नई दिल्ली : आम आदमी पार्टी के एमसीडी प्रभारी दुर्गेश पाठक ने रविवार को प्रेस वार्ता को संबोधित किया. उन्होंने कहा कि पूरा देश कोरोना की गिरफ्त में है और पूरी दिल्ली भी कोरोना की भीषण चपेट में है. आप लोगों ने देखा कि शनिवार को दिल्ली में लगभग 24,000 मामले सामने आए थे, लेकिन दुर्भाग्य इस बात का है कि भारतीय जनता पार्टी की एमसीडी दिल्ली वालों के साथ नहीं खड़ी है. हमेशा की तरह एमसीडी कोरोना की इस महामारी में भी फेल हुई है.
दिल्ली की सबसे बड़ी समस्या बेड्स की
पाठक ने बताया कि सबको पता है कि दिल्ली में तीन तरह के अस्पताल हैं- केंद्र सरकार, दिल्ली सरकार और एमसीडी. दिल्ली सरकार ने लगभग 11 अस्पतालों को पूरी तरह से कोरोना सेंटर में बदल दिया है. बहुत सारे आइसोलेशन सेंटर बनाए हैं. हजारों डॉक्टर दिल्ली वालों की सेवा करने में लगे हुए हैं. लेकिन भाजपा की एमसीडी के पास जो अस्पताल हैं, उन अस्पतालों में एक भी बेड कोरोना के मरीजों के लिए उपलब्ध नहीं कराया जा रहा है.
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कोविड मरीजों के लिए एक भी बेड्स नहीं
दुर्गेश पाठक ने अपनी रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा, मैं पूरी रिपोर्ट लेकर आया हूं. भाजपा के राजन बाबू अस्पताल में लगभग 700 बेड हैं और लगभग पूरा अस्पताल खाली है. इसके बावजूद कोविड के मरीजों को एक भी बेड नहीं दिया गया है. महर्षि वाल्मीकि अस्पताल में 400 बेड हैं, सभी बेड खाली होने के बावजूद कोविड के मरीजों को एक भी बेड नहीं दिया गया है.
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बालकराम में 200 बेड हैं. यहां भी दिल्ली के कोरोना मरीजों को एक भी बेड नहीं दिया गया. कस्तूरबा गांधी में 250 बेड हैं, यहां भी कोविड के लिए एक भी बेड नहीं है. गिरधारी लाल अस्पताल में 100 बेड हैं, यहां भी कोरोना के मरीजों के लिए एक भी बेड नहीं है. हिंदू राव में लगभग 1000 बेड हैं और जिसमें से उन्होंने 200 बेड देने से बात कही है. इस प्रकार भाजपा की एमसीडी के पास लगभग 3127 बेड बनते हैं, लेकिन उन्होंने दिल्ली में कोरोना से संक्रमित एक भी व्यक्ति को बेड नहीं दिया है. अब यह बेड कब देंगे, कब मरीजों को भर्ती किया जाएगा, इसका कोई समय या जानकारी नहीं दी गई है.