्स अस्पताल में नेत्र विभाग की तरफ से जेएलएन ऑडिटोरियम में पब्लिक लेक्चर सीरीज के तहत लोगों में अवेयरनेस पैदा करने के लिए दृष्टि दिवस के अवसर पर एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रुप में दिल्ली एम्स अस्पताल के डायरेक्टर प्रोफेसर एम श्रीनिवास मौजूद रहे. इस कार्यक्रम को नेत्र विभाग की तरफ से आयोजित किया गया, जिसमें आरपी सेंटर के चीफ डॉक्टर जेएस तितियाल, डॉ. प्रवीण वशिष्ठ, प्रोफेसर नम्रता शर्मा, डॉ रमनजीत सिहोता, डॉ ललित वर्मा, डॉ रोहित टंडन, प्रोफेसर राजेश सिन्हा भी मौजूद रहे.

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विश्व दृष्टि दिवस के मौके पर आंखों का किस तरह से ख्याल रखा जा सकता है कैसे बचाव किया जा सकता है डॉक्टोरों ने अपने-अपने विचार और जानकारी लोगों को दी. वहीं, प्रोफेसर नम्रता शर्मा ने बताया कि आंखों को झपकाना और हाइड्रेशन आईड्रॉप का इस्तेमाल, ड्राई आइज़ की समस्या से बचा सकता है. सिर के ऊपर की रोशनी को इस तरह से एडजस्ट करें कि स्क्रीन की चमक कम से कम हो और कंप्यूटर स्क्रीन से कम से कम एक हाथ की दूरी रखें. स्ट्रेन को कम करने के लिए कंटेंट का आकार बढ़ा लें और हर 30-40 मिनट बाद ब्रेक लें.

आंखों से जुड़ी बीमारियों को लेकर जागरूकता

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इस कार्यक्रम में निकट दृष्टिदोष मायोपिया या निकट दृष्टिदोष एक ऐसी समस्या है, जहां दूर की चीजें देखने में परेशानी होती है या वह धुंधला दिखता है. वहीं पास की चीजें साफ नजर आती हैं. घर के अंदर रहने और लंबे समय तक स्क्रीन को देखने से आपकी आंखों का फोकस आपके हाथ की लंबाई जितना रह जाता है, जिसकी वजह से आपको निकट दृष्टिदोष का खतरा हो सकता है. स्क्रीन टाइम की वजह से ड्राई आइज़, फोकस करने में परेशानी और आंखों से जुड़ी अन्य समस्याएं, आंखों की मांसपेशियों पर बोझ पड़ने की वजह से होती हैं.

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