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लालकिला हिंसा के आरोपी लखबीर सिंह ऊर्फ लक्खा को मिली जमानत

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Published : Jul 29, 2021, 8:36 PM IST

दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट ने लालकिला हिंसा के आरोपी लखबीर सिंह उर्फ लक्खा को जमानत दे दी है. लक्खा 26 जनवरी कोई लालकिला हिंसा के मुख्य आरोपियों में से एक है.

Lakhbir Singh
लखबीर सिंह

नई दिल्ली : दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट ने 26 जनवरी को लालकिले पर हुई हिंसा में आरोपी लखबीर सिंह उर्फ लक्खा सिधाना को जमानत दे दी है. एडिशनल सेशंस जज कामिनी लॉ ने लक्खा को जमानत देने का आदेश दिया है.


सुनवाई के दौरान जांच अधिकारी पंकज अरोड़ा ने कोर्ट से कहा कि लखबीर सिंह लालकिला हिंसा के मुख्य आरोपियों में से एक है, जिसके वीडियो भी कोर्ट में दिए गए हैं. लखबीर सिंह ने ही लोगों को लालकिले पर बुलाया था. इस पर कोर्ट ने कहा कि लालकिला पाकिस्तान में नहीं है. हमारे देश में है. उसमें जाने से मना कौन कर सकता है. हम जेल भरो अभियान नहीं चला रहे हैं. हम सबको जेल नहीं भेज सकते.

कोर्ट ने जांच अधिकारी से पूछा कि आप ये बताइये कि हिरासत क्यों चाहिए. इस पर अरोड़ा ने कोर्ट से कहा कि 4 जनवरी को आरोपी लोगों को लालकिला आने का कहते हैं और 26 जनवरी को ये ट्रैक्टर रैली के जरिये लालकिले पर पहुंचते हैं. इस पर कोर्ट ने कहा कि आपने छह महीने तक क्या किया. आपने जांच क्यों नहीं की. इस मामले के मुख्य आरोपी जमानत पर हैं. पिछले 26 जून को सुनवाई के दौरान लक्खा के वकील रमेश गुप्ता ने कहा था कि लक्खा का लालकिले में हुई हिंसा से कोई लेना-देना नहीं है. पुलिस ने भी स्वीकार किया है कि लक्खा ने 26 जनवरी को लालकिले के अंदर प्रवेश नहीं किया था.

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गौरतलब है कि 19 जून को मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट ने लाल किले पर हुई हिंसा पर दिल्ली पुलिस की ओर से दायर पूरक चार्जशीट पर संज्ञान लिया था. चार्जशीट में कहा गया है कि 26 जनवरी को लालकिले पर कब्जे की साजिश रची गई थी. लालकिले को विरोध प्रदर्शन का केंद्र बनाने की योजना थी. गणतंत्र दिवस के दिन हिंसा फैलाने को सोची-समझी साजिश थी. इस हिंसा के जरिये केंद्र सरकार को बदनाम करने की योजना बनाई गई थी.

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दिल्ली पुलिस ने भारतीय दंड संहिता, आर्म्स एक्ट, प्रिवेंशन ऑफ डैमेज टू पब्लिक प्रॉपर्टी, एंशिएंट मानुमेंट्स एंड आर्कियोलॉजिकल साइट्स एंड रिमेंस एक्ट, एपिडेमिक डिसीज एक्ट और डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट के तहत आरोप लगाए हैं. कोर्ट ने उन आरोपों पर संज्ञान नहीं लिया, जिनमें अनुमति नहीं ली गई थी. जिन मामलों में अनुमति नहीं ली गई थी, उसमें आर्म्स एक्ट, एपिडेमिक एक्ट और डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट के कुछ आरोप शामिल हैं. 17 जून को दिल्ली पुलिस ने इस मामले में पूरक चार्जशीट दाखिल की थी.

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