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Russia- China Trade: पश्चिमी देशों ने संबंध तोड़ा तो रूस बना चीन का सहारा, 41 फीसदी बढ़ा बिजनेस

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Published : May 25, 2023, 10:05 AM IST

रूस- यूक्रेन युद्ध के चलते कई पश्चिमी देशों ने Russia के साथ अपने व्यापारिक संबंध तोड़ दिए. जिसके बाद चीन ने रूस की तरफ व्यापारिक साझेदारी के लिए हाथ बढ़ाया और अब Russia- China Trade मजबूत होता नजर आ रहा है. पढ़ें पूरी खबर...

Russia- China Trade
रूस चीन व्यापार

हांगकांग : रूस के प्रधानमंत्री मिखाइल मिशुस्टिन ने चीन की अपनी यात्रा के दौरान कहा कि रूस और चीन के बीच व्यापार इस साल 200 अरब डॉलर के नए रिकॉर्ड स्तर तक पहुंचने की उम्मीद है, क्योंकि मास्को पश्चिम से बढ़ते अलगाव का सामना कर रहा है. यह जानकारी स्थानीय मीडिया ने दी. सीएनएन ने बताया कि यूक्रेन के खिलाफ विनाशकारी युद्ध छेड़ने के बाद से ही रूस पर अभूतपूर्व पश्चिमी प्रतिबंध लगे हैं और वह वैश्विक अर्थव्यवस्था से बाहर हो गया है.

रूस- चीन व्यापार 41 फीसदी बढ़ा: सीएनएन के मुताबिक, चीन ने अपने उत्तरी पड़ोसी के साथ अपनी दोस्ती की कोई सीमा घोषित नहीं की है. क्रेमलिन एक आर्थिक जीवनरेखा है, जिसने वैश्विक वित्तीय प्रणाली से अपने निष्कासन के प्रभाव को कम किया है. पिछले साल द्विपक्षीय व्यापार लगभग 30 फीसदी बढ़कर रिकॉर्ड 190 अरब डॉलर हो गया. मुख्य रूप से चीन द्वारा रूसी ऊर्जा खरीदे जाने से व्यापार को बढ़ावा मिला. चीनी सीमा शुल्क के आंकड़ों के मुताबिक, इस साल उनका व्यापार पहले चार महीनों में 41 फीसदी तक बढ़ा है.

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इस साल 200 अरब डॉलर का लक्ष्य : चीन के सरकारी चैनल ग्लोबल टाइम्स के मुताबिक, मिशुस्टिन ने मंगलवार को शंघाई में चीन-रूस बिजनेस फोरम में एक भाषण के दौरान कहा, 'मुझे विश्वास है कि इस साल हम दोनों देशों के नेताओं द्वारा निर्धारित लक्ष्यों को हासिल करने और कुल व्यापार को 200 अरब डॉलर तक लाने में सक्षम होंगे.' यह 2019 में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और चीनी नेता शी जिनपिंग द्वारा निर्धारित कार्यक्रम से एक साल आगे होगा.

कच्चा तेल से रूस- चीन व्यापार मजबूत: सीएनएन ने बताया कि चीन के सीमा शुल्क प्राधिकरण के अधिकांश आंकड़ों के अनुसार, रूस फरवरी से चीन का सबसे बड़ा कच्चा तेल आपूर्तिकर्ता बनने के लिए सऊदी अरब को पीछे छोड़ चुका है. दोनों देशों ने मंगोलिया के रास्ते चीन को अधिक रूसी गैस पहुंचाने के लिए पावर-ऑफ-साइबेरिया 2 पाइपलाइन बनाने की भी योजना बनाई है. प्रोजेक्ट अभी तय नहीं हुआ है. लेकिन पुतिन ने मार्च में कहा था कि तीनों देशों ने पाइपलाइन खत्म करने के सभी समझौते पूरे कर लिए हैं और रूस 2030 तक चीन को कम से कम 98 अरब क्यूबिक मीटर गैस पहुंचाएगा.

(आईएएनएस)

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