ETV Bharat / city

पराली के लिए पड़ोसी राज्यों के पास नहीं कोई समाधान : आप

author img

By

Published : Sep 7, 2021, 6:00 PM IST

सर्दियों के दौरान दिल्ली में प्रदूषण की गंभीर समस्या के लिए पड़ोसी राज्यों में किसानों द्वारा खेतों में पराली जलाने को अहम कारण माना जाता है. दिल्ली की सत्ता में काबिज आम आदमी पार्टी सरकार ने अभी समय रहते केंद्र सरकार से मांग की है कि वे पराली से उत्पन्न प्रदूषण की रोकथाम के लिए पड़ोसी राज्यों को अलर्ट करें.

पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के बड़े हिस्सों में पराली जल रही है
पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के बड़े हिस्सों में पराली जल रही है

नई दिल्ली : मंगलवार को आम आदमी पार्टी ने आरोप लगाया है कि हर साल की तरह इस साल भी सितंबर महीना आने तक पड़ोसी राज्यों के पास पराली का समाधान नहीं है. केंद्रीय आयोग CAQM को सौंपी गई एक रिपोर्ट का हवाला देकर पार्टी ने ये आरोप लगाए हैं. कहा गया है कि तमाम समाधान मौजूद होने के बावजूद पड़ोसी राज्य इस दिशा में काम नहीं कर रहे और फिर प्रदूषण होने पर एक दूसरे पर आरोप लगाएंगे और जिम्मेदारी से बचेंगे.

आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने प्रेसवार्ता कर कहा कि खेतों में धान की कटाई कुछ दिनों में शुरू हो जाएगी. पराली का समय नज़दीक आ गया है. प्रदूषण से संबंधित आंकड़ों पर काम करने वाली संस्था सफर के मुताबिक, दिल्ली में 45 फीसदी प्रदूषण पड़ोसी राज्यों की पराली जलाने से होगा. उन्होंने कहा केंद्र सरकार तो कुछ नहीं कर पाई, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने अपनी कमेटी बनायी है. केंद्र सरकार ने कहा कि वो कमीशन बना रहे हैं और कमीशन बना CAQM. अब यही कमीशन कांग्रेस और भाजपा शासित राज्यों की पोल खोल रहा है.

पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के बड़े हिस्सों में पराली जल रही है
सौरभ भारद्वाज ने कहा कि इस आयोग ने दिल्ली के 4 पड़ोसी राज्यों से उनका स्टेटस मंगाया था. इन चारों राज्यों, जिसमें पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और उत्तर प्रदेश शामिल हैं. इन राज्यों ने इस दिशा में कोई काम नहीं किया है, जबकि पराली से प्रदूषण रोकने के कई उपाय उपलब्ध हैं. सौरभ ने कहा कि बायो डी कंपोजर से लेकर लिक्विड और आधुनिक मशीनों तक कई समाधान होने के बावजूद कोई प्लान इन राज्यों के पास नहीं है. इसके साथ ही किसानों की मदद के लिए कोई प्लान नहीं है.

आयोग ने ये भी कहा है कि कई राज्यों ने पराली इकट्ठा की, लेकिन उसका कोई इंतजाम नहीं था. आखिर में किसानों ने इसे जलाया. आयोग ने चारों राज्यों को लताड़ा है और इनको जल्द प्लान लाने के लिए कहा है. सौरभ भारद्वाज ने कहा कि राज्यों के पास पराली के धुएं को रोकने का सबसे आसान उपाय किसानों पर कार्रवाई होता है, जबकि, मौजूदा समय में इसका कोई इंतजाम नहीं किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि जब पराली का धुआं छा जाएगा तब हम जिम्मेदारी ढूंढेंगे. आज समय है, राज्य कोशिश करें और इसका समाधान ढूंढे और लागू करें. सफर के आंकड़ों के मुताबिक, पिछले साल सर्दियों में दिल्ली के प्रदूषण में पराली जलाने की हिस्सेदारी 44 प्रतिशत थी जो सबसे ज्यादा थी. नासा के उपग्रहों से ली गई तस्वीरों में दिख रहा था कि पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के बड़े हिस्सों में पराली जल रही है.


इसे भी पढ़ें:मुख्यमंत्री घर-घर राशन योजना : जनता विरोधी फैसला वापस ले केंद्र सरकार- सौरव भारद्वाज

इसे भी पढ़ें: केजरीवाल सरकार का बड़ा एलान, सरकार निगम को नहीं देगी फूटी कौड़ी

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.