नई दिल्ली: राजधानी में रेलवे लाइन के किनारे बसी झुग्गी-झोपड़ियों को हटाने संबंधी सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद बड़ा सवाल है कि इन्हें कहां पुनर्वास किया जाए. कोर्ट ने कहा है कि इस आदेश के बाद 3 महीने में इन झुग्गी वालों को यहां से विस्थापित करना है. इसे लेकर दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने अब दिल्ली सरकार को जल्द से जल्द फैसला लेने की अपील करते हुए पत्र लिखा है.
दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को पत्र लिख कहा है कि दिल्ली में रेलवे पटरियों के आसपास सुरक्षा की दृष्टि से संवेदनशील और दुर्घटना संभावित रेल सेफ्टी जोन में स्थित लगभग 48000 झुग्गियों को हटाने का निर्देश कोर्ट ने दिया है.
पूर्ण कानूनी समीक्षा के बाद यह आदेश सुप्रीम कोर्ट ने दिया है और इसकी न्यायिक प्रक्रिया में दिल्ली सरकार के अधिवक्ता भी उपस्थित रहे. उनकी जानकारी के अनुसार दिल्ली सरकार के अधिवक्ता ने प्रभावित झुग्गी वासियों के पुनर्वास पर कोई योजना न्यायालय के समक्ष नहीं रखी.
राजीव आवास योजना के तहत तैयार हैं फ्लैट
पत्र में उन्होंने लिखा है कि दिल्ली सरकार के पास 50 हज़ार से अधिक फ्लैट राजीव रत्न आवास योजना के अंतर्गत उपलब्ध हैं. दिल्ली बीजेपी का मत है कि यह लगभग 48 हज़ार के आसपास झुग्गी हटने वालों को आवंटित किया जाए.
एनजीटी ने वर्ष 2015 और 2017 में दिल्ली सरकार को रेलवे ट्रैक के आसपास बनी झुग्गियों को हटाने के निर्देश दिए थे. एनजीटी के आदेश पर रेलवे ने झुग्गी वासियों के पुनर्वास के लिए दिल्ली शहरी आश्रय सुधार बोर्ड को 11.25 करोड़ रुपये दिए. लेकिन दिल्ली आश्रय सुधार बोर्ड ने इस संदर्भ में कोई कार्रवाई नहीं की है. दिल्ली सरकार को आदेश नहीं मानने पर जुर्माना भी लगाया गया. बावजूद दिल्ली सरकार ने झुग्गी वालों का पुनर्वास आज तक नहीं किया है.
दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष ने मुख्यमंत्री होने के नाते उनसे अनुरोध किया है कि झुग्गी के निवासियों को राजीव आवास योजना के उपलब्ध फ्लैटों में मानवता के आधार पर पुनर्वास किया जाए.