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साल दर साल बदहाल होती गई डीटीसी को रिवाइवल की आस, 2025 तक रिटायर्ड हो जाएंगी सारी बसें!

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Published : Jul 16, 2021, 8:30 PM IST

विकास को लेकर हमेशा चर्चा में रहने वाली दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार अपेन 7 साल के कार्यकाल में DTC के बेड़े में एक भी बस शामिल नहीं कर सकी. सरकार ने जैसे-तैसे 1000 बसों को खरीदी की प्रक्रिया शुरू की तो उसमें कथित भ्रष्टाचार के आरोप लगने लगे. दिल्ली में DTC बस खरीद मामले में राजनीति बढ़ती जा रही है. DTC के बारे में पूरी जानकारी के लिए ईटीवी भारत की खास रिपोर्ट पढ़ें...

dtc-bus-condition
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नई दिल्ली : राजधानी दिल्ली में जिन मुद्दों के लिए अरविंद केजरीवाल सरकार हमेशा विपक्ष के निशाने पर रहती है उनमें DTC प्रमुख है. बीते सालों में लगातार बदहाल होती गई परिवहन निगम में बसों की संख्या को बढ़ाया जाना था, लेकिन DTC में शामिल होने वाली 1000 बसें कथित भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ती दिखाई दे रही हैं. दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार अपने दोनों कार्यकाल में DTC के बेड़े में अभी तक एक भी बस शामिल नहीं कर सकी है. अगर हालात ऐसे ही रहे तो 2025 तक DTC की सारी बसें सेवा मुक्त हो जाएंगी.




दिल्ली परिवहन निगम के बेड़े में आखिरी बार 2010 में कॉमनवेल्थ गेम्स के दौरान नई बसें शामिल की गईं थीं. मौजूदा समय में डीटीसी में कुल 3700 बसे हैं. इसके अलावा अगर क्लस्टर स्कीम के तहत चलने वाली बसों को जोड़ दें तो दिल्ली में कुल बसों की संख्या लगभग 6300 हो जाती है. दिल्ली शहर को कम से कम 11 हजार बसों की जरुरत है.

डीटीसी को रिवाइवल की आस



DTC के बेड़े में शामिल होने वाली हर बस की एक उम्र होती है. जानकारों की मानें तो मौजूदा बसों के लिए ये उम्र 12 साल या 7 लाख किलोमीटर का सफर निर्धारित किया गया है. हाल ही में इसे बढ़ाया गया है. दिल्ली परिवहन मज़दूर संघ के महामंत्री कैलाश चंद्र मालिक कहते हैं कि DTC बसों की उम्र को देखा जाए तो 2024 तक दिल्ली में डीटीसी की सभी बसे रोड से गायब हो जाएंगी. बाते सालों में DTC में कुछ बसें शामिल गई थी, लेकिन वे क्लस्टर स्कीम के तहत चलने वाली बसें थी. अरविंद केजरीवाल सराकार अपने अब तक के कार्यकाल में एक भी बस DTC के बेड़े में शामिल नहीं कर सकी है.

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दिल्ली सरकार की तरफ से जिन 1000 बसों को DTC में शामिल किया जाना था. उनकी प्रक्रिया कथित भ्रष्टाचार के कारण अधर में ही रह गई. इन नई बसों में पहले दिन से ही मेंटेनेन्स कॉस्ट दिए जाने से बीजेपी ने केजरीवाल सरकार पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं. जिसके बाद बसों की खरीद पर परिवहन विभाग ने रोक लगा दी है. इसके अलावा दिल्ली के उपराज्याल ने जो कमेटी बनाई है उसने टेंडर प्रक्रिया दोबारा से शुरू करने का सुझाव दिया है. विपक्ष में बैठी बीजेपी इसकी जांच सीबीआई से कराने की लगातार मांग कर रही है. ऐसे में इन बसों के DTC बेड़े में शामिल होने की उम्मीद कम ही है.

दिल्ली DTC के हाल
दिल्ली DTC के हाल

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DTC बस खरीद में अब तक जो हुआ उसे आम आदमी पार्टी भाजपा की साजिश बता रही है. इसे लेकर दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा था कि भारतीय जनता पार्टी झूठ की राजनीति करती है. DTC के मामले में भी यही हो रहा है. सरकार बस लाने का प्रयास कर रही थी, लेकिन उसमें भी झूठ फैलाकर उसे रोक दिया गया. सिसोदिया ने कहा कि दिल्ली की जनता ने आम आदमी पार्टी को चुना है. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल लगातार उस दिशा में काम कर रहे हैं, लेकिन भारतीय जनता पार्टी को झूठ की राजनीति करने के अलावा कोई काम नहीं है.

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DTC बस मामले में बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने कहा कि मौजूदा समय में दिल्ली की परिवहन व्यवस्था को लचर बनाने की जिम्मेदारी अगर किसी की है तो वह आम आदमी पार्टी की है. आम आदमी पार्टी ने चुनाव के वक्त दिल्ली के लोगों से तमाम तरीके के वादे किए थे. और जिनमें परिवहन व्यवस्था को बेहतर बनाना भी शामिल था, लेकिन आप सरकार ठीक इससे उलट भ्रष्टाचार में डूबी हुई है. जिसका ताजा उदाहरण डीटीसी की 1000 बसों की खरीद में हुआ घोटाला है. केजरीवाल सरकार 7 साल में एक भी बस DTC को नहीं दे सकी है. दिल्ली के लोगों को अरविंद केजरीवाल और उनकी सरकार की सच्चाई पता चल गई है. दिल्ली को डीटीसी बसों की जरूरत है और आम आदमी पार्टी के होते हुए यह मुमकिन नहीं लगता है.

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