नई दिल्ली: कोरोना महामारी के चलते दिल्ली में करीब दो साल से जिस तरह उथल-पुथल की स्थिति रही, अब उसे सामान्य करने की कोशिश की जा रही है. दिल्ली सरकार ने सार्वजनिक उपक्रमों के साथ ही स्कूलों, बाजारों, मॉल-रेस्टोरेंट्स, जिम आदि को खोलकर हालात सामान्य करने की कोशिश की है, लेकिन विशेषज्ञों की नजर में अभी भी ओमीक्रोन वेरिएंट से बचने के लिए हर उपाय जरूरी हैं.
दरअसल, कोरोना की तीसरी लहर में जिन लोगों की मौतें हुईं उनमें से 92 फीसदी ओमीक्रोन वेरिएंट के वायरस के चलते हुईं. बीते तीन दिनों से दिल्ली में कोरोना संक्रमित लोगों की संख्या में खासी कमी आयी है, लेकिन मृतकों की संख्या अभी भी दहाई में है.
कोरोना की तीसरी लहर में हुई मौतों का कारण जानने के लिए दिल्ली सरकार ने जनवरी महीने में 310 जिनोम सीक्वेंसिंग के लिए नमूने राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र को भेजे थे. इन नमूने में से 98 के विश्लेषण में पाया गया कि 92 फीसदी लोगों की मौत की वजह ओमीक्रोन वेरिएंट थी.
जिनोम सीक्वेंसिंग की रिपोर्ट के अनुसार जिन रोगियों की दिल्ली में कोरोना से मृत्यु हो गई थी, उनमें से 92 फ़ीसदी में ओमीक्रोन वेरिएंट मिला है. वहीं एक नमूने में डेल्टा वेरिएंट मिला था.
स्वास्थ विभाग के पुष्ट आंकड़ों के अनुसार जनवरी महीने में दिल्ली में कुल 750 से अधिक लोगों की मौतें कोरोना वायरस से हुई हैं. कोरोना की तीसरी लहर में मौतों की संख्या में बढ़ोतरी ओमीक्रोन वेरिएंट के कारण रहा है. साथ ही यह भी पता चला कि कोरोना की तीसरी लहर के दौरान दिल्ली में कोविड-19 के मामले में उछाल ओमीक्रोन वेरिएंट के कारण हुआ.
कोरोना के तीसरी लहर के दौरान केंद्र सरकार ने अलग-अलग राज्यों से सैंपल की जांच राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र को भेजी थी. उनमें 9672 नमूने में ओमीक्रोन वेरिएंट पाया गया है. राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र के निदेशक डॉ. एस. के. सिंह के अनुसार जांच के लिए आये अधिकांश नमूने में ओमीक्रोन के बीए-1 वेरिएंट पाया गया. यह ओमीक्रोन का सबसे पावरफुल वेरिएंट है, जबकि बीए-2 और बीए-3 वेरिएंट के लक्षण कमजोर देखने को मिला.
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बता दें कि दिल्ली सरकार द्वारा सोमवार को जारी बुलेटिन में बीते 24 घंटे में कोरोना के कुल 586 मामले सामने आए, वहीं चार लोगों की मौत होने का भी जिक्र है. कोरोना के संक्रमण की दर जनवरी महीने में औसतन 15 फीसदी के करीब थी. वहीं अब संक्रमण दर 1.37 फीसदी हो गई है. दिल्ली में कोरोना के सक्रिय मरीजों की संख्या अब 3416 है.