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केजरीवाल सरकार का बड़ा एलान, सरकार निगम को नहीं देगी फूटी कौड़ी

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Published : Aug 2, 2021, 7:07 PM IST

Updated : Aug 2, 2021, 7:18 PM IST

AAP विधायक सौरभ भारद्वाज
AAP विधायक सौरभ भारद्वाज

आम आदमी पार्टी ने बीजेपी शासित MCD पर बड़ा आरोप लगाया है. सरकार के मुताबिक, इन नगर निगमों पर साढ़े 6 हजार करोड़ रुपये बकाए हैं. वहीं, मंत्री सत्येंद्र जैन ने भी विधानसभा में स्पष्ट किया कि दिल्ली सरकार को नगर निगमों को एक रुपये नहीं देना है, बल्कि निगमों को ही 6.50 हजार करोड़ रुपये दिल्ली सरकार को वापस देना है.

नई दिल्ली : राजधानी दिल्ली में दिल्ली नगर निगम के मुख्य चुनाव भले ही अगले साल होने वाले हों, लेकिन मुख्य चुनावों के मद्देनजर आरोप-प्रत्यारोप की राजनीति शुरू हो गई है. आज आप नेता और विधायक सौरभ भारद्वाज ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर भाजपा शासित नार्थ एमसीडी द्वारा पार्षदों को 50-50 लाख रुपये फण्ड देने के फैसले पर आपत्ति जताई है. आप प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने कहा कि नार्थ एमसीडी के पास कर्मचारियों को वेतन देने के लिए पैसे नहीं हैं, लेकिन अपने पार्षदों को फंड देने के लिए पैसे हैं.

भाजपा शासित नगर निगम वैसे तो आर्थिक बदहाली से जूझ रही है और निगम के पास अपने कर्मचारियों को उनके हाथ का वेतन और एरियर देने तक का राजस्व नहीं है, लेकिन इन्हीं तंग हालातों में भाजपा अपने पार्षदों को ₹50-50 लाख का फंड देने जा रही है, जो भाजपा के नेताओं की मानसिकता को दर्शाता है.

MCD में शासित भाजपा की सरकार अपनी आर्थिक बदहाली का बहाना करके कर्मचारियों का वेतन रोककर उनकी हड़ताल करवाकर दिल्ली सरकार से बस पैसे ऐंठना चाहती है.

दिल्ली के शहरी विकास मंत्री सत्येंद्र जैन ने विधासभा में सदन को बताया है कि दिल्ली सरकार को नगर निगमों को एक रुपये भी नहीं देना है, बल्कि नगर निगमों को ही करीब 6.50 हजार करोड़ रुपये दिल्ली सरकार को वापस देना है और उत्तरी दिल्ली नगर निगम (नार्थ एमसीडी) को दिल्ली सरकार को 2407 करोड़ रुपये लौटाना है. नार्थ एमसीडी ने यह पैसा लोन (कर्ज) के रूप में लिया था, लेकिन अब उसका ब्याज भी कई सालों से नहीं दे रही है.

आप नेता सौरभ भारद्वाज ने आगे कहा कि नार्थ एमसीडी ने अपने पार्षदों को 50-50 लाख रुपये फण्ड देने का फैसला किया है. वह भी तब जब एमसीडी के चुनाव में मात्र छह महीने ही बचे हैं और नॉर्थ एमसीडी पर 2407 करोड़ रुपये का कर्ज है. भाजपा द्वारा निगम कर्मचारियों के हक़ का पैसा रोक कर अपने पार्षदों को 50-50 लाख रुपये का फंड देना पूरी तरह भाजपा की मानसिकता को दर्शाता है कि पैसा है, मगर पैसे को तनख्वाहों में नहीं देना है, अपने पार्षदों को फंड देना है.

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Last Updated :Aug 2, 2021, 7:18 PM IST
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