नई दिल्ली : राजधानी की सार्वजनिक परिवहन सेवा से जुड़ी डीटीसी की क्लस्टर बस के बेड़े में सोमवार को 32 नई बसें शामिल की गई हैं. इसके साथ ही बीते डेढ़ वर्षों में क्लस्टर बस सेवा में कुल 452 बसें शामिल हो चुकी हैं. हालांकि, इस दौरान डीटीसी के बेड़े में एक भी नई बस शामिल नहीं हो सकी है.
सोमवार को क्लस्टर सेवा से जुड़ी नई 32 बसों को परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने राजघाट बस डिपो से हरी झंडी दिखाकर रवाना किया. ये बसें नई तकनीक पर आधारित हैं. BS6 स्टैंडर्ड इंजन के साथ ही इनमें कैमरा, पैनिक बटन और यात्रियों की सुरक्षा को देखते हुए स्पीड गवर्नर लगाए गए हैं. सभी बसें एयर कंडीशनर हैं.
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इससे पहले क्लस्टर के ही बेड़े में 17 बसें शामिल की गई थीं. कुल मिलकर हाल ही में DTC को 49 नई बसें मिली हैं. DTC को मिलने वाली नई बसों के सवाल पर परिवहन मंत्री ने कहा कि विरोधी दिल्ली में बसों की राह में रोड़ा लगा रहे हैं. जल्दी ही डीटीसी को नई बसें मिलेंगी.
बता दें कि राज्य परिवहन प्राधिकरण ने डीटीसी की उन सभी बसों को भी अगले तीन साल तक चलने की इजाजत दे दी है, जिन्हें तकनीकी रूप से उम्र यानी उपयोग की समय सीमा पूरी हो जाने के कारण हटाया जाना था. इसकी वजह डीटीसी के बेड़े में बसों की संख्या कम होना है. बीजेपी का कहना है कि दिल्ली परिवहन निगम के पास कुल 3,760 बसें हैं, जिनमें से 99 प्रतिशत बसें पुरानी हो चुकी हैं कि उन्हें अब तक यात्री सेवा से बाहर हो जाना चाहिए था, लेकिन अभी भी उन बसों का इस्तेमाल किया जा रहा है.
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बीजेपी लगातार उच्चस्तरीय जांच करवाने की मांग करती रही है, लेकिन सरकार ने अभी तक न तो कोई नई बस खरीदी है और न ही हटाई जाने वाली बसों की जगह दूसरी बसों का इंतजाम किया है. दिल्ली में बसों में, जितने लोग सफर करते हैं, उसके मुताबिक डीटीसी के बेड़े को कम से कम 11 हजार बसों की जरूरत है.